रविवार दिल्ली नेटवर्क
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में विधानसभा उप चुनावों की बढ़ती सरगर्मी के बीच मंगलवार को सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने समाजवादी पार्टी पर तीखा प्रहार किया। डॉ. सिंह ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जबाब देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”आईएएस अधिकारियों के प्रशिक्षण पर उंगली उठाकर और पुलिस पर ‘हथकड़ी’ जैसे शब्दों का प्रयोग कर प्रशासनिक अधिकारियों का मनोबल तोड़ने वाले अपना ‘जंगलराज’ भूल गए लेकिन जनता नहीं भूली है!”
डॉ. सिंह ने सपा सरकार को घेरते हुए आगे लिखा, सपा सरकार में पुलिस अधिकारियों का मान – सम्मान, जीवन तक सुरक्षित नहीं था, ईमानदार आईएएस अधिकारियों का काम करना भी मुश्किल था, वर्ष 2005 में सपा संरक्षित गुंडों ने कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी राजेश साहनी को जीप की बोनट पर लटकाकर कैसरबाग से हजरतगंज तक खींचा था, वर्ष 2013 में सपा संरक्षण में कुंडा सीओ जिया उल हक की नृशंस हत्या की गई, सपा संरक्षण में ही मथुरा एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की हत्या हुई थी।
समाजवादी सरकार द्वारा आईएएस अधिकारियों पर की गयी कार्रवाइयों का उल्लेख करते हुए डॉ. सिंह ने आगे लिखा वर्ष 2013 में ही सपा सरकार ने तुष्टिकरण की पराकाष्ठा पार कर मस्जिद की अवैध दीवार गिरवाने पर कर्तव्यनिष्ठ आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल को निलंबित किया, यही नहीं निलंबन को सही ठहराते हुए केंद्र से सभी IAS अधिकारियों को वापस बुला लेने की असंवैधानिक मांग तक की। सपा सरकार ने काले धन के विरुद्ध आवाज उठाने पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विजय शंकर पाण्डेय जी पर विभागीय जांच करवाकर परेशान किया, सुप्रीम कोर्ट को मजबूरन विभागीय जांच को निरस्त करने का आदेश देना पड़ा और यूपी सरकार पर 5 लाख का जुर्माना भी लगाया।
विधायक डॉ. सिंह ने सीएम योगी योगी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए आगे लिखा,”जनता सपा सरकार का ‘कुशासन’ न भूली है, न भूलेगी, न ही उनके जाति – धर्म आधारित किसी भी प्रलोभन में आएगी, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी देश का ग्रोथ इंजन है, यहां अपराधियों – माफियाओं को सही जगह दिखाई जाती है, यूपी का सुशासन मॉडल पूरे देश में अनुकरणीय है। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा था, यूपी की पुलिस के हाथों में सरकारी दबाव की हथकड़ियाँ पड़ी हैं, बंधे हाथों से निष्पक्षता और न्याय की उम्मीद करना बेमानी है।