मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य को पूर्ण करने की दिशा में उत्तराखण्ड भी निरंतर कार्य कर रहा है : धामी

Uttarakhand is also continuously working towards fulfilling Modi's goal of developed India: Dhami

रविवार दिल्ली नेटवर्क

देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की बैठक में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के लक्ष्य को पूर्ण करने की दिशा में उत्तराखण्ड भी निरंतर कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील राज्य है। इस बार के केन्द्रीय बजट में इसको दृष्टिगत रखते हुए विशेष वित्तीय प्रावधान किये जाने पर उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में जारी सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स इंडेक्स रैंकिंग में उत्तराखण्ड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है। जो राज्य के लिए गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य ने ‘समान नागरिक संहिता’ विधेयक को उत्तराखण्ड में पारित किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कई शहरों में पेयजल का गंभीर संकट दिखाई दिया है। इस समस्या के समाधान के लिए भू-जल स्तर बढ़ाने के साथ-साथ जल संरक्षण पर विशेष कार्य करने की आवश्यकता है। उत्तराखण्ड में इसके लिए स्प्रिंग एंड रिवर रिज्यूविनेशन अथॉरिटी का गठन किया है। जो जल संरक्षण और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने और हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की परियोजना पर कार्य कर रही है। उन्होंने इसके लिए केन्द्र सरकार से विशेष वित्तीय सहायता एवं तकनीकि सहयोग का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को और अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता है। जिसके लिए क्लस्टर आधारित इंक्यूबेशन सेंटर तथा ग्रोथ सेंटर महत्वपूर्ण साबित होंगे। उत्तराखण्ड में पायलट प्रोजक्ट के रूप में दो रूरल इंक्यूबेशन सेंटर तथा 110 ग्रोथ सेंटर स्थापित किए गए हैं। उन्होंने इंक्यूबेशन सेंटर्स स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार से तकनीकी और वित्तीय सहयोग के लिए अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 25 मेगावाट से कम क्षमता की जल विद्युत परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन की अनुमति प्रदान करने तथा लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रस्तावित 24 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी के प्रस्ताव को पूर्वोत्तर राज्यों के साथ ही हिमालयी राज्यों में भी लागू करने का अनुरोध किया। ‘पीएम कृषि सिंचाई योजना’ की गाइडलाइन में लिफ्ट इरिगेशन को शामिल करने के लिए भी मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया।