टीएमयू फैकल्टी ऑफ एजुकेशन मे इमोशनल इंटेलिजेंस पर वर्कशॉप

TMU Faculty of Education organizes workshop on Emotional Intelligence

रविवार दिल्ली नेटवर्क

महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड, बरेली के बरेली कॉलेज में एमएड विभाग की सीनियर फैकल्टी डॉ. अजीता सिंह तिवारी ने अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस- एआई के बदलते परिदृश्य में भावनात्मक रूप से सक्षम शिक्षकों और पेशेवरों की आवश्यकता पर बल दिया। भावनात्मक रूप से मजबूत शिक्षक ही तकनीक का उपयोग सहानुभूति और नैतिकता के साथ की सकता है। उन्होंने भावनात्मक बुद्धिमत्ता की संकल्पनात्मक रूपरेखा, उसके घटक तत्वों, निर्णय-निर्माण, नेतृत्व और पारस्परिक संप्रेषण में इसकी भूमिका पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। डॉ. तिवारी ने चिंतनशील चर्चाओं और अनुभवात्मक गतिविधियों के जरिए आत्म-जागरूकता और भावनात्मक नियंत्रण के टिप्स दिए। डॉ. अजीता तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के शिक्षा संकाय की ओर से इन्नोवेट विद हार्टः इमोशनल इंटेलिजेंस इन द एरा ऑफ एआई पर आयोजित वर्कशॉप में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं। इससे पूर्व दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के संग वर्कशॉप का शुभारम्भ हुआ।

मुख्य अतिथि डॉ. अजीता सिंह ने डॉ. अरुण कुमार और डॉ. श्रुति नरैन के जरिए विकसित मानकीकृत भावनात्मक बुद्धिमत्ता परीक्षण उपकरण का परिचय देते हुए प्रतिभागियों पर लागू करके भी दिखाया। उन्होंने खेल आधारित गतिविधियों से प्रतिभागियों में टीम वर्क, सहानुभूति निर्माण और परिस्थिति विश्लेषण के जरिए वास्तविक जीवन स्थितियों में भावनात्मक बुद्धिमत्ता के सिद्धांतों को लागू करना भी सिखाया। शिक्षा संकाय के प्राचार्य डॉ. विनोद कुमार जैन ने कहा, भावनात्मक बुद्धिमत्ता ऐसी मानवीय क्षमता है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में और भी अधिक आवश्यक हो गई है। जहां एआई प्रणाली डेटा-आधारित निर्णय लेने में सक्षम है, वहीं सहानुभूति, संवेदनशीलता और भावनात्मक समझ जैसी मानवीय गुणों की जगह कोई मशीन नहीं ले सकती। डॉ. जैन ने विद्यार्थियों और शिक्षकों से तकनीकी दक्षता के साथ भावनात्मक संवेदनशीलता को संतुलित करने का आह्वान किया। फैकल्टी डॉ. रूबी शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।