रविवार दिल्ली नेटवर्क
देहरादून : देशभर में 1 जुलाई 2024 से लागू होने वाले तीन नये आपराधिक कानूनों हेतु उत्तराखण्ड की तैयारी पूरी हो चुकी है। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने आज गृह सचिव भारत सरकार की अध्यक्षता में सभी राज्यों के साथ हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह जानकारी दी है। सीएस ने कहा कि 1 जुलाई से लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय सुरक्षा अधिनियम 2023 हेतु उत्तराखण्ड ने पूरी तैयारी कर ली है। मुख्य सचिव ने बताया कि नये आपराधिक कानूनों के पास होने के बाद हमारे द्वारा सेंट्रल डिटेक्टिव ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट से समन्वय स्थापित कर पीटीसी/एटीसी तथा अन्य प्रशिक्षण केन्द्रों से 50 अधिकारियों को ग़ाज़ियाबाद और जयपुर से मास्टर ट्रेनर का कोर्स कराया गया है। साथ ही उत्तराखण्ड पुलिस हस्तपुस्तिका तैयार की गई है।
जिसके आधार पर सारे कोर्स का संचालन किया जा रहा है। इसमें वृहद कानूनों को सरल तरीके से पढ़ने की विधि तैयार की गई है। जिसकी एक एक प्रति समस्त पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को वितरित की जा रही है। मुख्य सचिव ने कहा कि ट्रेनिंग को जिला स्तर पर डिसेन्ट्रालाइज किया गया। ऐसे कर्मचारी जिनका पुलिस विवेचना में प्रत्यक्ष हस्तक्षेप नहीं होता है, उन्हें ऑनलाइन मोड में प्रशिक्षण दिया गया है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि आरटीसीएस में संचालित नागरिक पुलिस/पीएसी के लगभग 1000 रिक्रूट आरक्षियों को 03 दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसके अतिरिक्त लगभग 500 मुख्य आरक्षियों को पदोन्नति हेतु भी नये आपराधिक कानूनों का प्रशिक्षण दिया गया है।
समस्त आईपीएस अधिकारियों तथा जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। बैठक में सचिव दिलीप जावलकर सहित गृह विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।