“यूपी निकाय चुनाव” ईमानदार जन सेवकों को चुनना देश व समाज हित में बेहद जरूरी

दीपक कुमार त्यागी 

आकंठ भ्रष्टाचार में हर स्तर पर तेजी से डूबती जा रही देश की राजनीति को देश व समाज के हित में बचाने के लिए स्वच्छ राजनीति अभियान चलाना समय की मांग है, आज राजनीतिक शुचिता मौजूदा समय की आवश्यकता है।

उत्तर प्रदेश के निकाय चुनावों से देशहित में एक नयी राजनीति की शुरुआत अवश्य ही होनी चाहिए, निकाय चुनाव में राजनीतिक दलों को ऐसे प्रत्याशी देने चाहिए जो कि अपराधी, गुंडे, मवाली, दलाल व कमीशन खोर ना होकर के एक शानदार इंसान व जनता के सच्चे सेवक बने रहने वाले अनुकरणीय व्यक्तित्व हो। हालांकि जनता का भी यह दायित्व है कि वह भी इन चुनावों में बिना किसी भी प्रकार के लोभ-लालच के अपने मतों के द्वारा अच्छे प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में जिताने का कार्य करना चाहिए। जनता को भी समय रहते यह समझ जाना चाहिए कि जन सेवक व कमीशन खोर लोगों के बीच का वास्तविक अंतर क्या है, तब ही आने वाले समय में देश व उनका भविष्य उज्जवल रह पायेगा। क्योंकि जिस प्रकार देश की राजनीति में बहुत ही तेजी से अपराधियों, माफियाओं, धन कुबेरों, दलालों और कमीशन खोरी करने वालों का बोलबाला बढ़ता जा रहा है, वह स्थिति आने वाले समय हर नियम, कायदे व कानून पसंद करने वाले सच्चे देशभक्त देशवासियों के लिए बेहद घातक है‌। क्योंकि आज देश में राजनीति में आलम यह हो गया है कि बस एक बार किसी भी तरह से चुनावों में जीत हासिल कर ली जाये, फिर तो जनता के सेवक बनने का बड़े-बड़े दावे करने वाले यह लोग ही आम जनता को तरह-तरह के हथकंडों से परेशान करके जमकर धन वसूली करने का कार्य करते हैं।

इसलिए समय की मांग है कि देश में धरातल पर चुनावी रणभूमि में अच्छे लोगों को आगे बढ़ाने का कार्य अवश्य होना चाहिए। देश में चुनावी रणभूमि में सुधार करने का एक बहुत बड़ा अवसर नीतिनिर्माताओं, दलों के दिग्गज राजनेताओं व आम जन के सामने खड़ा हुआ है, देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में निकाय चुनावों का बिगुल बज चुका है, हर बार की ही तरह इस बार भी चुनावी रणभूमि में उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय सभी राजनीतिक दल चुनावों में हर हाल में जिताऊ प्रत्याशी तलाशने के लिए आजकल बैठक पर बैठक करने में बेहद व्यस्त हैं। लेकिन हमारे सामने एक बड़े ज्वलंत मुद्दे के रूप में विचारणीय तथ्य यह है कि हर राजनीतिक दल की प्राथमिकता में हर चुनाव की भांति क्या इस बार भी केवल चुनावी जीत ही प्राथमिकता में है या फिर आम जनमानस के हित भी उनकी प्राथमिकता में हैं?

क्या जिताऊ प्रत्याशियों की तलाश में हर बार की तरह ही चाल, चरित्र व ईमानदारी आदि पर होने वाली बड़ी-बड़ी बाते केवल और केवल जुमले ही साबित होकर के बातें ही रह जायेंगी या इस बार के निकाय चुनावों में भाग ले रहे उत्तर प्रदेश के सभी दल अपने क्षणिक स्वार्थों से ऊपर उठकर के देश व समाज के हित के लिए एक दीर्घकालीन रणनीति पर कार्य करते हुए आम जनता के सामने एक ईमानदार जन सेवक को प्रत्याशी के रूप में प्रस्तुत करने की नज़ीर पेश करने का कार्य करेंगे। क्या देश व आम जनमानस के हित में बेहद जरूरी यह एक नयी पहल करके सभी राजनीतिक दल देश की आगामी राजनीति से हर तरह से ग़लत लोगों के सफाया करने की एक सकारात्मक शुरुआत करके राजनीति में स्वच्छता अभियान चलाने की जबरदस्त शुरुआत देश व समाज हित में करने का कार्य करेंगे?

निकाय चुनाव के संदर्भ में उत्तर प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों से मेरा विनम्र अनुरोध है कि वह चुनावी रणभूमि के लिए हर हाल में ईमानदार प्रत्याशियों का चयन करने का कार्य करके, उत्तर प्रदेश की क्रांतिकारी प्रगतिशील विचारों वाली भूमि से देश व दुनिया के सामने एक नज़ीर पेश करने का कार्य इस बार के चुनावों में करें। लेकिन अगर किसी कारण यह संभव नहीं है तो कम से कम मौजूदा मेयर, चेयरमैन, पार्षद व सभासद आदि को अपने दल का अधिकृत प्रत्याशी बनाते समय उनकी पूर्व की वित्तीय स्थिति व आज की वित्तीय स्थिति का आंकलन करके भ्रष्टाचारियों व अन्य प्रकार के ग़लत लोगों का टिकट काटकर कम से कम उनको तो घर बैठाने का कार्य करने की राजनीति में एक सकारात्मक शुरुआत करें, जिससे देश में भविष्य की एक नयी राजनीति की शुरुआत हो।