
दीपक कुमार त्यागी
- नोएडा, सहारनपुर, मुरादाबाद एवं गजरौला क्षेत्र मे, बनाए जाऐगे 07 नये बिजलीघर।
- उपकेन्द्रो की क्षमतावृद्धि, अण्डरग्राउड एवं ओवर हैड लाईनों का निर्माण, बाईफरकेशन आदि कार्य किए जायेगे।
- 33 केवी एवं 11 केवी लाईनों का सुदृढीकरण, जर्जर तार, ए०बी० केबिल व पोल बदलने तथा गार्डिंग, अर्थिग इत्यादि कार्य किए जायेगें।
- नोएडा मे दुरयाई और शाहबेरी नए बिजलीघरों का निर्माण, जिससे ट्रिपिंग और ओवर लोड से राहत मिलेगी।
- सहारनपुर में 33/11 केवी चिलकाना-2 उपकेन्द्र का निर्माण, जिससे ट्रिपिंग एवं फॉल्ट जैसी समस्याओं से निजात मिलेगी नए विद्युत कनेक्शन देना होगा आसान।
- मुरादाबाद मे सीतापुरी-2 एवं ताजपुर माफी मे नए उपकेन्द्र बनाकर, पुराने अतिभारित उपकेन्द्रों से भार हटाया जाऐगा।
- गजरौला (अमरोहा) मे 33/11 केवी धामपुर टाउन और 33/11 केवी अहमदयार खान में उपकेन्द्र निर्माण, जिससे ओवरलोडिग व ट्रिपिंग मे राहत मिलेगी।
- विद्युत व्यवस्था के सुदृढीकरण से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में, विद्युत आपूर्ति में होगा सुधार, उपभोक्ताओं को ट्रिपिंग, लो-वोल्टेज, ओवर लोडिग आदि से मिलेगी राहत होगी विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति।
- ट्रांसफार्मरों पर लोड कम होगा और खासकर, आगामी गर्मियों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
- शहरी/ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को समर्थन मिलेगा।
- उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति में गुणात्मक सुधार आयेगा, अनवरत विद्युत आपूर्ति संभव हो सकेगी।
मेरठ : पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि० की मैनेंजिग डायरेक्टर ईशा दुहन (IAS) ने बताया कि पश्चिमांचल विद्युत निगम लि० के अन्तर्गत विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़, प्रभावी और उपभोक्ता केन्द्रीय बनाने के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए विस्तृत बिजनेस प्लान तैयार किया है। बिजनेस प्लान के अन्तर्गत रू0 931.43 करोड़ की लागत से 14 जनपदों में बिजनेस प्लान के अन्तर्गत विभिन्न योजनाए कियान्वित की जाऐगी जिसमें क्षमतावृद्धि, विद्युत सुदृढीकरण, ओवर हैड लाईनो का भूमिगतकरण, ट्रांसफार्मर अपग्रेडेशन, नए बिजलीघरों का निर्माण तथा पुराने उपकरणों का आधुनिकीकरण प्रमुख है।
विद्युत प्रणाली उच्चीकरण एवं सुदृढीकरण के लिए, कार्य योजना एवं अन्य सुधार के प्रस्तावों के लिए रू0 931.43 करोड की स्वीकृति सरकार द्वारा प्रदान की गई है। मैनेंजिग डायरेक्टर ने बताया कि बिजनेस प्लान योजना का उद्देश्य मौजूदा विद्युत व्यवस्था का सुदृढीकरण कर, उपभोक्ताओं को विश्वसनीय, अनवरत विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराना है। बिजनेस प्लान योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए वीजन डाक्यूमेन्ट तैयार किया गया है, जिसके कियान्वयन से डिस्कांम के समस्त 14 जनपदों के विद्युत उपभोक्ता लाभान्वित होगें।
बिजनेस प्लान वित्तीय वर्ष 2025-26 के अन्तर्गत 931.43 करोड की लागत से विद्युत प्रणाली के उच्चीकरण / सुदृढीकरण के कार्य किए जाऐगा जिसमे 54.09 करोड रू० की लागत से बनाए जाऐगे 07 नए 33/11 केवी उपकेन्द्र। 66.29 करोड रू0 की लागत से बिछाई जाऐगी, अन्डरग्राउन्ड एवं ओवर हैड 33 के०वी० लाईने। कुल रू0 113.38 करोड की लागत से होगा 33/11 केवी0 उपकेन्द्रों की क्षमतावृद्धि का कार्य, 46.09 करोड रू० की लागत से होगा अन्डरग्राउन्ड एवं ओवर हैड 11 के०वी० लाईनों का निर्माण एवं बाइफरकेशन।
रू0 96.48 करोड की लागत से होगा 11/.04 केवी वितरण उपकेन्द्रों की क्षमतावृद्धि, रू० 72.69 करोड की लागत से होगा 11/.04 केवी वितरण उपकेन्द्रों निर्माण, रू0 41.86 करोड की लागत से होगा 33 केवी लाईनों के सुदृढीकरण का कार्य, रू 43.61 करोड की लागत से होगा 11 केवी लाईनों के सुदृढीकरण का कार्य तथा रू0 42.14 करोड की लागत से जर्जर तार/ए०बी० केबिल व पोल बदलने तथा गार्डिंग, अर्थिंग इत्यादि का कार्य। इसके अतिरिक्त रू0 216.63 करोड की लागत से 33/11 केवी उपकेन्द्रों का सुदृढीकरण एवं प्रोटेक्शन, वितरण परिवर्तकों का सुदृढीकरण एवं प्रोटेक्शन तथा लाईनों से संबंधित प्रोटेक्शन के कार्य किए जायेगे। रू0 160.70 करोड की लागत से विद्युत कार्यशाला से संबंधित विभिन्न कार्य, विभिन्न भण्डार केन्द्रो से संबंधित कार्य एवं अन्य कार्य सम्पादित किए जायेगें।
मैनेंजिग डायरेक्टर ईशा दुहन ने बताया कि पश्चिमांचल डिस्काम के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए नए बिजलीघरों का निर्माण लाभदायक सिद्ध होगा। नये विद्युत उपकेन्द्रों के निर्माण से न केवल टिपिग, लो वोल्टेज, जैसी समस्याओं से निजात मिलेगी बल्कि इससे उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति में भी बड़ी राहत मिलेगी। विद्युत आपूर्ति में गुणात्मक सुधार संभव हो सकेगा। 07 नग बिजलीघरो मे से नोएडा क्षेत्र के अन्तर्गत दादरी मे दुरयाई मे नये बिजलीघर का निर्माण किया जाऐगा मौजूदा बिसनौली / बमहैटा बिजलीघर ओवर लोडिड है जिनकी क्षमता बढाना संभव नही है, बिसनौली और बम्हैटा बिजलीघर के लोड को प्रस्तावित नये 33/11 केवी बिजलीघर दुरयाई पर लोड स्थानान्तिरत किया जाऐगा। इसी प्रकार नोएडा क्षेत्र के अन्तर्गत ग्रेटर नोएडा का सुदामापुरी बिजलीघर ओवर लोड है जहाँ पर गर्मी में आपूर्ति की समस्या थी, नये प्रस्तावित 33/11 केवी बिजलीघर शाहबेरी पर लोड स्थानान्तिरत किया जाऐगा, जिससे ट्रिपिंग और ओवर लोड से राहत मिलेगी।
सहारनपुर क्षेत्र के अन्तर्गत सरसावा मे 33/11 केवी चिलकाना-2 में नये बिजलीघर का निर्माण किया जाऐगा, मौजूदा बिजलीघर चिलकाना ओवर लोडिड है, अतिरिक्त लोड को, नये 33/11 केवी बिजलीघर चिकाना-2 पर स्थानान्तिरत किया जाऐगा, उपभोक्ताओं को नये 33/11 केवी बिजलीघर चिकाना-2 के बनने से ट्रिपिंग, ओवर लोडिग, लो-वोल्टेज जैसी समस्याओं से निजात मिलेगी।
मुरादाबाद क्षेत्र के अन्तर्गत सीतापुर-2 एवं ताजपुर माफी मे नया निर्माण किया मौजूदा सबस्टेशन सीतापुरी ओवर लोड है इसका भार नया प्रस्तावित 33/11 सीतापुरी-2 बिजलीघर पर स्थानान्तिरत किया जाऐगा। इसी प्रकार मौजूदा बिजलीघर दलपतपुर ओवर लोड है इसलिए लोड को नये प्रस्तावित 33/11 केवी बिजलीघर ताजपुर माफी पर स्थानान्तिरत किया जाऐगा।
गजरौला क्षेत्र के अन्तर्गत हसनपुर मे अछरौला अहमदयार खान तथा धामपुर टाउन मे नये बिजलीघर का निर्माण किया जाऐगा। मौजूदा सबस्टेशन हसनपुर देहात और ताहरपुर पर अत्याधिक भार है लोड को नये प्रस्तावित 33/11 केवी बिजलीघर अछरौला अहमदयार खान पर स्थानान्तिरत किया जाऐगा। नये बिजलीघरों के बनने से उपरोक्त क्षेत्र के उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति में लाभ मिलेगा एवं विद्युत फॉल्ट से निजात मिलेगी तथा नये संयोजन आसानी से दिये जा सकेगें। इसके अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2025-26 के अनतर्गत 26 नई 33 केवी लाईनों का निर्माण, 91 पुराने 33/11 केवी उपकेन्द्रो का शसक्तिकरण, 78 नई 11 केवी लाईनों का निर्माण एवं क्षमातवृद्धि, 3641 पुराने 11/04 विद्युत उपकेन्द्रों का सशक्तिरण, 974 नए 11/.04 केवी वितरण उपकेद्रो का निर्माण, 186 पुराने 33 केवी लाईनों का सुदृढीकरण, 592 नई 11 केवी लाईनों का सुदृढीकरण, 613 ए०बी०सी० लाईनों का सुदृढीकरण, जजर्र तार / खंभों को बदलने के प्रमुख कार्य किए जाऐगे।
मैनेजिंग डायरेक्टर ईशा दुहन ने बताया कि इन कार्यों के क्रियान्वयन से विद्युत व्यवस्था सुदृढ होगी किसानों, घरेलू व व्यवसायिक उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में विकास को बल मिलेगा, विद्युत लाईनों व ट्रासफार्मो की लोड वहन करने की क्षमात बढेगी। ट्रिपिंग, फाल्ट और इन्द्रप्शन जैसी समस्याओं का प्रभावी समाधान होगा, ओवर लोड व लो वोल्ट की समस्या का निदान होगा। नये विद्युत कनेक्शन विशेषकर गावों मे देना आसान होगा।