गिल की अगुआई में भारत की निगाहें लॉडर्स टेस्ट भी जीत सीरीज में बढ़त बनाने पर

Under Gill's leadership, India is eyeing to win the Lord's Test and take the lead in the series

  • कप्तान गिल के निशाने पर होंगे कई रिकॉर्ड
  • बुमराह के टीम इंडिया में लौटने से इंग्लैंड की परेशानी बढ़ी
  • रूट लॉडर्स टेस्ट में लय पाने की कोशिश करेंगे
  • लॉडर्स में पैवेलियन छोर के ढाल के कारण बल्लेबाजों को चौकस रहना होगा

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : कप्तान शुभमन गिल के दोनों पारियों में जड़े शतकों और अनुकरणीय नेतृत्व तथा तेज गेंदबाज आकाश दीप के चटकाए दस विकेट की बदौलत एजबेस्टन, बर्मिंघम में इंग्लैंड का अभेद्य किला भेद दूसरा टेस्ट 336 रन के बड़े अंतर से जीत पांच टेस्ट मैचों की एंडरसन-तेंडुलकर ट्रॉफी में एक एक की बराबरी पाने के बाद अब भारत की निगाहें लॉडर्स में बृहस्पतिवार से शुरू हो रहा तीसरा टेस्ट भी जीतकर सीरीज में 2-1 की बढ़त बनाने पर लगी हैं।

भारत ने लीडस का पहला टेस्ट आखिरी दिन आखिरी सत्र में पांच विकेट से गंवाने के बाद जसप्रीत बुमराह को आराम दिए जाने के बाद जिस दमदार ढंग से दूसरा टेस्ट जीता उससे इंग्लैंड का टीम प्रबंधन परेशान है। भारत को अपनी जीत के सिलसिले को आगे बढ़ाना है उसके कप्तान शुभमन गिल, उपकप्तान ऋषभ पंत के साथ केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल को बल्ले से ऐसे ही धमाल जारी रखना होगा। क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉडर्स के मैदान पर पैवेलियन छोर पर ढाल के चलते गेंदबाज को बहुत मदद मिलती है और कई बार गेंद क्षेत्ररक्षक के हाथ में आकर फिसल जाती है और वह रनआउट का भी मौका गंवा बैठता है। मैदान पर पैवेलियन छोर पर गेंद एक तरफ अक्सर काफी तेजी से निकलती है। लॉडर्स की पिच से कुछ घास तो मंगलवार को और कुछ बुधवार को भी हटाई गई लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पर कितनी घास छोड़ी जाएगी। इतना जरूर कहा जा सकता है कि लॉडर्स की पिच लीडस में पहले टेस्ट और एजबेसटन, बर्मिंघम में दूसरे टेस्ट की पिच से कही ज्यादा जीवंत होगी। भारत के लिए अच्छी बात यह है कि कप्तान शुभमन गिल और सलामी बल्लेबाज केएल राहुल के रूप में उसके पास पूरे रंग में चल रहे ऐसे बल्लेबाज हैं जो तकनीकी रूप से सक्षम होने के कारण भले ही इंग्लैंड लॉडर्स में रफ्तार के सौदागर जोफ्रा आर्चर को शामिल करे उसके तूफान से निपटने में सक्षम हैं । भारत के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक ने लॉडर्स की पिच पर इसीलिए अपने बल्लेबाजों को धैर्य से चौकस होकर बल्लेबाजी करने को कहा है। भारत की खुशकिस्मती है कि उसके पास बाएं हाथ के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल और उपकप्तान ऋषभ पंत के अपने ही अंदाज में आक्रामक बल्लेबाजी से टेस्ट मैच का रुख बदलने में सक्षम बल्लेबाज हैं।

शुभमन गिल मौजूदा सीरीज के शुरू के दो टेस्ट में एक दोहरे और दो शतकों सहित कुल 585 रन बना चुके हैं और जब वह लॉडर्स में तीसरे टेस्ट में खेलने उतरेंगे तो उनके निशाने पर कई रिकॉर्ड होंगे। गिल को बतौर टेस्ट कप्तान ऑस्ट्रेलिया के डॉन ब्रैडमैन के 88 बरस पुराने एक टेस्ट सीरीज में पांच टेस्ट में सबसे ज्यादा 810 रन बनाने के रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए 225 रन और बनाने हैं। भारत के टे्स्ट कप्तान के रूप में सुनील गावसकर ने 1978-79 की सीरीज में छह टेस्ट में सबसे ज्यादा 732 रन बनाए और इसे तोड़ने के लिए शुभमन को बस 148 रनन और बनाने हैं । शुभमन गिल को एक टेस्ट सीरीज में ब्रैडमैन के सबसे ज्यादा 974 रन बनाने के रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए 390 रन और बनाने हैं। बतौर कप्तान एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा चार टेस्ट शतक ब्रैडमैन के नाम हैं और इसे तोड़ने के लिए शुभमन गिल को बस एक शतक और चाहिए। इंग्लैंड के लिए सबसे बड़ी चुनौती तकनीकी रूप से दक्ष और पूरे रंग मे चल रहे भारत के कप्तान शुभमन गिल , 2021 में लॉडर्स टेस्ट में में शतक जमा भारत की जीत के हीरो रहे व पहले टेस्ट में शतक जड़ने वाले केएल राहुल व पहले टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जमाने के बाद दूसरे टेस्ट की दूसरी पारी में तूफानी अर्द्धशतक जड़ने उपकप्तान ऋषभ पंत को रन बनाने से रोकने की होगी।

इंग्लैंड लॉडर्स में तीसरे टेस्ट के लिए अपनी एकादश में तेज गेंदबाज क्रिस वॉक्स की जगह अब फिट हो चुके जोफ्रा आर्चर को शामिल करने की सोच रहा है। आर्चर को भारतीय बल्लेबाज आईपीएल में खूब खेल ही नहीं चुके हैं उनकी जमकर धुनाई भी कर चुके हैं। भले ही इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज जिमी एंडरसन और पूर्व टेस्ट कप्तान नासिर हुसैन आर्चर की एकादश में शामिल करने की वकालत करे लेकिन इसकी गारंटी नहीं है कि वे भारतीय बल्लेबाजों का आतंकित कर पाने में कामयाब हो पाएंगे। अच्छी बात है कि लॉडर्स पर पूरे तीसरे टेस्ट के दौरान धूप खिली रहने और तापमान करीब 30 डिग्री सेल्सियस रहने की उम्मीद है। भारत भी लॉडर्स टेस्ट में पैवेलियन छोर पर इसी ढाल का लाभ उठाने के लिए अपने तुरुप के इक्के जसप्रीत बुमराह को इसी छोर से गेंद से मोर्चे पर लगाए जाने की उम्मीद है। बुमराह बेशक तीसरे टेस्ट के लिए प्रसिद्ध कृष्णा की जगह भारत की एकादश में वापस करेंगे। भारत के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक का भी मानना है कि लॉडर्स की पिच लीडस और बर्मिंघम टेस्ट की तुलना में ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो सकती है। गेंदबाज लाडर्स के मैदान पर जब नर्सरी छोर से गेंदबाजी करता है तो उसे नीचे से उपर की ओर दौड़ना और ऐसे में गेदबाज जल्दी थक जाता है। नर्सरी छोर से गेंदबाज के लंबा स्पैल फेंकना मुश्किल होता है। बहुत मुमकिन है कि भारत के कप्तान अपने तुरुप के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह से पैवेलियन छोर से ही ज्यादा गेंदबाजी कराना ज्यादा बेहतर समझते हैं। बुमराह की लॉडर्स टेस्ट के लिए एकादश में वापसी से भारत के पास दूसरे टेस्ट की दोनों पारियों में इंग्लैंड के 20 में से 17 विकेट आपस में बांटने वाले आकाश दीप व मोहम्मद सिराज और चौथे तेज गेंदबाज के रूप में नीतिश रेड्डी की मौजूदगी में इंग्लैंड को तय करना पड़ेगा कि क्या वह लॉडर्स की अपेक्षाकृत मुश्किल पिच पर अपनी पहली ही गेंद से दे दना दे दना करने की बाजबॉल शैली पर काबिज रह सकता है। लॉडर्स की पिच पर गेंद पिच होने के बाद तेजी से निकलती है और ऐसे में इस पर कामयाब होने के लिए बल्लेबाज को गेंद को आखिरी क्षण तक देखने की जरूरत होती है। बेशक सबसे अनुभवी सदाबहार बल्लेबाज जो रूट और कप्तान बेन स्टोक्स का शुरू के दोनों टेस्ट की चार पारियों में रनो के लिए जूझना इंग्लैंड की सबसे बड़ी चिंता है। जसप्रीत बुमराह की दूसरे टेस्ट में आराम के बाद भारत की एकादश में वापसी से इंग्लैंड के लिए लाडर्स टेस्ट में जीतना आसान नहीं रहेगा।

बुमराह ने भारत के लिए विदेशी धरती पर अब तक 33 टेस्ट में 163 विकेट लिए हैं और कुल 46 टेस्ट में 210 विकेट चटकाए हैं। भारत ने चार बरस पहले लॉडर्स में केएल राहुल के शतक की बदौलत इंग्लैंड को 151 रन से हराया। तब बुमराह को पहली पारी में कोई विकेट नहीं मिला था और दूसरी पारी मे तीन विकेट चटकाए और सिराज ने चार विकेट चटकाए थे। भारत और इंग्लैंड के बीच लाडर्स में पहला टेस्ट 1951 में खेला गया था। दोनों देशों के बीच लदडर्स में अब तक कुल 19 टेस्ट मैच खेले गए हैं और इनमें मेजबान इंग्लैंड ने 12 और भारत ने तीन जीते जबकि चार ड्रा रहे। भारत ने इंग्लैंड को लॉडर्स में पहली बार1986 में पांच विकेट से हराया था।

भारत के लिए अच्छी बात है कि उसके शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने दमदार प्रदर्शन किया। भारत के लिए शुरू के दो टेस्ट मैचों में कप्तान शुभमन गिल के तीन और उपकप्तान ऋषभ पंत के दो शतकों और यशस्वी जायसवाल और केएल राहुल के एक एक शतक सहित कुल जड़े सात शतकों ने दर्शाया वह मेजबान टीम के गेंदबाजी आक्रमण का सामना करने को पूरी तरह तैयार है। भारत के कप्तान शुभमन गिल ने दूसरे टेस्ट की पहली पारी में 269 और दूसरी पारी में 161 रन सहित कुल 430 रन बनाए। भारतीय बल्लेबाजों को पैवेलियन छोर पर लॉडर्स के ढाल का खासतौर पर ध्यान रख कर चौकस होकर खेलना होगा। अमूमन लॉडर्स पर जब गेंदबाज पैवेलियन छोर से गेंदबाजी करते हैं तो तब गेंद को ठीक से देख पाए तो बल्लेबाज मिडल स्टंप का गार्ड लेकर खेलते हैं। बल्लेबाजों की कोशिश ऐसे में गेंद को आखिर तक अपनी ठीक आंख के सामने गेंद को खेलने की होती है। वहीं किसी भी पिच पर अपने स्वछंद अंदाज में खेलने वाले भारत के उपकप्तान ऋषभ पंत इस पिच पर कैसे खेलते हैं यह देखना रोचक होगा। दरअसल ऋषभ पंत की चाहे तेज गेंदबाज हो या स्पिनर किसी भी गेंदबाज को टेस्ट में खेलने की अपनी शै़ली और वह अपने अंदाज में ही गेंद को आगे आकर डिफेंस करते हैं। इस ढलान से बल्लेबाजी और गेंदबाजी के साथ क्षेत्ररक्षण भी पड़ता है।

वहीं इंग्लैंड के लिए शुरू के दो टेस्ट में बेन डकेट, ऑली पॉप, हैरी ब्रुक और जैमी स्मिथ ने अब तक एक एक शतक जड़ा है। भले ही इंग्लैंड के लिए मौजूदा टेस्ट सीरीज की चार पारियों में उसके सदाबहार बल्लेबाज जो रूट कुछ खास नहीं कर पाए हों लेकिन इस बात को कोई भी नजरअंदाज नहीं कर सकता है लॉडर्स के मैदान पर टेस्ट में उनका रिकॉर्ड शानदार रहा और इस मैदान पर 22 टेस्ट खेले और सात शतकों और सात अर्द्धशतकों की मदद से 2022 रन बनाए हैं। रूट लाडर्स के मैदान पर अपनी टेस्ट में अपनी लय वापस पाने की कोशिश करेंगे। लॉडर्स टेस्ट मे इंग्लैंड के बेन डकेट, हैरी ब्रुक और विकेटकीपर बल्लेबाज स्मिथ के बल्लेबाजी कौशल का इम्तिहान होगा।

लॉडर्स टेस्ट के लिए भी कुलदीप यादव को भारत की एकादश में जगह मिलनी मुश्किल नजर आती है। ‘बाज’ के नाम से ख्यात अपने चीफ कोच न्यूजीलैंड के ब्रेंडन मेकुलम के नाम पर शुरू से दे दनादन करने की बाजबॉल के नाम से ख्यात नीति से खेलने की नीति से मेजबान इंग्लैंड टीम आलोचकों के निशाने पर आ गई। अपने तुरुप के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को उनके लोड मैनेजमेंट के चलते एजबेस्टन में खासतौर पर भारत के मोहम्मद सिराज और आकाश दीप की नई गेंद से कमाल की धारदार गेंदबाजी की बदौलत भारत ने जिस दमदार ढंग से टेस्ट सीरीज में एक एक की बराबरी की उससे इंग्लैड की बाजबॉल की हवा ही निकल गई।

दूसरे टेस्ट में जसप्रीत बुमराह की गैर मौजूदगी में मोहम्मद सिराज व आकाशदीप ने कहर बरपा भारत को बड़ी जीत दिला उसकी बड़ी जीत के साथ सीरीज में वापसी कराई। भारत ने लीडस में लगभग जीता सीरीज का पहला टेस्ट आखिरी दिन आखिरी घंटे में गंवाने के बाद भी भारतीय टीम की तारीफ करनी होगी कि उसने जीवट और खुद के भरोसे गजब का पलटवार किया। लीडस में पहले टेस्ट भारत की हार का कारण दोनों पारियों में उसके निचले क्रम का ताश का पत्तों की तरह ढहना कहा गया था। भारत ने इससे सबक लिया। शार्दूल ठाकुर की दूसरे टेस्ट में जगह पाने वाले नीतिश रेड्डी व साई सुदर्शन की जगह वाशिंगटन सुंदर ने बल्ले और गेंद से दमदार प्रदर्शन से तीसरे टेस्ट के लिए अपना स्थान पक्का कर लिया। बेशक बाएं हाथ के लेग स्पिनर कुलदीप यादव के लिए तीसरे टेस्ट में जगह नहीं बनती है और अंतिम दो टेस्ट में उनके लिए जगह मुमकिन हो सकती है।