विनोद कुमार सिंह
विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत को पर्व त्योहारों का देश कहा जाता है।पर्व त्योहार की इस श्रृंखला में चुनाव पर्व का अपना महत्वपूर्ण स्थान है।अभी कुछ दिन पहले ही लोकसभा 24 का चुनाव सम्पन्न हुआ था।जिसमें भाजपा व एन डी ए गठबन्धन को आशा के अनुरूप सफलता नही मिली थी, हालाकि भाजपा व उनके गठबन्धन दलों के अलावे नीतीश व नायडु के दलो का समर्थन पा कर केन्द्र मे सरकार बनाने में सफल रही।तभी से केन्द्र की भाजपा सरकार अपनी प्रचड़ बहुमत नही मिलने के कारणों का पता लगाने व इस पर चिन्तन- मनन कर रही है।इस क्रमः में केन्द्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के पेंशन को लेकर विगत शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट ने सरकारी कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम(UPS) को मंजूरी दे दी है।अब पुरानी और नई की जगह यूनिफाइड पेंशन स्कीम शुरू की जाएगी।इसके मुताबिक कम से कम 25 साल की नौकरी के बाद बेसिक पेमेंट की 50 फीसदी रकम यु पी एस के तहत मिलेगी यानी यह रकम पेंशन के तौर पर दी जाएगी।वहीं 10 साल की नौकरी के बाद कम से कम 10 हजार रुपये पेंशन के तौर पर मिलेंगे।केन्द्र सरकार का मानना है कि इस नई पेंशन योजना से 23 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा।यह योजना 1अप्रैल 2025 से लागू होगी।हालाकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को नेशनल पेंशन सिस्टम(एनपीएस)और यूपीएस में से किसी एक योजना को चुनने का विकल्प दिया जाएगा।वही केंद्र सरकार के एनपीएस ग्राहकों को भी यूपीएस में स्विच करने का विकल्प दिया जाएगा।सर्वविदित रहे कि सरकार ने इस साल मार्च में तत्कालीन वित्त सचिव टी वी सोमनाथन की अध्यक्षता में एन पी एस में सुधार के लिए एक कमेटी बनाई थी।इस कमेटी ने देश और दुनिया की कई पेंशन स्कीमों की गहन अध्ययन की थी। इस घोषणा के बाद स्वंय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट कर सरकारी कर्मचारियों पर गर्व जताया।उन्होंने कहा कि’देश की प्रगति के लिए कठिन परिश्रम करने वाले सभी सरकारी कर्मचारियों पर हमें गर्व है।यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)इन कर्मचारियों की गरिमा और आर्थिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाली है।यह कदम उनके कल्याण और सुरक्षित भविष्य के लिए हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।इस योजना के लाभार्थी को कम से कम 25 साल तक नौकरी करने वाले को रिटायरमेंट से पहले पिछले12महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप में दिया जाएगा।इस पेंशन के हकदार वही कर्मचारी होंगे जो कम से कम10साल नौकरी करेंगे।10 साल की नौकरी के बाद अगर कोई नौकरी छोड़ता है तो उसे कम से कम 10 हजार रुपये पेंशन के तौर पर मिलेंगे। सरकारी सेवा में कर्मचारी की अगर मृत्यु होने पर उसकी पेंशन की 60 फीसदी रकम परिवार को मिलेगी।रिटायर होने पर ग्रेच्युटी के अलावा एकमुश्त भुगतान व महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ भी मिलेगा।इसके लिए कर्मचारियों को अंशदान करने की जरूरत नहीं होगी।सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की बैसिक सैलरी का 18.5 फीसदी वहन करेगी।हर छह महीने की सेवा के बदले मासिक वेतन(वेतन +डीए)का दसवां हिस्सा जुड़ कर रिटायरमेंट पर मिलेगा।अभी पेंशन के लिए कर्मचारियों को नेशनल पेंशन सिस्टम(NPS)में बेसिक सैलरी का 10 फीसदी हिस्सा सहयोग राशि देना होता है।इसमें सरकार अपनी ओर से 14 फीसदी हिस्सा सरकार अपनी ओर से देती है।वही नई पेशन योजना में इसके लिए कर्मचारी को कोई भी अंशदान नहीं देना होगा।सरकार अपनी तरफ से कर्मचारी की मुल वेतन का 18.5 फीसदी हिस्सा अंशदान करेगी।
आप को याद होगा कर्मचारियों की पेंशन का मुद्दा विगत लोकसभा चुनाव से हावी था। कर्मचारी पुरानी पेंशन(OPS)को बहाल करने की मांग कर रहे थे। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी पेंशन का मुद्दा उठाया था।कर्मचारी संगठनों ने OPS को बहाल करने को लेकर फरवरी में प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिख कर मांग की गई थी कि सरकार एन पी एस बंद करे और गारंटीकृत ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करे कर्मचारियों के संगठनों ने कहा था कि अगर उनकी मांग पूरी न की गई तो वे एक मई से हड़ताल करेंगे।हालांकि सरकार से बातचीत और आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल को टाल दिया गया था।यूनिफाइड पेंशन स्कीम की घोषणा होने पर सरकारी कर्मचारियों एक खेमें की ओर से यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू करने के लिए मोदी सरकार की तारीफ की गई है।आप के मन में जिज्ञासा होगी कि आखिरकार यूनिफाइड पेंशन स्कीम क्या है,तो आयें आसान भाषा में जानने की कोशिस करते है।इस नई पेशन भेजना अर्थात यूनिफाइड पेंशन स्कीम में कर्मचारी को कम से कम 10 वर्ष की सेवा देने के बाद रिटायरमेंट पर10 हजार रुपये हर महीने की बात की गई है।न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार,सरकारी कर्मचारियों ने केंद्र सरकार द्वारा उन्हें सुनिश्चित पेंशन देने के फैसले के मोदी सरकार की तारीफ की।ऐजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार सरकारी कर्मचारी संगठनों के संयुक्त फोरम–संयुक्त सलाहकार मशीनरी के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि उन्हें प्रधान मंत्री द्वारा आमंत्रित किया गया था।उन्होंने कहा कि पहली बार जे सी एम को प्रधानमंत्री द्वारा आमंत्रित किया गया था।यह 32 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए यह बहुत गर्व का पल था।सरकारी श्रोतो से मिली जानकारी के अनुसार,यूनिफाइड पेंशन स्कीम में सुनिश्चित पेंशन की व्यवस्था की गई है।इसके तहत कम से कम 25 साल की सेवा के लिए रिटायरमेंट से पहले के अंतिम 12महीनों में मिली बेसिक सैलरी के औसत के 50% की व्यवस्था की गई है।कम से कम 10 साल तक की सर्विस के लिए यह आनुपातिक होगा।
इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारी के निधन से ठीक पहले उसकी पेंशन के 60 प्रतिशत की व्यवस्था की गई है।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम में महंगाई सूचकांक की भी बात की गई है।इसके तहत सुनिश्चित पेंशन पर, सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन पर और सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन पर-सर्विस इम्पलॉइज के केस में ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स पर बेस्ड महंगाई राहत की व्यवस्था की गई है।कर्मचारी के रिटायरमेंट की तारीख पर मासिक परिलब्धियों(वेतन+डीए) का1/10वां हिस्सा-सर्विस के हर पूर्ण छह महीने के लिए इस भुगतान से सुनिश्चित पेंशन की मात्रा कम नहीं होगी।कैबिनेट सेक्रेटरी डेजिग्नेट सोमनाथन के अनुसर नई योजना1अप्रैल 2025 से लागू होगी।उन्होंने कहा कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम के फायदे उन सभी पर लागू होंगे जो रिटायर्ड हो चुके हैं और एन पी एस के तहत 31मार्च 2025 सेवा निवृत हो रहे हैं।वे सभी बकाया राशि के पात्र होंगे।वही दूसरी तरफ यूनिफाइड पेंशन स्कीम की घोषणा होने के बाद यूनिफाइड पेंशन स्कीम का विरोध भी होने लगी है।विपक्षी दलों व कर्मचारी संगठन के नेताओं का कहना है कि अगर यह यूनिफाइड पेंशन स्कीम इतनी अच्छी है ‘ वे इनकी तारीफ करते हुए थक नही रहे है तो सांसदों व विधायकों के लिए भी यूनिफाइड पेंशन स्कीम क्यूॅ नही लागु कर रहें है। यू नई पेंशन योजना पर सी पी आई ने कहा कि सरकारी की नई पेशन स्क्रीम ये नई बोतल में पुरानी शराब है। पी एस सरकारी कर्मचारियों के लिए लॉली पॉप के अलावे कुछ भी नही है।वही कुछ श्रम संगठन के युनियनों का कहना है सरकार को नई पेशन योजना लागु करने से पहले कर्मचारी ट्रेड यूनियन से सम्पर्क व संवाद कर कुछ संसोधन की आवश्यकता है ।