10 लाख रुपए रिश्वत मांगने वाले दो हवलदार फरार

Two constables who demanded bribe of Rs 10 lakh abscond

इंद्र वशिष्ठ

सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के दो हवलदारों के ख़िलाफ़ दस लाख रुपए रिश्वत मांगने का मामला दर्ज किया है। सीबीआई दोनों हवलदारों की तलाश कर रही है।

सूत्रों के अनुसार सीबीआई की हवलदारों को रंगेहाथ पकड़ने की योजना विफल हो गई।

उत्तरी जिले के डीसीपी मनोज कुमार मीना ने नारकोटिक्स सैल में तैनात हवलदार रवींद्र ढाका, हवलदार प्रवीण सैनी और उनके सुपरवाइजरी अफसर इंस्पेक्टर सुरेन्द्र को निलंबित कर दिया है।

सीबीआई के अनुसार अरुण कुमार की शिकायत पर उत्तरी जिले के नारकोटिक्स सैल में तैनात हवलदार रवींद्र ढाका और हवलदार प्रवीण सैनी के ख़िलाफ़ तीन जुलाई को मामला दर्ज किया गया।

अरुण के भाई कोशिंदर को नारकोटिक्स सैल ने एनआरएक्स दवाओं के साथ एनडीपीएस एक्ट के तहत मई में गिरफ्तार किया था। वह जेल में है। अरुण के अनुसार हवलदार प्रवीण सैनी और हवलदार रवींद्र ढाका ने उससे कहा कि हम तुम्हें जब्त की गई दवाओं का विवरण दे देंगे। तुम उनका फर्जी बिल बनवा लेना। उस बिल को हम सत्यापित करके अदालत में उसे असली बता देंगे। इस आधार पर कोशिंदर को जमानत मिल जाएगी। इसके लिए हवलदारों ने दस लाख रुपए रिश्वत मांगी। सीबीआई की हवलदारों को रंगेहाथ पकड़ने की योजना विफल हो गई।

सीबीआई ने उत्तरी जिले के इसी दफ़्तर में तैनात सब- इंस्पेक्टर विजय पाल के ख़िलाफ़ भी बाप-बेटे को हथियार बनाने के मामले में फंसाने की धमकी दे कर 5 लाख रुपए मांगने का मामला 20 अक्टूबर 2023 को दर्ज किया था। इस मामले में भी सीबीआई सब- इंस्पेक्टर को रंगेहाथ गिरफ्तार नहीं कर पाई थी। डीसीपी मनोज कुमार मीना ने सब- इंस्पेक्टर विजय पाल को निलंबित और लाइन हाज़िर कर दिया था।

सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने सब- इंस्पेक्टर विजय पाल को रंगे हाथों पकड़ने के लिए जाल बिछाया। लेकिन सब-इंस्पेक्टर को शायद भनक लग गई और उसने रिश्वत के पैसे शिकायतकर्ता से लिए ही नहीं।