यूपीएल यूनिवर्सिटी और ऑक्सफोर्ड के बीच सतत विकास हेतु साझेदारी

UPL and University of Oxford partner for sustainable development

यूपीएल यूनिवर्सिटी ऑफ सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के ऑक्सफोर्ड इंडिया सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट के बीच साझेदारी, शिक्षा और अनुसंधान में ज्ञान के आदान-प्रदान को देंगे बढ़ावा

रविवार दिल्ली नेटवर्क

मुंबई : यूपीएल ग्रुप की पहल यूपीएल यूनिवर्सिटी ऑफ सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी (“यूपीएल यूनिवर्सिटी”) और यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के ऑक्सफोर्ड इंडिया सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट (OICSD), (जो समरविले कॉलेज में स्थित है) ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका उद्देश्य सतत खाद्य प्रणालियों और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। यह साझेदारी मौजूदा सहयोग को आगे बढ़ाती है और छात्रों व शिक्षाविदों के बीच प्रशिक्षण और ज्ञान साझा करने के लिए एक नया मंच तैयार करती है।

इस साझेदारी के तहत, यूपीएल यूनिवर्सिटी के चुने हुए फैकल्टी सदस्य हर साल ऑक्सफोर्ड जाएंगे, जहां उन्हें पाठ्यक्रम विकास और शोध-आधारित शिक्षा पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह विशेष प्रशिक्षण 2026 की गर्मियों में शुरू होगा।

साथ ही, ओआईसीएसडी के विशेषज्ञ यूपीएल यूनिवर्सिटी के शैक्षणिक कार्यक्रम में योगदान देंगे और एक अतिरिक्त-कार्यक्रम (एक्स्ट्रा करिकुलर) सेमिनार श्रृंखला आयोजित करेंगे, जिससे छात्रों को वैश्विक प्राथमिकताओं की गहन समझ मिलेगी। विषयों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सतत विकास, जलवायु कार्रवाई और प्रौद्योगिकी नवाचार शामिल होंगे। आगामी शैक्षणिक वर्ष में विशेष रूप से यूपीएल यूनिवर्सिटी के छात्रों के लिए दो ऑफलाइन और दो ऑनलाइन लेक्चर आयोजित किए जाएंगे।

यूपीएल लिमिटेड के चेयरमैन और ग्रुप सीईओ जय श्रॉफ ने कहा, “यूपीएल में हम मानते हैं कि दुनिया की सबसे गंभीर सस्टेनेबिलिटी संबंधी चुनौतियों को हल करने के लिए ज्ञान साझा करना और सहयोग अनिवार्य है। यूपीएल यूनिवर्सिटी और ओआईसीएसडी की यह साझेदारी सीखने और नवाचार के लिए एक मजबूत मंच तैयार करती है, जिससे भारत के छात्र और फैकल्टी वैश्विक स्थिरता लक्ष्यों में योगदान दे सकेंगे। भारत वैश्विक शोध के क्षेत्र में व्याप्त अंतराल को दूर करने की अनूठी क्षमता रखता है और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के ओआईसीएसडी के साथ यह सहयोग यूपीएल यूनिवर्सिटी को अंतरराष्ट्रीय अकादमिक सहयोग और सतत तकनीक में एक प्रमुख केंद्र बनाएगा।”

समरविले कॉलेज की प्रिंसिपल और ओआईसीएसडी की कार्यकारी निदेशक बैरोनेस जान रॉयल ने कहा, “ओआईसीएसडी, यूके-भारत संबंधों को मजबूत करने और हमारे समय की सबसे गंभीर गंभीर सस्टेनेबिलिटी संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोग बढ़ाने के प्रति प्रतिबद्ध है। यूपीएल के साथ हमारा नवीनीकृत सहयोग जलवायु-सहिष्णु (क्लाइमेट स्मार्ट) कृषि, नवाचार और पर्यावरणीय प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक प्रगति का अवसर प्रदान करता है। हमें गर्व है कि हम यूपीएल और इसकी यूनिवर्सिटी ऑफ सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी के साथ मिलकर ऑक्सफोर्ड और भारत के बीच ज्ञान और विचारों के इस महत्वपूर्ण आदान-प्रदान को गहरा कर रहे हैं।”

यूपीएल यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट अशोक पंजवानी ने कहा, “यह साझेदारी हमारे फैकल्टी और छात्रों को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के ओआईसीएसडी के साथ सीधे सीखने का अवसर प्रदान करेगी और उन्हें सस्टेनेबिलिटी और प्रौद्योगिकी पर वैश्विक चर्चाओं में शामिल होने का मौका देगी। यह हमारे अकादमिक समुदाय को प्रेरित करेगी और एक बेहतर भविष्य के लिए सतत समाधान बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करेगी। ऐसे आदान-प्रदान कार्यक्रम भारतीय उच्च शिक्षा के लिए दीर्घकालिक परिणाम देंगे।”

यह सहयोग दोनों संस्थानों की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि शिक्षा, नवाचार और वैश्विक सहयोग के माध्यम से समावेशी और लचीली प्रणालियाँ बनाई जाएं। ओआईसीएसडी और यूपीएल के बीच साझेदारी 2021 में ओपनएजी संगोष्ठी के सह-आयोजन के साथ शुरू हुई थी। यह मंच सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत की प्रमुख आवाज़ों को जलवायु परिवर्तन और कृषि के बीच संबंधों पर चर्चा करने के लिए जोड़ता है। इसकी नवीनतम (चौथी) संगोष्ठी 18 सितम्बर 2024 को यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के सैद बिजनेस स्कूल में आयोजित हुई थी, जिसमें सिएरा लियोन के राष्ट्रपति महामहिम डॉ. जूलियस माडा बायो ने मुख्य भाषण दिया।

ओआईसीएसडी, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ सहयोग के अलावा, यूपीएल यूनिवर्सिटी ने कई अन्य संस्थानों के साथ भी साझेदारी की है, जिनसे विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम को सस्टेनेबिलिटी, पर्यावरण अनुपालन, ऑटोमेशन, रोबोटिक्स और प्रोसेस इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में समृद्ध किया गया है। ये सभी पहल यूपीएल यूनिवर्सिटी की इस प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं कि वह छात्रों और फैकल्टी को अत्याधुनिक ज्ञान, व्यावहारिक कौशल और वैश्विक दृष्टिकोण उपलब्ध कराए, ताकि वे तेजी से बदलती दुनिया में नेतृत्व करने के लिए तैयार हो सकें।