भारतीय प्रोफेशनल्स को लेकर ट्रंप के बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस ने मोदी सरकार से मांगा जवाब

Trump's statement on Indian professionals creates ruckus, Congress demands answer from Modi government

प्रीति पांडे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय प्रोफेशनल्स और अमेरिकी टेक कंपनियों को लेकर दिए गए हालिया बयान पर सियासत गर्मा गई है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

बुधवार को वॉशिंगटन डीसी में आयोजित एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) समिट में बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी टेक कंपनियां भारत जैसे देशों में कर्मचारियों की नियुक्ति करती हैं, लेकिन अब उनके नेतृत्व में यह दौर समाप्त हो रहा है। इस बयान के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दी।

कांग्रेस ने उठाए सवाल

कांग्रेस पार्टी ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा,
“मोदी के ‘मित्र’ ट्रंप बार-बार भारत के सम्मान से खिलवाड़ कर रहे हैं। कभी भारतीयों का अपमान करते हैं, तो कभी भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश। यह देश की गरिमा का विषय है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।”

कांग्रेस ने यह भी याद दिलाया कि ट्रंप इससे पहले भी भारत को लेकर विवादास्पद टिप्पणियां कर चुके हैं — जैसे कि भारतीय नागरिकों को बेड़ियों में बांधकर वापस भेजने की बात, और एपल के सीईओ टिम कुक को भारत में iPhone मैन्युफैक्चरिंग न करने की चेतावनी देना।

ट्रंप ने क्या कहा?

एआई समिट के दौरान अपने भाषण में ट्रंप ने वैश्वीकरण की आलोचना करते हुए कहा,
“लंबे समय तक अमेरिका की टेक इंडस्ट्री ने चरम वैश्वीकरण को अपनाया, जिससे लाखों अमेरिकियों को उपेक्षा और धोखे का सामना करना पड़ा। बड़ी टेक कंपनियों ने अमेरिका की स्वतंत्रता और नीतियों का लाभ उठाया, लेकिन कारखाने चीन में लगाए, कर्मचारी भारत से रखे और मुनाफा आयरलैंड में छिपाया। उन्होंने अपने ही देशवासियों की आवाज़ दबा दी। यह सब अब खत्म हो चुका है।”

यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने भारत में अमेरिकी कंपनियों के निवेश को लेकर असंतोष जताया हो। इससे पहले मई में भी उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा था कि भारत या अन्य देशों में बने iPhone यदि अमेरिका में बेचे जाएंगे, तो उन पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि वह चाहते हैं कि अमेरिका में बिकने वाले iPhone, अमेरिका में ही निर्मित हों।

व्यापार संबंधों पर असर?

डोनाल्ड ट्रंप के इन बयानों के बीच भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है, लेकिन अब तक कोई अंतिम सहमति नहीं बनी है। बताया जा रहा है कि अमेरिका भारत से कृषि और डेयरी क्षेत्र में बाजार खोलने की अपेक्षा कर रहा है।

हाल ही में एपल ने घोषणा की थी कि वह अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश iPhone अब भारत में बनाएगा। इसी के तहत फॉक्सकॉन ने भारत में 1.49 अरब डॉलर निवेश करने की योजना की जानकारी दी है। यह निवेश कंपनी की भारतीय इकाई युझान टेक्नोलॉजीज़ प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से चेन्नई में एक नई यूनिट स्थापित करने में किया जाएगा।

पिछले साल अक्टूबर में तमिलनाडु सरकार ने कांचीपुरम ज़िले में युझान की ₹13,180 करोड़ की परियोजना को मंजूरी दी थी।

मानसून सत्र में गरमा सकता है मुद्दा

कांग्रेस ने संकेत दिए हैं कि वह संसद के मानसून सत्र में इस विषय को जोरशोर से उठाएगी। पार्टी का कहना है कि ट्रंप लगातार भारत के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहे हैं और मोदी सरकार मौन साधे बैठी है।

इसके पहले भी ट्रंप ने भारत-पाक संघर्षविराम को लेकर दिए गए बयान में दावा किया था कि यह उनकी पहल का नतीजा है, जबकि भारत सरकार ने इसे खारिज कर दिया था।

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रंप के भारतीय पेशेवरों और भारत में अमेरिकी कंपनियों की मौजूदगी पर दिए गए बयानों से भारत-अमेरिका व्यापार और रणनीतिक रिश्तों पर असर पड़ सकता है। ऐसे में कांग्रेस द्वारा उठाए गए सवालों ने राजनीतिक हलकों में नई बहस को जन्म दे दिया है। अब नजरें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं, जो अब तक इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।