सीफू में दो दिवसीय कार्यशाला प्रारम्भ— एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस रोकथाम हेतु स्टेट एक्शन प्लान होगा तैयार
रविवार दिल्ली नेटवर्क
जयपुर : प्रदेश में मौसमी बीमारियों पर प्रभावी रोकथाम एवं नियंत्रण के क्रम में एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस की रोकथाम विषय पर कार्य योजना बनाने के उद्देश्य से चिकित्सा विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र (एनसीडीसी) एवं स्वयं सेवी संस्था जापाइगो के सहयोग से सीफू में दो दिवसीय परामर्शी कार्यशाला आयोजित की जा रही है। यह कार्यशाला केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में निदेशक एनसीडीसी डॉ. अतुल गोयल की अध्यक्षता में प्रारम्भ हुई है।
कार्यशाला के पहले दिन प्रो. अतुल गोयल ने बताया कि विश्व की 10 प्रमुख स्वास्थ्य चुनौतियों में एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस एक गंभीर समस्या के रूप में सामने आती है। इसके समाधान के लिए राज्य में विभिन्न विभागों के समन्वय के साथ एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस रोकथाम के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जानी है। उन्होंने बताया कि एंटीबायोटिक, एंटीवायरल एवं एंटीफंगल के अनपयुक्त एवं अनाधिकृत उपयोग के कारण एंटीमाइक्रोबियल दवाओं का असर कम या समाप्त हो रहा है। इस कारण रोगियों का उपचार संभव नहीं हो पाने से उनकी मौत तक हो जाती है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रदेश में एंटीमाइक्रोबियल रेसिस्टेंस की रोकथाम के लिए प्रो. डॉ. अतुल गोयल के निर्देशन में स्टेट एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह एक्शन प्लान मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजिस्ट, पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन विभाग, कृषि, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण, राजस्थान शिक्षा बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, आरएमएससीएल एवं आईडीएसपी अनुभाग के सहयोग से बनाया जाएगा।
कार्यशाला में विभिन्न विषय विशेषज्ञों ने संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा कर आवश्यक सुझाव दिए। कार्यशाला में एनसीडीसी की अतिरिक्त निदेशक डॉ. लता कपूर, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर, अतिरिक्त निदेश्क ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. प्रवीण असवाल ने भी विषय पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। कार्यशाला में विभिन्न स्वास्थ्य सेवी संस्थाओं के साथ सहयोगी विभागों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।