संजय सक्सेना
लखनऊ : एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में अमन चैन लाने की कोशिश कर रही है तो वहीं विपक्ष के कुछ नेता और कट्टरपंथी भड़काऊ बयानबाजी करके माहौल खराब करने में लगे हैं। यही वजह है बहराइच में रामगोपाल की हत्या के मामले में अब अजमेर दरगाह अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है मुसलमान के घरों के आगे जाकर गालियां बकोगे तो फूल नहीं बरसेंगे।बहराइच में जो हुआ वह होना ही था। मुसलमानों को अनाप-शनाप कहा जा रहा है। घर पर चढ़कर हरा झंडा उतार कर भगवा झंडा लहराए जा रहा है। चिस्ती ने कहा कि मुसलमान को गालियां दी जा रही है तो फूल तो बरसेंगे नहीं। उन्होंने कुदरत के कानून का वास्ता देते हुए कहा कि घर में घुस जाओगे, धर्म और हमारे लोगों को गालियां बकोगे और फिर चाहोगे कि मुसलमान रिएक्ट ना करें और फिर जब रिएक्ट करते हैं तो उसके ऊपर जिन्होंने एक्शन किया उन्हें तो मीडिया नहीं दिखता है और रिएक्ट करने वालों को मीडिया दिखता है।
उन्होंने कहा कि हिंदुओं की भीड़ मुसलमान के घरों के आगे उकसाने वाले नारे लगाएगी तो मुसलमान भी चुप नहीं बैठेगा. लॉरेंस बिश्नोई का जिक्र करते हुए चिस्ती ने कहा कि उनके लोग मुसलमान लीडर को टारगेट कर रहे हैं. मुसलमान धर्म और नबी की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं करेगा. मोहन भागवत हिंदुओं को एक होने की बात कहते हैं. हिंदुस्तानियों को एक होने की क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि अगर मोहन भागवत हिंदुओं को एक होने की बात कह रहे हैं तो अल्पसंख्यक भी हिंदुओं के खिलाफ एकजुट हो जाएगा. मुसलमान बुजदिल नहीं है डरेगा नहीं. वैसे अच्छा होता यदि सरवर चिस्ती यह भी बात देते की मोहर्रम के दौरान जो लोग हिन्दुओं के घर और मंदिर के समाने जोर-जोर से भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करते हुए अल्लाह हॅूं अकबर या फिर नारा-ए-तकबीर का का नारा लगाते हैं उनके साथ कैसा व्यवहार होना चाहिए। क्योंकि वह भी तो हिन्दुओं को भड़काते हुए कहते हैं कि अल्लाह के अलावा कोई नहीं है।ऐसे लोगों के साथ कैसा व्यवहार किया जाना चाहिए।