रविवार दिल्ली नेटवर्क
भोपाल : आज मुझे संघर्ष के वे दिन याद आ गए जब मैं खुद अपने माता-पिता के साथ सब्जी बेचा करता था। मूसाखेड़ी की सड़कों पर सब्जी बेचने वाली बेटी अंकिता नागर के हाथों में अब न्याय की तराजू है। मध्यप्रदेश की अन्य बेटियाँ भी अब अंकिता से प्रेरणा लेकर अपनी मुश्किलों को पीछे छोड़ सफलता के पथ पर अग्रसर होंगी।
जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने हाल ही में सिविल जज की परीक्षा पास करने वाली अंकिता नागर से मुलाकात के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि आज मैं बेहद भावुक हूँ। मैं भी अपने माता-पिता की सहायता के लिए सब्जी बेचा करता था। तेज बारिश हो या कितनी भी ठंड पड़े, सुबह जल्दी उठकर मंडी से सब्जी लाना फिर उसे दुकान पर सजाना… यही मेरी और मेरे परिवार की दिनचर्या थी। छावनी में आई.के. कॉलेज के गेट के समीप हमारी दुकान हुआ करती थी। सब्जी की दुकान से ही वक्त निकालकर मैं पढ़ाई किया करता था।
मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि जब मुझे बेटी अंकिता नागर के बारे में पता चला तो आँखों के सामने 40-50 साल पहले के वह दृश्य दोबारा किसी चलचित्र की भांति घूम गए। इसलिए मैं बेटी अंकिता से मिलने खुद उनके घर आया और तमाम मुश्किलों के बीच अपनी बेटी को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करने वाले उनके पिता श्री अशोक नागर और माँ श्रीमती लक्ष्मी नागर का भी सम्मान किया। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी बेटी अंकिता की सफलता पर ख़ुशी व्यक्त की। बेटी अंकिता की सफलता इस बात का प्रमाण है कि मेहनत के दम पर उच्च शिखर को छुआ जा सकता है। एक सब्जी बेचने वाला प्रदेश का केबिनेट मंत्री बन सकता है, एक बेटी जज बन सकती है तो मेहनत और लगन से अन्य बच्चे भी ऊँचाइयों को छू सकते हैं। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है कि सभी लाड़ली बेटियाँ आगे बढ़े, बेहतर शिक्षा हासिल करें और कॅरियर की नई ऊँचाइयाँ प्राप्त करें।
अपने सम्मान से अभिभूत सुश्री अंकिता नागर ने कहा कि मैं बेहद खुश हूँ कि मंत्री मेरे घर आए और हमारा सम्मान किया। मंत्री श्री सिलावट के प्रेरणा दाई शब्दों से मेरा हौसला और भी बढ़ा है।