केंद्रीय खेल मंत्री मंडाविया ने एनसीएसएसआर का किया उदघाटन

Union Sports Minister Mandaviya inaugurated NCSSR

  • डिजिलॉकर के माध्यम से खेल प्रमाण पत्र जारी करने की सुविधा की भी की शुरुआत
  • मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई सभी खेल पहल एथलीट-केंद्रित है
  • बोले,हमें 2036 ओलंपिक को भारत में लाने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना होगा

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : केंद्रीय युवा मामलों एवं खेल तथा श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने नैशनल सेंटर फॉर स्पोटर्स साइंस एवं रिसर्च (एनसीएसएसआर) का नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में यहां उदघाटन किया। केंद्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने इसके बाद यहीं डिजिलॉकर के माध्यम से खेल प्रमाण पत्र जारी करने की सुविधा की भी शुरुआत की। डिजिलॉकर के माध्यम से खेल प्रमाण पत्र जारी से खिलाड़ियों के साथ उनके प्रमाणपत्रों को लेकर किसी भी तरह धोखाधड़ी और गडबड़ी को रोका जा सकेगा। डिजिलॉकर, दस्तावेजों और प्रमाणपत्रों के भंडारण, आसान साझाकरण और सत्यापन के लिए एक क्लाउड-आधारित मंच है। नैशनल सेंटर फॉर स्पोटर्स साइंस एवं रिसर्च यानी राष्ट्रीय खेल विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र की खेल प्रकोष्ठ में वापसी खिलाड़ियों के लिए बेहद कारगर होगी। खेल मंत्री मंडाविया ने कहा, मै बेशक राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ)में दखल पसंद नहीं करता। लेकिन खेल संघों को सरकार की ‘एथलीट-केंद्रित नीति से भटकने की इजाजत नहीं दी जाएगी। उन्होने कहा कि मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई सभी खेल पहल एथलीट-केंद्रित हैं।

मंडाविया ने मसौदा राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2024, मसौदा राष्ट्रीय खेल नीति 2024 और खेलों में आयु धोखाधड़ी के खिलाफ मसौदा राष्ट्रीय संहिता (एनसीएएएफएसएस) 2025 का उदाहरण देते हुए ये भारतीय खेल पारिस्थितिकी तंत्र में पारदर्शिता, निष्पक्षता और सुशासन सुनिश्चित करने के सरकार के संकल्प को दर्शाते हैं।उन्होंने घोषणा की कि डिजी लॉकर के माध्यम से जारी किए गए खेल प्रमाण-पत्रों को जल्द ही राष्ट्रीय खेल रिपोजिटरी प्रणाली (एनएसआरएस) के साथ एकीकृत किया जाएगा, जिससे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से सरकारी नकद पुरस्कारों का स्वत:वितरण सीधे एथलीटों के बैंक खातों में हो सकेगा और कागजी आवेदन की जरूरत खत्म हो जाएगी।

सरकार की पहल को सराहते हुए ओलंपिक रजत पदक पदक विजेता व मेजर ध्यान चंद खेल रत्न विजेता मीराबाई चानू ने कहा, ‘डिजिलॉकर वाकई खिलाड़ियों के लिए बढ़िया योजना है। डिजिलॉकर के जरिए खेल प्रमाण पत्र जारी किए जाने से मुझ जैसी सभी खिलाड़ियों का तनाव खत्म हो जाएगा। अक्सर खिलाड़ियोंको कुछ दस्तावेजों के लिए घर वापस लौटना पड़ता है – जैसे सरकारी नौकरी, वीजा आदि – क्योंकि हम उन्हें हमेशा अपने साथ नहीं रखते हैं। मैं इस पहल के लिए सभी खिलाड़ियों की ओर से केंद्रीय खेल मंत्री का आभार जताना चाहूंगी।‘

मंडाविया ने भारत की 2036 ओलंपिक की दावेदारी को सफल बनाने के लिए राष्ट्रीय खेल संघों में गुटबाजी और भाई-भतीजावाद को समाप्त करने को कहा। उन्होंने कहा, ‘ हमें 2036 ओलंपिक को भारत में लाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना होगा। मैंने विभिन्न राष्ट्रीय खेल संघों में विभिन्न गुटों से बात की है।मैंने उनसे इस पर काम करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि एथलीटों को नुकसान न हो। खेल संघों की जिम्मेदारी है एथलीटों की सेवा। जब खेल संघों में धड़ेबाजी होती है तो नुकसान खिलाड़ियों का होता है। मैं ऐसा कतई नहीं होने दूगा। राष्ट्रीय खेल संघों को पूरी तरह जिम्मेदार होना चाहिए। हमें यह पक्का करना होगा कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर हम एकजुट रहें। हमें 2036 ओलंपिक को भारत में लाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना होगा। और हमें 2030 राष्ट्रमंडल खेलों को भी भारत में आयोजित करना होगा। राष्ट्रीय खेल संघो (एनएसएफ) को राष्ट्रीय राजधानी में अपने कार्यालय के लिए जगह सहित मंत्रालय से हर मुमकिन ढांचागत और वित्तीय मदद मिलेगी। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 18 कमरे तैयार हैं। आपको बस आवेदन करना है, कृपया करें। एक बात साफ है कि भाई-भतीजा नहीं चलेगा। खेल प्रशासन इस तरह से नहीं होता है।’

एनसीएसएसआर के उद्घाटन पर बोलते हुए डॉ. मंडाविया ने कहा , ‘यह केंद्र उच्च स्तरीय शोध, शिक्षा और नवाचार के लिए एक केंद्र के रूप में काम करेगा, इसका मकसद शीर्ष एथलीटों के प्रदर्शन को और बेहतर करना है। इस तरह की पहल 2047 तक विकसित भारत के तहत भारत के दीर्घकालिक खेल दृष्टिकोण को पूरा करने में मददगार होगी।

एनसीएसएसआर को भारत सरकार के दूरदर्शी नेतृत्व में एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में शुरू किया गया था और इसका मुख्य मकसद एथलीटों के प्रदर्शन को बढ़ाने के लिए उच्च स्तरीय अनुसंधान, शिक्षा और नवाचार को बढ़ावा देना है। यह उद्देश्यपूर्ण मिशन 2025-26 तक 260 करोड़ रुपये के प्रारंभिक बजट के साथ साहसिक निवेश पर आधारित है।

एनसीएसएसआर रणनीतिक रूप से एक हब और स्पोक मॉडल पर तैयार किया है । इस सेंट्रल हब को इस 11 राष्ट्रीय उत्कष्टता केंद्रों और 2 उच्च प्रदर्शन केंद्रों का समर्थन हासिल है। एनसीएसएसआर चुनिंदा विश्वविद्यालयों में छह खेल विज्ञान विभागों और देश के चुनिंदा मेडिकल कॉलेजों पांच स्पोटर्स मेडिसन विभागों को सहयोग करते हैं।