युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस ने आयोजित किया कवि सम्मेलन

United India Insurance organised a poetry conference

रविवार दिल्ली नेटवर्क

कोलकाता ।नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति(बैंक) के अंतर्गत यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड कोलकाता प्रादेशिक कार्यालय के सम्मेलन कक्ष में भव्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें नगर के कई बैंकों तथा बीमा कंपनियों के हिंदी अधिकारी मौजूद रहे। इस मौके पर नराकास की सदस्य सचिव तथा यूको बैंक की मुख्य प्रबंधक (राजभाषा) डॉ हेमलता ख़ासतौर से उपस्थित थीं। युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के अधिकारियों सर्वश्री निहार रंजन बाला,सौरभ मुखर्जी,चन्द्राणी महालनोविस, निलाद्रि ठाकुर, सत्येन्द्र कुमार भारती तथा राजभाषा अधिकारी संजीव सरकार ने कवियों का स्वागत किया और सभी ने एक साथ दीप प्रज्वलित किया।

उसके पश्चात युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के ही अवकाश प्राप्त अधिकारी तथा नगर के वरिष्ठ कवि रावेल पुष्प के रोचकता भरे संचालन में उपस्थित कवियों ने आनन्द की ऐसी रसधार बहाई कि श्रोता उसी में डूबने लगे।

कवियित्री मंजू कुमारी इशरत ने मां सरस्वती की काव्यमयी वंदना की और फिर दिल छू लेने वाली गजलें सुमधुर आवाज में पेश कीं। उनकी एक गजल की पंक्तियां थीं – दो कदम साथ चल ना पाए जो, उम्र भर साथ क्या निभाएगा। जानता है कि आइना हूं मैं, मुझसे नजरें नहीं मिलाएगा। अंतरराष्ट्रीय संस्था शब्दाक्षर के संस्थापक तथा गीतकार रवि प्रताप सिंह ने अपनी जड़ों से जुड़े रहने का संदेश देते हुए कहा कि-

इसी बहाने पुरखों की कुछ याद पुरानी रखता हूँ।

छत पर मैं चिड़ियों की खातिर दाना-पानी रखता हूँ।

बच्चों के बच्चे भी अपनी जड़ से जुड़े रहें हरदम,

इसीलिए गजलों में दादा,नाना नानी रखता हूँ।

वरिष्ठ कवि रावेल पुष्प ने संचालन के दौरान हिंदी के विकास में बंगाल के सर्वश्रेष्ठ योगदान की चर्चा करते हुए आज की राजनीति पर व्यंग्य करते हुए आम आदमी की ओर से नेताओं के झूठे वादों को सुनने से इनकार करते हुए कहा कि –

अब तुम कुछ मत बोलो, मेरे कान बहुत पक गए हैं और तुम्हारी बातें आज भी कच्ची हैं।ये और बात है कि तुम्हारी चांद सितारों वाली बातें सुनने में बहुत अच्छी हैं।

इसके अलावे डॉ हेमलता, सत्यम सौरभ, तथा जावेद हुसैन ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कींं।

इस तरह के सरस आयोजन ने अधिकारियों तथा कर्मचारियों के बीच हिंदी के प्रति विशेष आकर्षण का स्वाभाविक भाव जगाया।