
नीति गोपेन्द्र भट्ट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सोमवार को संसद भवन में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे की मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं और कयासों का बाजार उछाल मार रहा हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इन कयासों एवं चर्चाओं की मुख्य वजह राजस्थान के जाट नेता जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद दोनों नेताओं का पहली बार दिल्ली दौरा होना बताया जा रहा है। कुछ दिनों पूर्व भाजपा के वरिष्ठतम कद्दावर आदिवासी नेता तथा भजन लाल मंत्रिपरिषद के सबसे सीनियर मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा की दिल्ली यात्रा को लेकर भी कयासों के बाजार गर्म हुआ था। वसुन्धरा राजे भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है और आने वाले दिनों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के नाते, वसुंधरा राजे भी भाजपा की राष्ट्रीय भूमिका में फिर से उभर सकती हैं। वसुंधरा राजे 2003 से 2008 एवं 2013 से 2018 में दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं और वर्तमान में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वसुंधरा राजे की इस मुलाकात को अहम माना जा रहा है। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक बयान और चित्र बाहर नहीं आया है लेकिन राजनीतिक सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से वसुंधरा राजे की सोमवार 28 जुलाई को संसद भवन में हुई मुलाकात से राजनैतिक हलचल की खबरे तेज़ी से फैल रही हैं । साथ ही इस मुलाकात को राजस्थान में संभावित किसी बड़े राजनीतिक परिवर्तन, मंत्रिमंडलीय फेरबदल और संगठनात्मक सुधारों की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है। दूसरी ओर कुछ लोगों का कहना है कि वसुंधरा राजे के सांसद पुत्र दुष्यन्त सिंह के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र झालावाड़ में हाल ही एक स्कूल के जर्जर भवन के धराशायी होने से सात बच्चों की असमय मौत और इस दुर्घटना में घायल हुए बच्चों की दशा से वसुंधरा राजे काफी व्यथित हुई है और राजे ने प्रदेश के शिक्षा विभाग की लापरवाही को लेकर अपनी गहरी नाराजगी जताई है। वे झालावाड़ ज़िले के बच्चों और घायलों को मुआवजा देने मामले में भी सक्रिय रही हैं, जिसकी वजह से उनकी स्थानीय राजनीतिक गतिविधियों और केंद्रीय भूमिका चर्चाओं में है । इधर कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षकों को आने वाले दिनों में राजस्थान में फेरबदल की आहट सुनाई दे रही है,जिसमें भाजपा संगठन की नई राज्य कार्यकारिणी और राज्य सरकार के मंत्रियों और उनके विभागों में बदलाव की चर्चा तथा नई राजनीतिक नियुक्तियां आदि शामिल है।
वसुंधरा राजे ने पिछले दिनों भी संसद भवन में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी। जिसमें राजस्थान की राजनीतिक स्थिति को लेकर चर्चाएँ हुई थीं । राजे की ये मुलाकात प्रधानमंत्री मोदी की राजस्थान यात्रा के ठीक बाद ही थी और इस बार की मुलाकात केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जयपुर यात्रा के ठीक बाद और प्रधानमंत्री मोदी के विदेश यात्रा से लौटने के बाद हुई हैं। राजनीतिक जानकारों अनुमान लगा रहे है कि आने वाले दिनों में वसुंधरा राजे की राज्य अथवा केंद्रीय भूमिका में वृद्धि हो सकती है।
इधर सोमवार शाम को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी दिल्ली दौरे पर पहुंचे है और उनकी केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर और सी आर पाटिल आदि केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात हुई है। मुख्यमंत्री शर्मा का यह दिल्ली दौरा काफी अहम माना जा रहा है। लिहाजा इस पर राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें टिकी हुई है। सूत्रों के अनुसार उनके इस दौरे पर सरकार और संगठन स्तर पर संभावित बदलाव तथा निगम, बोर्ड तथा अन्य राजनीतिक एवं गैर राजनीतिक रिक्त पदों को भरने के लिए शीर्ष स्तर पर चर्चा और बैठकों की अटकलें लगाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री का यह दौरा राजस्थान के राजनीतिक हालात,स्थानीय निकाय एवं पंचायत राज चुनाव और विकास मुद्दों पर केंद्रित बताया जा रहा हैं ।
देखना है राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात और मुख्यमंत्री भजनलाल लाल शर्मा के ताजा दिल्ली दौरे के बाद राजस्थान में किस तरह का बदलाव अथवा नयापन देखने में आता है?