रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली : दिल्ली का कोना कोना चमक उठा मशाल की लौ से अंधेरे को चीरती ये मशाल मिसाल बनेगी। सरकारी कर्मचारियो की पेंशन को लात मार जो नेता नौ नौ पेंशन डकार रहे है उन सबके लिए ये मशाल चेतावनी है, शाहदरा बाबूराम स्कूल के बाहर हाथो में मोमबत्ती बैनर पोस्टर लिए पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर खड़े सरकारी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए इप्सेफ उपाध्यक्ष ललिता अध्यापक ने कहा कि सदन में बैठे नेता ये देख ले सरकारी कर्मचारी अपनी मांग को लेकर आज सड़क पर डट गया है कागज़ कलम चाक इंजेक्शन छोड़ पूरी दिल्ली के सरकारी कर्मचारियों ने इप्सेफ के बैनर तले हक अधिकार की जो ज्वाला जलाई है ये 2024 तक जलती रहेगी या तो सरकार हमारी पुरानी पेंशन बहाल कर हमारे बुढापे के सहारे को बहाल करेगी या फिर हम दिल्ली के लाखो सरकारी कर्मचारी अपनी वोट की चोट से सरकार के अभिमान जो चकनाचूर करंगे। एक तरफ अपनी तकखवाह सुविधा एक पल में बढ़ा कई कई पेंशन डकारने वाले नेता है दूसरी ओर पूरी ज़िंदगी सरकार के नाम कर बुढापे में खाली हाथ मलते कर्मचारी ।कुछ राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन बहाल कर इंसाफ किया है जो सराहनीय है, पर हमारी मांग केन्द्र में काबिज बीजेपी सरकार से है हमारी मांग है अटल की गलती मोदी का सुधार,पुरानी पेंशन दे दो सरकार।
दिल्ली इप्सेफ के अध्यक्ष अजयवीर यादव ने कहा पेंशन खैरात नही अधिकार है पूरी जवानी देश के नाम झोंक मिलने वाली सुरक्षा रोटी का सहारा बुढापे का स्वाभिमान है,इस संम्मान को कुचल कोई सत्ता में काबिज हो जाएगा सरकारी कर्मचारी ऐसा होने नही देंगे।आज पूरे देश में मशाल ले लोग निकले है जल्द ही देश भर में चिंगारी ज्वाला बन धधकेगी। इस हक की मांग और न्याय की आग के सामने वही दल बचेगा जो पुरानी पेंशन बहाल करने का एलान करेगा। कमर्चारियों ने कई राज्योके अपने संघर्ष से कई राज्य सरकारो को मजबूर किया है अब दिल्ली ने अंगड़ाई ली है ये लड़ाई 24 में निर्णयक साबित होगी।
इस अवसर पर इप्सेफ के राष्ट्रीय सचिव प्रेमचंद , अध्यापक शक्ति मंच के संयोजक जेपी रावल,अध्यक्ष वीरेंद्र डबास,जीएसटीए नेता राजवीर छिकारा,डूकु अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, रविंदर पांडे, उपाध्यक्ष बाबूलाल शर्मा,शिक्षक अंतराम, लैब एसशिएशन के वीर पाल ,सतीश तिलोरिया,जामिया से जाबिर हुसेन,पूसा के राजकुमार, राकेश,रेलवे से घेवर चंद,नर्सेस यूनियन से अनिता ज़ू से अमित राणा नेएसडी से सतबीर सिंह, केंद्रीय विद्यालय से अनिल तिवारी और योगेंद्र चंदेलिया,राम नगीना राय, जेएनयू से सुरेंद्र सुर्या, सफदरजंग से अस्पताल से रामचंदर मोगा,समेत दिल्ली के प्रत्येक कर्मचारी संगठन ने बढ़चढ़ कर हिसा लिया और मशाल जला हुंकार भरी।