ओम प्रकाश उनियाल
प्राकृतिक सुंदरता, शांत व स्वच्छ वातावरण को समेटे हुए है चकराता। यह उत्तराखंड के देहरादून जनपद का पर्वतीय भाग है। जो कि देहरादून शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। छावनी क्षेत्र होने के कारण यहां पर्यटन उद्योग अपना वास्तविक स्वरुप नहीं ले पाया। लगभग 7000 फुट की ऊंचाई पर स्थित प्रकृति की बेशुमार छटा से भरपूर इस क्षेत्र में प्रवेश करते ही मन को सुकून मिलने लगता है। पर्यटन की अपार संभावना को देखते हुए चकराता का विस्तार किया गया है। पुरोड़ी से नया चकराता विकसित किया जा रहा है। जिसके तहत कालसी तहसील और चकराता के कुछ गांव लिए गए हैं। नया चकराता में होटल, रिजॉर्ट खुलते जा रहे हैं। यदि इसका चहुंमुखी विकास किया जाए तो पर्यटकों की खूब चहल-पहल रहेगी, पर्यटन उद्योग व अन्य प्रकार का व्यापार खूब फलेगा-फूलेगा, लोगों को स्वरोजगार मिलेगा तथा रोजगार बढ़ेगा।
यदि आप भी इस रमणीय हिल स्टेशन आकर आनंद मनाने का मन बना रहे हैं तो गर्मियों या अक्टूबर-नवंबर में आ सकते हैं। बर्फबारी का आनंद लेने वालों के लिए दिसंबर-जनवरी माह उपयुक्त रहता है। देवदार के घने जंगलों के कारण अक्सर यहां का मौसम हमेशा ठंडा ही रहता है।
चकराता आने के लिए देहरादून तक बस, रेल व हवाई सेवा ली जा सकती है। वहां से टैक्सी, बसें यहां के लिए मिल जाती हैं। देहरादून से वाया मसूरी भी चकराता पहुंचा जा सकता है। मसूरी-चकराता राष्ट्रीय राजमार्ग है।