
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के सेंटर फॉर टीचिंग, लर्निंग एंड डवलपमेंट- सीटीएलडी की भाषण प्रतियोगिता- स्पीचमास्टर 2.0
रविवार दिल्ली नेटवर्क
- इंजीनियरिंग- बीटेक के स्टुडेंट संयम जैन रहे द्वितीय
- बीए-एलएलबी की वर्षा अग्रवाल ने पाई थर्ड पोजिशन
- वीसी प्रो. वीके जैन ने स्पीकिंग के महत्व पर डाला प्रकाश
- श्रोताओं को जोड़ना अद्वितीय कौशलः प्रो. पंकज कुमार
- निर्णायक मंडल में सुनीता भटनागर और मैथ्यू पी. शामिल
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के सेंटर फॉर टीचिंग, लर्निंग एंड डवलपमेंट- सीटीएलडी की भाषण प्रतियोगिता- स्पीचमास्टर 2.0 में मैनेजमेंट से एमबीए थर्ड ईयर के ऋषभ अग्रवाल विजेता रहे। इंजीनियरिंग से बीटेक थर्ड ईयर के संयम जैन ने द्वितीय और विधि संकाय से बीए एलएलबी ऑनर्स थर्ड ईयर की वर्षा अग्रवाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजेताओं को प्रतियोगिता के तीन राउंड- हिट द ग्राउंड, बर्न द फ्लोर और द बैटलफील्ड की कड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। निर्णायक मंडल में बोन ऐनी पब्लिक स्कूल की प्राचार्या श्रीमती सुनीता भटनागर और पीएमएस पब्लिक स्कूल के प्राचार्य श्री मैथ्यू पी. एलनचेरिल शामिल रहे। इससे पूर्व ऑडी में टीएमयू के वीसी प्रो. वीके जैन ने बतौर मुख्य अतिथि, गेस्ट्स के संग सीटीएलडी के डायरेक्टर प्रो. (डॉ.) पंकज कुमार सिंह आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके शुभारम्भ किया। स्पीचमास्टर 2.0 में 317 छात्रों में से 38 छात्रों ने फाइनल राउंड में ऑन-द-स्पॉट स्पीच दी।
मुख्य अतिथि वीसी प्रो. वीके जैन ने प्रभावी पब्लिक स्पीकिंग के महत्व और करियर में इसके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। सीटीएलडी के डायरेक्टर प्रो. पंकज कुमार सिंह ने कहा, सार्वजनिक भाषण करना और श्रोताओं को अपनी बात से जोड़ना एक अद्वितीय कौशल है। स्पीचमास्टर 2.0 ने छात्रों को न केवल अपने विचारों को बेहतर तरीके से व्यक्त करने का मौका दिया, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और संचार कौशल में निपुण बनने की दिशा में प्रेरित किया। प्रतियोगिता के जरिए छात्रों को आत्मविश्वास के साथ मंच पर अपनी बात रखने और ग्लोसोफोबिया- पब्लिक स्पीकिंग का डर पर विजय प्राप्त करने का अवसर मिला। कार्यक्रम में प्रोग्राम कोर्डिनेटर एवम् सीटीएलडी के मास्टर ट्रेनर श्री अंकित शर्मा मौजूद रहे। उल्लेखनीय है, प्रत्येक प्रतिभागी को मंच पर जाने से मात्र चार मिनट पहले स्पीच का विषय दिया गया, इसका मकसद प्रतिभागी की सोचने और त्वरित विचार प्रस्तुत करने की क्षमता का परीक्षण करना रहा।