चक्रवर्ती सम्राट भरत की दिग्विजयी यात्रा के अभिनंदन को टीएमयू ने बिछाए पलक पांवडे

TMU rolls out the red carpet to welcome the victorious journey of Chakravarti Emperor Bharat

रविवार दिल्ली नेटवर्क

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के संपूर्ण परिसर का मंजर- अदभुत, अविश्वसनीय और अकल्पनीय, दो घंटे तक हेलीकॉप्टर से हुई गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा

  • हाथी, घोड़े, ऊंट, बग्गी, सोने का रथ आकर्षण का केंद्र
  • पुणे से केरल तक के वाद्य यंत्रों ने सभी का मन मोहा
  • मणिपुरी कलाकारों ने दी अम्ब्रेला ढोल नृत्य की प्रस्तुति
  • चार घंटे की रथ यात्रा में उल्लास सिर चढ़कर बोला
  • रंग-बिरंगे परिधानों और साफे में नज़र आए श्रद्धालु

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी का कैंपस दिव्य, भव्य और आध्यात्मिकता की अनुभूति से लबरेज नज़र आया। सुबह आठ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक- करीब नौ घंटे सम्पूर्ण परिसर मशहूर वाद्य यंत्रों की भक्तिमय धुनों, रंग-बिरंगे परिधानों में हाथियों, घोड़ों, ऊंटों, स्वर्ण रथ, बग्गियों की मौजूदगी ने चक्रवर्ती सम्राट भरत की दिग्विजय यात्रा में चार चांद लगा दिए। इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है, इन अद्भुत एवम् आलौकिक दृश्यों को बरसों तक याद रखा जाएगा। बागड़पुर फ्लाईओवर के नीचे दिग्विजय यात्रा को बतौर मुख्य अतिथि मंडलायुक्त श्री आन्जनेय कुमार सिंह ने 12ः15 बजे हरी झंड़ी दिखाकर कैंपस के लिए रवाना किया। टीएमयू के ग्रुप वाइस चेयरमैन श्री मनीष जैन चक्रवर्ती सम्राट भरत और श्रीमती ऋचा जैन सुभद्रा चक्रवर्ती की भूमिका में रथ पर सवार थे, जबकि दिग्विजय यात्रा अंतिम छोर पर अजमेर से आए ज्ञान-विज्ञान संयम उत्सव विशाल रथ पर कुलाधिपति एवम् महायज्ञ नायक श्री सुरेश जैन, फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन, श्रीमती जहान्वी जैन विराजमान थे। चक्रवर्ती सम्राट भरत के रथ के आगे-आगे परम पूज्य आचार्य श्री 108 वसुनंदी जी महाराज के परम प्रभावी शिष्य प्रज्ञाश्रमण उपाध्याय श्री 108 प्रज्ञानंद जी महामुनिराज, मुनि श्री 108 सभ्यानंद जी मुनिराज ससंघ एवम् गिरनार गौरव आचार्य श्री 108 निर्मल सागर जी महाराज के परम प्रभावी शिष्य क्षुल्लकरत्न गिरनार पीठाधीश श्री 105 समर्पण सागर जी महाराज संसंघ तीन दर्जन से अधिक श्रावकों के घेरे में चल रहे थे।

करीब एक बजे चक्रवर्ती सम्राट भरत के रथ को हजारों श्रद्धालुओं ने जयकारों और मंगल ध्वनि के साथ ऐतिहासिक मंगल प्रवेश करवाया। रथ पर सवार टीएमयू के ग्रुप वाइस चेयरमैन श्री मनीष जैन ने चक्रवर्ती सम्राट भरत और श्रीमती ऋचा जैन ने सुभद्रा चक्रवर्ती के रूप में सेकेंड सिक्योरिटी चेकपोस्ट पर स्टाफ रूपी प्रजा को फलों की टोकरी का वितरण किया। श्री ऋषि जैन सौधर्म इन्द्र, श्रीमती निधि जैन- शचि इंद्राणी, वीसी प्रो. वीके जैन-महामंडलेश्वर, श्री मनोज जैन- बाहुबली, प्रो. विपिन जैन-कुबेर की भूमिका में दिग्विजय यात्रा में शामिल रहे। इस विशाल यात्रा के दौरान चौतरफा जैन पताका, मंगल कलश, आचार्य विद्यासागर जी महाराज, गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माता जी सरीखे जैन संतों के कटआउट्स की भव्यता देखते ही बनती थी। रिद्धि-सिद्धि भवन होते हुए भव्य दिग्विजय यात्रा ने पूरे टीएमयू कैंपस का भ्रमण किया। यूनिवर्सिटी के कण-कण को धर्म की ऊर्जा से संचित कर दिया। अंत में वापस रिद्धि-सिद्धि भवन में अभिषेक और शांतिधारा के संग दिग्विजय यात्रा का समापन हो गया।

दिग्विजय यात्रा में पुणे का वाद्य यंत्र- झांज पथक, केरल के ढोल- चेंडा मेलम, रहली पटना सागर से ऐरावत हाथी, दिल्ली का नासिक ढोल, खुरई से रमतुला दलदल घोड़ी, दिल्ली से शहनाई, ऊंट, बग्गी, मंगल कलश, जबलपुर का प्रसिद्ध श्याम बैंड, अम्ब्रेला नृत्य आदि की झांकियां और हजारों श्रद्धालुओं का संगम अद्भुत एवम् अप्रतिम नज़र आए। अम्ब्रेला ढोल नृत्य मणिपुरी कलाकारों की ओर से प्रस्तुत किया गया। पूरे कैंपस में मगध, काशी, गांधार, पांचाल आदि छह स्टॉल्स भी सजाए गए, जिनमें श्रावक-श्राविकाओं ने इन राज्यों की ओर से चक्रवर्ती सम्राट के सम्मान में कल्चरल इवेंट प्रस्तुत की गईं। उल्लेखनीय है, इन राज्यों के राजाओं ने चक्रवर्ती सम्राट भरत की आधीनता स्वीकार की थी। इस यात्रा का सबसे रोमांचक और अविस्मरणीय क्षण हेलीकॉप्टर के जरिए दो घंटे तक पुष्प वर्षा रहा। दिग्विजय यात्रा में मुरादाबाद जैन समाज के श्री अनिल जैन, रामगंगा विहार जैन मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री संदीप जैन, महिला समाज की अध्यक्ष श्रीमती नीलम जैन, उद्यमी श्री आकाश जैन, श्री अनिल अग्रवाल के संग-संग 100 किमी के दायरे से जैन समाज के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन, डॉ. कल्पना जैन, प्रो. रवि जैन, डॉ. अंकिता जैन, डॉ. हर्षित जैन, डॉ. विनोद जैन, डॉ. रत्नेश जैन, डॉ. प्रवीन जैन, डॉ. अर्चना जैन आदि भी मौजूद रहे। सभी अतिथियों ने दिग्विजय यात्रा के पश्चात कुलाधिपति आवास- संवृद्धि पर वात्सल्य भोज किया । उल्लेखनीय है, श्री मज्जिनेन्द्र कल्पद्रुम महामंडल विधान जैन संतों के सानिध्य में रिद्धि-सिद्धि भवन में 30 अक्टूबर से विधि-विधान से चल रहा है, जिसका समापन विश्व शांति महायज्ञ के संग 07 नवम्बर को होगा।