एन जी भट्ट
राजस्थान की राजनीति में दिसंबर 2023 एक महत्वपूर्ण मोड़ लेकर आया,जब बड़े-बड़े दिग्गजों से भरी राजस्थान की भारतीय जनता पार्टी में भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता संभाली थी । दो वर्ष पूरे होने पर यह समीक्षा आवश्यक हो जाती है कि इस अवधि में राज्य किस दिशा में आगे बढ़ा, किस प्रकार के निर्णय हुए और किस हद तक जनता को राहत और भरोसे की अनुभूति हुई।
भजन लाल शर्मा, जो मुख्यमंत्री बनने से पहले जमीन से उठे एक साधारण कार्यकर्ता, सरल व्यक्तित्व और संगठनात्मक क्षमता के लिए पहचाने जाते थे ,उन्हें शुरुआत में कम अनुभव वाला नेता माना जाता था क्योंकि वे पहली बार विधायक बने और पहली बार में ही मुख्यमंत्री बन गए। उनके राजनीतिक बही खाते में मुख्यमंत्री बनने से पहले ग्राम सरपंच रहने का ही रिकार्ड था लेकिन धीरे धीरे उन्होंने अपने आपको मुख्यमंत्री की कुर्सी के अनुरूप ढाला और रात दिन मेहनत कर अपनी नई छवि बनाने का काम किया। उनमें प्रदेश के पिछले कई मुख्यमंत्रियों की मिली जुली छवि दिखती है। नजदीक से देखने वाले भजन लाल शर्मा की कालांतर में बनाई गई परिपक्वता को देख सकते है। हाल ही प्रथम प्रवासी राजस्थानी दिवस सम्मेलन में उनके आभा मण्डल को देखने वाले लोगों का मानना है कि पिछले दो वर्षों में भजन लाल को मुख्यमंत्री की कुर्सी ने बहुत कुछ सिखा दिया है।
हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समय काल में शासन की संस्कृति बदल गई है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार मोदी शाह की जुगलबंदी में मुख्यमंत्री सी ई ओ अधिक मुख्यमंत्री कम है। शीर्ष नेतृत्व के हाथों में सत्ता संचालन की शक्ति केन्द्रित मानी जाती है, फिर भी राजस्थान की भजन लाल सरकार ने पिछले दो वर्षों में शासन को जनता के दरबार से जोड़ने का प्रयास किया। दो वर्षों की यात्रा में राज्य में कई ऐसे कदम उठाए गए, जिन्होंने प्रशासन को गति दी और विकास को नई दिशा।
भजन लाल शर्मा सरकार ने सत्ता सँभालते ही पारदर्शी और उत्तरदायी शासन को प्राथमिकता दी। सरकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए ई-गवर्नेंस सिस्टम को मजबूत किया गया। भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और त्वरित समाधान के लिए शिकायत निवारण पोर्टल को प्रभावी बनाया गया। विभिन्न विभागों में पदस्थापन, स्थानांतरण और प्रशासनिक निर्णयों में पारदर्शिता सरकार का प्रमुख लक्ष्य रहा। मुख्यमंत्री की पहल पर जिलों में समाधान शिविर आयोजित किए गए, जिनमें हजारों मामलों का मौके पर निपटारा हुआ। इससे जनता से सीधे संवाद और भरोसा बढ़ा।
राजस्थान को निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने के लिए इन दो वर्षों में सरकार ने कई नीतिगत सुधार किए। एम एस एम ई क्षेत्र को बढ़ावा देने, स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देने और औद्योगिक क्षेत्रों के विस्तार पर जोर दिया गया।
खनन क्षेत्रजो राजस्थान की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैमें पारदर्शिता बढ़ी और नई लीज आवंटन प्रक्रिया को सरल किया गया। अपने शासन के पहले ही वर्ष में राजस्थान निवेश शिखर सम्मेलन के माध्यम से 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए, जिनमें आठ लाख खरीफ के प्रस्ताव एक ही वर्ष में जमीन पर उतरे हैजिनसे भविष्य में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की उम्मीद है। भजन लाल सरकार ने पर्यटन, विशेषकर धरोहर, रेगिस्तानी पर्यटन और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया गया है। जैसलमेर, कोटा, उदयपुर और जयपुर में पर्यटन सुविधाओं को उन्नत किया गया है।
भजन लाल शर्मा सरकार के दो वर्षों में ढांचागत विकास पर विशेष ध्यान दिया है। राज्य सरकार का सड़क निर्माण और मरम्मत पर विशेष जोर रहा है। प्रदेश में राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग परियोजनाओं को गति मिली है और ग्रामीण सड़कों के लिए वार्षिक बजट में बढ़ोतरी की गई है। राज्य में बिजली वितरण तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए नए सब-स्टेशनों और ट्रांसफार्मरों की स्थापना की गई है। प्रदेश के जल संकट झेलने वाले जिलों बारां, बांसवाड़ा, जोधपुर, जैसलमेर एवं पाली में विशेष जल प्रबंधन योजनाओं पर काम हुआ। ईसरदा, ई आर सी पी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना पुनर्गठित राम सेतु परियोजना ) सहित अन्य जल परियोजनाओं की प्रगति पर सरकार ने विशेष ध्यान दिया है। यह परियोजना पूर्वी राजस्थान की जीवन रेखा बनाने वाली है। इसके अलावा राज्य के शेखावाटी क्षेत्र में यमुना जल लाने के लिए हरियाणा सरकार के साथ एम ओ यू किया गया है। ग्रामीण इलाकों में पेयजल की पहुंच बढ़ाने के लिए पाइपलाइन विस्तार कार्य प्राथमिकता में रहाहै।
भजन लाल सरकार ने युवाओं को रोजगार एवं प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बेहतर वातावरण देने हेतु कई कदम उठाए है। भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और पेपर लीक की घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाया गया।
महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए योजनाएँ व्यापक स्तर पर लागू की गईं। आत्मनिर्भर महिला समूहों को प्रोत्साहन, कौशल प्रशिक्षण और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाए गए है।मुख्यमंत्री ग्रामीण महिला सशक्तिकरण मिशन जैसे कार्यक्रमों ने गांव-ढाणी स्तर तक सकारात्मक प्रभाव छोड़ा है।
राज्य सरकार ने किसानों और ग्रामीण विकास पर भी फोकसकिया है। कृषि आधारित राज्य राजस्थान में किसानों के लिए सरकार की पहलें महत्वपूर्ण रहीं। साथ ही सिंचाई सुविधाओ का विस्तार,फसल बीमा दावों के समयबद्ध निपटान,
कृषि मंडियों के आधुनिकीकरण और कृषि उपकरणों पर अनुदान में बढ़ोतरी जैसे कदमों ने किसानों को राहत दी है। पचपदरा में तेल रिफाइनरी और पेट्रो कॉम्प्लेक्स लगभग तैयार है। बांसवाड़ा के पास प्रदेश के दूसरे परमाणु बिजली घर का प्रधानमंत्री के हाथों शिलान्यास कराया गया है। सीमावर्ती पश्चिमी राजस्थान में दुनिया का सबसे बड़ा सोलर हब विकसित हो रहा है।
राजस्थान में ग्रामीण विकास के तहत मनरेगा में रोजगार दिवसों की संख्या बढ़ाई गई हैतथा ग्रामीण सड़क, तालाब और अन्य आधारभूत संरचनाओं के निर्माण को बढ़ावा मिला है । राजस्थान में चिकित्सा सेवाओं के विस्तार के लिए नए स्वास्थ्य केंद्र खोले गए है। सीएमएचओ स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी व्यवस्था मजबूत की गई। शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल क्लासरूम, स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं का उन्नयन और शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू किए गए है।राज्य की कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखना राज्य सरकार की बड़ी चुनौती रही। दो वर्षों में अपराध नियंत्रण, पुलिस आधुनिकीकरण, महिला सुरक्षा पेट्रोलिंग और संवेदनशील इलाकों की विशेष मॉनिटरिंग पर ध्यान दिया गया।साइबर अपराध रोकथाम के लिए नई इकाइयों का गठन भी उल्लेखनीय कदम रहा।
कुल मिला कर भजन लाल शर्मा सरकार के दो वर्ष संतुलित, विकासोन्मुख और सुशासन पर केंद्रित माने जा सकते हैं। प्रशासनिक पारदर्शिता, निवेश आकर्षण, ढांचागत विकास और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य हुए है। हालांकि चुनौतियाँ अभी भी मौजूद हैं। प्रदेश में जल संकट निवारण, बेरोजगारी और संसाधनों के बेहतर उपयोग की जरूरत है लेकिन राज्य सरकार की नीतियों से जनता में अपेक्षाएँ बनी हुई हैं। इन दो वर्षों ने राजस्थान को स्थिरता और विकास की दिशा में आगे बढ़ाने की नींव रखी है, जिसका लाभ आने वाले वर्षों में और स्पष्ट रूप से सामने आएगा, ऐसी उम्मीद है।





