ब्रजधरा में गरजें मोदी के चाणक्य शाह, गहलोत-सचिन द्वन्द पर किया तंज
नीति गोपेंद्र भट्ट
नई दिल्ली : भौगोलिक दृष्टि से देश के सबसे बड़े सूबे राजस्थान में इस वर्ष के अन्त में होने वाले विधान सभाचुनाव और अगले वर्ष होने वाले लोकसभा आम चुनावों को देखते हुए भाजपा ने राजस्थान में अपने मिशन2023-24 की शुरुआत भाजपा की प्रदेश में सबसे कमजोर कड़ी पूर्वी राजस्थान के वोटरों को साधने के साथ कर दी है। राजस्थान के पिछलें विधान सभा चुनाव में बीजेपी को सबसे अधिक नुक़सान पूर्वी राजस्थान में ही हुआ था और जाट आदिवासी मीणा गुर्जर और एससी बाहुल्य इस उत्तरप्रदेश एवं मध्य प्रदेश से जुड़े इलाक़े में भाजपा को बहुत कम सीटें मिलीं थी इसलिए इस बार चुनाव से पहलें रणनीतिक ढंग से अमित शाह की सभाओं की शुरुआत भरतपुर से कराई गई है। इसके पहलें भाजपा दौसा में दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस हाई वे के प्रथम चरण का उद्घाटन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक बड़ी सभा करवा चुकी है।पूर्वी राजस्थान पर फ़ोकस कर भाजपा पिछली बार की ग़लतियों को सुधारने और हारी सीटों को जीत में बदलने के प्रयासों में जुट गई है।
केंद्रीय गृह मन्त्री अमित शाह ने शनिवार को अंग्रेजों से लोहा लेने वाले जाट महाराजा सूरजमल के वंशज और गहलोत मंत्रीमंडल के वरिष्ठ मंत्री विश्वेंद्र सिंह की धरती भरतपुर में ज़बर्दस्त हूंकार भरी। भरतपुर में आयोजित भाजपा ‘बूथ अध्यक्ष संकल्प महासम्मेलन’ में पूर्वी राजस्थान के चार जिलों भरतपुर, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर तथा 19 विधानसभाओं के 24 हजार से ज्यादा बूथ अध्यक्षों एवं कार्यकर्ताओं के साथ ही भारी जनसमुदाय भी मौजूद था।शाह ने उसे महाकुंभ की संज्ञा दी ।
अमित शाह की महती जनसभा की विशेषता यह रही कि मंच पर भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री और भरतपुर के निकटवर्ती जाट राजघराना की पूर्व महारानी वसुंधरा राजे, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर,केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल एवं कैलाश चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सांसद सी पी जोशी, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता राजेन्द्र राठौड़,उपनेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया,कई सांसद गण सहित भाजपा के सभी गुटों के नेता सभा स्थल पर मौजूद थे।इस तरह डॉ सतीश पूनिया के स्थान पर बनायें गए भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष सी पी अपनी पहली परीक्षा में सफल हो गए है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चाणक्य माने जाने वाले केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को मरुधरा राजस्थान के पूर्वांचल भरतपुर में प्रदेश की गहलोत सरकार पर जम कर बरसें। उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के आपसी द्वन्द तथा हाल में पायलट द्वारा किए गए अनशन प्रकरण पर भी ज़ोरदार तंज किया ।
अमित शाह ने कहा कि यहां राजस्थान में… दोनों लोग सत्ता के लिए लड़ रहे हैं। अशोक गहलोत जी सत्ता सेउ तरना नहीं चाहते और सचिन पायलट जी कहते हैं कि सीएम मैं बनूँगा। ये खामखा झगड़ रहे हैं, क्योंकि सरकार तो भाजपा की बननी है। भैइया काहें को झगड़ रहें हों? जो चीज आपकी है ही नहीं उसके लिए क्यूँ लड़ाई कर रहे हों? उन्होंने कहा कि सचिन पायलट जी कहां लड़ रहे हों कोई फायदा होने वाला नहीं है।पायलट जी, आप कितना भी धरना-प्रदर्शन कर लो, आपका नंबर नहीं आएगा।आपका कंट्रीब्यूशन जमीन परअशोक गहलोत जी से ज्यादा हो सकता है लेकिन कांग्रेस के खजाने में गहलोत जी का कंट्रीब्यूशन ज्यादा है।उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत ने राजस्थान सरकार को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाया और भ्रष्टाचार का पैसा कांग्रेस के खजाने में भेजा।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की लोकप्रियता के कारण 2023 में भाजपा राजस्थान में दो-तिहाई बहुमत से जीतेगी और लोकसभा चुनावों में 25 की 25 सीटों पर फिर से कमल खिलेगा। जिस दिन गहलोत सरकार ने रामनवमी की शोभा यात्रा और भगवा ध्वज पर रोक लगाई, उसी दिन जनता ने कांग्रेस की विदाई सुनिश्चित कर दी है।
उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने राजस्थान के अंदर हर क्राइम में नए रिकॉर्ड बनाये हैं…राजस्थान की गहलोत सरकार 3डी के रास्ते पर चलती है… पहला डी- दंगे का, दूसरा डी- महिलाओं से दुर्व्यवहार और तीसरा डी- दलितों पर अत्याचार।
शाह ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस के भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण एवं आंतरिक कलह के कारण जनता को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि वीरभूमि का विकास और जन कल्याण मोदी जी के नेतृत्व में भाजपा की डबल इंजन सरकार ही कर सकती है।
अमित शाह ने गहलोत सरकार और कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी कलह पर बहुत जोर से हमला बोला और कहाकि जो लोग एक समय लोकसभा में भाजपा की दो सीटें आने पर कहते थे कि ‘हम दो और हमारे दो ‘ उन्हें आज वहाँ प्रतिपक्ष के नेता का दर्जा तक नही मिला है और किसी वक्त पूरे भारत पर राज करने वाली यह पार्टी आज मात्र कुछ प्रदेशों में सिमट गई हैं । इनके नेता विदेशों में भारत की छवि बिगाड़ते है तथा यहीं हाल रहा तों यें कहीं के नहीं रहेंगे।
इस तरह केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्वी राजस्थान में चुनावी बिगुल बजा कर अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरा है तथा संकेत दिए कि आने वाले महीनों में प्रधानमंत्री मोदी और वे स्वयं प्रदेश में धुआँधार चुनाव रेलियाँ और प्रचार करेंगे।
इधर अपने महंगाई राहत केम्प और बजट की सामाजिक सुरक्षा एवं जन कल्याणकारी योजनाओं को हाई-लाइट कर रहें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गाँधी द्वारा किए गए एक ट्विट “प्रधानमंत्री जी को करेप्शन से कोई बहुत नफ़रत नहीं है।” को रिट्वीट किया है ।वहीं दूसरी और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी रणनीति के तहत 17 अप्रेल सोमवार से फिर दिल्ली से राजस्थान की ओर रुख करते हुए जयपुर और झुंझुनू जिले की अपनी यात्राओं के कार्यक्रम को अपने ट्वीटर अकाउंट पर साँझा किया है।