रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली : भारतीय पहलवान विनेश फोगाट की याचिका CAS ने खारिज कर दी है। इसका मतलब है कि अब भारत के खाते में कोई रजत पदक नहीं आएगा। फाइनल मुकाबले से पहले विनेश फोगाट का वजन 100 ग्राम बढ़ा। इसी वजह से उन्हें पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इस संबंध में उन्होंने रजत पदक दिए जाने की याचिका दायर की थी। इस पर 16 अगस्त को फैसला होना था, लेकिन CAS ने पहले ही उनकी याचिका खारिज कर दी है।
इस संबंध में भारतीय ओलंपिक टीम की अध्यक्ष पीटी उषा ने हैरानी जताई है और वह इस फैसले से हैरान भी हैं। विनेश ने सात अगस्त को रजत पदक पाने के लिए याचिका दायर की थी। CAS ने यह मांग मान ली। मामले की सुनवाई 9 अगस्त को हुई थी। वही विनेश का प्रतिनिधित्व चार वकीलों ने किया और उनके साथ भारत के शीर्ष वकील हरीश साल्वे और विदुषपत सिंघानिया को भी सहायता के लिए भेजा गया।
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह विनेश फोगाट या किसी अन्य एथलीट के लिए नियम बदलने के पक्ष में नहीं है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाक ने भी इस संबंध में यही बयान जारी किया।
अयोग्यता के बाद सेवानिवृत्त
फाइनल से पहले अयोग्य घोषित होने के बाद विनेश फोगाट ने 8 अगस्त को कुश्ती से संन्यास की घोषणा की। उन्होंने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा, मां कुश्ती जीत गई, मैं हार गई। मुझे माफ़ करें तुम्हारा सपना और मेरी हिम्मत टूट गयी। मुझमें अब साहस नहीं रहा। कुश्ती को मेरा सलाम। मेरा करियर 2001-2024 तक फैला। इस बीच पूरे देश को उम्मीद थी कि विनेश को रजत पदक मिलेगा, लेकिन याचिका खारिज होने से भारतीय उम्मीदों को करारा झटका लगा है।