कल नई दिल्ली में देश के व्यापारी नेता तुर्की और अज़रबैजान से व्यापार बॉयकॉट का लेंगे निर्णय

Tomorrow in New Delhi, the country's business leaders will decide on trade boycott with Türkiye and Azerbaijan

दीपक कुमार त्यागी

कैट का दावा—भारत के व्यापारी यदि तुर्की और अज़रबैजान से व्यापार बंद करें, तो उनकी की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव

दिल्ली : कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कल नई दिल्ली में देश के विभिन्न राज्यों के प्रमुख व्यापारी नेताओं की एक राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस बुलाई है जिसमें पाकिस्तान का समर्थन करने के कारण तुर्की एवं अजरबेजान के साथ व्यापारियों द्वारा सभी वस्तुओं का आयात-निर्यात व्यापार बंद किए जाने पर निर्णय लिया जाएगा। कैट का कहना है कि जो भी देश भारत के खिलाफ है, उसके साथ व्यापार करने का कोई सवाल ही नहीं है और देश के व्यापारियों द्वारा अपनी देशभक्ति को प्रदर्शित करने का यही समय है। पूरे देश के साथ व्यापारी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एकजुट होकर खड़े हैं। कॉन्फ्रेंस में भारत की सेनाओं के शौर्य एवं पराक्रम के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए देश भर में तिरंगा यात्रा का आयोजन एवं ई कॉमर्स कंपनियों द्वारा भारत के व्यापार की हड़पने के ख़िलाफ़ भी बड़े निर्णय लिए जाएँगे।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं दिल्ली के चांदनी चौक से भाजपा के सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि उपलब्ध जानकारी के मुताबिक व अप्रैल 2024 से लेकर फरवरी 2025 के अप्रैल के बीच भारत का तुर्की को निर्यात 5.2 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा 6.65 अरब अमेरिकी डॉलर था जबकि इसी अवधि में भारत का तुर्की से आयात 2.84 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो 2023-24 में 3.78 अरब अमेरिकी डॉलर था।

इसी प्रकार इसी अवधि में अज़रबैजान को भारत का निर्यात केवल 86.07 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि 2023-24 में यह 89.67 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।दूसरी तरफ़ अज़रबैजान से भारत का आयात इसी समय के दौरान केवल 1.93 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जो 2023-24 में 0.74 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया ने बताया कि भारत से तुर्की को रिफाइंड पेट्रोलियम, मोटर व्हीकल्स और पार्ट्स, स्टील, कैमिकल्स, दवाएं, कीमती पत्थर और वस्त्र सहित कई प्रमुख वस्तुएं निर्यात होती हैं जबकि तुर्की से भारत को कच्चा पेट्रोलियम,मशीनरी, मार्बल, गोल्ड, फल, प्लास्टिक और वस्त्र आयात होते हैं।

भारत से अज़रबैजान को तंबाकू, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी, दवाएं, सिरेमिक उत्पाद, अनाज आदि निर्यात होते हैं जबकि अज़रबैजान से भारत को प्रमुख रूप से खनिज तेल, केमिकल्स, कच्ची खालें, एल्यूमिनियम और कॉटन आदि आयात होते हैं।

प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि व्यापारिक बहिष्कार के परिणामस्वरूप तुर्की को निर्यात में अरबों डॉलर के नुकसान के साथ-साथ घरेलू उद्योगों, जैसे स्टोन और माइनिंग, फर्नीचर, वस्त्र, और खाद्य प्रसंस्करण पर बड़ा असर होगा। खंडेलवाल ने स्पष्ट कहा कि इन दोनों देशों का भारत के साथ व्यापार उनके लिए लाभकारी है और यदि भारतीय व्यापारी और उद्योगपति सामूहिक रूप से इन देशों का व्यापारिक बहिष्कार करते हैं, तो यह उन्हें आर्थिक रूप से झकझोर देगा और उन्हें भारत के खिलाफ खड़े होने की कीमत चुकानी पड़ेगी।