
प्रीति पांडेय
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके प्रशासन पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने बिहार की कानून व्यवस्था को विफल बताते हुए सरकार को “निकम्मा” तक कह डाला।
चिराग ने कहा, “मुझे दुख होता है कि मैं उस सरकार का समर्थन कर रहा हूं, जहां अपराधियों को पूरी तरह खुली छूट मिल गई है। अगर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो बिहार और इसके लोगों को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।” बिहार में विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आते ही सियासी बयानबाज़ी तेज हो गई है। राज्य की कानून व्यवस्था पर अब तक विपक्षी खेमा ही आक्रामक था लेकिन अब एनडीए की ही सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर जोरदार हमला बोला है। चिराग ने राज्य में बढ़ते अपराधों को लेकर प्रशासन को “निकम्मा” बताया और कहा कि बिहार में अपराधियों को खुली छूट मिल गई है।
मुजफ्फरपुर की घटना ने बढ़ाई चिंता
चिराग पासवान ने हाल ही में मुजफ्फरपुर जिले में एक महिला के साथ हुए कथित दुष्कर्म की घटना का हवाला देते हुए कहा कि अपराध अपने चरम पर हैं। उन्होंने बताया कि एक महिला को 26 घंटे तक बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया और बाद में उसे सड़क पर फेंक दिया गया। यह घटना 24 जुलाई को सामने आई।
चिराग ने कहा, “यह अफसोसजनक है कि मैं ऐसी सरकार का समर्थन कर रहा हूं जहां अपराधियों को बेलगाम छोड़ दिया गया है। अगर सरकार समय रहते कार्रवाई नहीं करती, तो बिहार और बिहारी इसके गंभीर परिणाम भुगतेंगे।”
जेडीयू का पलटवार: ‘शरीर कहीं, आत्मा कहीं’
चिराग के बयानों पर जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि चिराग का बयान उनकी स्थिति को दर्शाता है कि उनका ‘शरीर एनडीए में और आत्मा कहीं और’ है। नीरज ने आगे कहा, “अगर उनका दिल इतना ही दुखी है, तो वह गठबंधन छोड़ दें और खुलकर अपनी बात रखें।”
“पहले अपने गिरेबान में झांकें” – राजीव रंजन का तंज
जेडीयू के एक अन्य नेता राजीव रंजन ने कहा कि चिराग जैसे नेताओं को पहले अपनी पार्टी और सहयोगियों में छिपे अपराधियों की जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “बिहार में अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग इसे सियासी रंग देने में लगे हैं।”
मांझी का समर्थन: “हमें गर्व है अपनी सरकार पर”
एनडीए के सहयोगी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने चिराग के आरोपों को खारिज करते हुए नीतीश सरकार का खुलकर समर्थन किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा:
“मुझे गर्व है कि मैं बिहार में उस सरकार का समर्थन कर रहा हूं जो अपराधियों से कोई समझौता नहीं करती। यह सरकार अपराधियों को खुली छूट नहीं देती, बल्कि उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजती है।”
कांग्रेस ने उठाया सवाल, बीजेपी ने दी सफाई
चिराग के बयानों पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह सब चुनावी रणनीति का हिस्सा है। कांग्रेस नेताओं का दावा है कि चिराग एनडीए में रहकर केवल भ्रम पैदा कर रहे हैं।
वहीं बीजेपी नेता हरि सहनी ने चिराग को ‘परिपक्व नेता’ बताते हुए कहा कि वह एनडीए के साथी हैं और उन्हें समझाने की जरूरत नहीं है।
राज्य की सुरक्षा बन रही चुनावी मुद्दा
अपराध और सुरक्षा को लेकर छिड़ी इस सियासी बहस ने यह साफ कर दिया है कि कानून व्यवस्था आगामी चुनावों में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। जनता की नजर इस बात पर है कि कौन-सी पार्टी अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का भरोसा देती है और कौन इस मुद्दे को केवल चुनावी हथियार बना रही है।
चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में उठे इस बवंडर ने न सिर्फ गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि कानून व्यवस्था एक बार फिर से मुख्य बहस का विषय बन चुकी है। एक तरफ चिराग पासवान अपने बयानों से गठबंधन को असहज कर रहे हैं, वहीं जेडीयू, मांझी और बीजेपी उनके आरोपों को खारिज करने में जुटे हैं।
अब देखना यह होगा कि बिहार की जनता इस सियासी घमासान को किस नजर से देखती है – क्या यह जनसुरक्षा की सच्ची चिंता है, या चुनावी चाल?