वोट चोरी : देश चाहता राहुल के सवालों के बिंदुवार जवाब

Vote theft: The country wants point-by-point answers to Rahul's questions

तनवीर जाफ़री

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी इन दिनों सत्ता व चुनाव आयोग की मिलीभगत के कथित नेटवर्क को लेकर काफ़ी आक्रामक हैं। विगत 7 अगस्त से लेकर गत 5 नवंबर तक वे चार बार देश के मीडिया के समक्ष अनेक प्रमाणों सहित सार्वजनिक रूप से यह दावे कर चुके हैं कि चुनाव आयोग सत्ता की कठपुतली के रूप में काम करते हुये ‘वोट चोरी’ कर रहा है। जिस तरह 7 अगस्त को उन्होंने अपनी इस तरह की पहली प्रस्तुति में कर्नाटक के महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र को केंद्र में रखते हुये यहाँ 1,00,250 फ़र्ज़ी वोट जोड़े जाने का आरोप लगाया था जिसमें 11,956 डुप्लीकेट वोटर, 40,009 अमान्य पते, 10,452 बल्क रजिस्ट्रेशन अर्थात एक ही पते पर 80 लोग , 4,132 अमान्य फ़ोटो , और 33,692 फ़ॉर्म 6 का दुरुपयोग जैसे अनेक गंभीर आरोप लगते हुये कहा था कि चुनाव आयोग भाजपा के साथ मिलकर “वोट चोरी” करते हुये “एक व्यक्ति, एक वोट” के सिद्धांत का उल्लंघन कर रहा है। । ठीक उसी तर्ज़ पर उन्होंने पिछली 5 नवंबर को दिल्ली में मीडिया के समक्ष हरियाणा के अक्टूबर 24 के चुनावों में बड़े पैमाने पर हुई कथित धांधली का भी भंडाफोड़ किया। इस बार सुबूतों के साथ चुनाव आयोग पर लगाये गए उनके आरोप और भी अधिक गहरे व गंभीर थे।

उन्होंने यहाँ आरोप लगाया कि 2024 के राज्य विधानसभा चुनाव में 25 लाख वोट “चुराए” गए। ” उन्होंने अपनी इस प्रस्तुति को H Files” का नाम दिया तथा अपने इन गंभीर रहस्योद्घाटन को सत्ता व चुनाव आयोग के लिये हाइड्रोजन बताया। राहुल गांधी ने दावा किया कि हरियाणा में भी 5,21,619 डुप्लीकेट वोटर पाए गए जबकि 93,174 मतदाताओं के पते अमान्य मिले। इसी तरह 19,26,351 बल्क वोटर पाए गये और 1,24,177 मत ऐसे मिले जिनपर फ़र्ज़ी फ़ोटो लगाई गयी थी। इन्हीं फ़र्ज़ी फ़ोटो में एक चित्र एकब्राज़ीलियन मॉडल का भी इस्तेमाल किया गया जिसके फ़ोटो पर 10 अलग अलग बूथों पर अपना नाम बदल बदल कर 22 बार मतदान किया गया था। जब उस ब्राज़ीलियन मॉडल लैरिसा नेरी को ब्राज़ील में यह पता लगा कि उस के चित्र का प्रयोग भारत के वोटर लिस्ट में बार बार सीमा, स्वीटी, सरस्वती जैसे 22 अलग अलग नामों के साथ किया गया है तो उसने कहा कि वह इससे पूरी तरह अनजान हैं। उसने एक वीडियो में हैरानी जताते हुए कहा:”दोस्तों, मैं आपको एक मज़ाक़ सुनाती हूं—यह बहुत भयानक है! वे भारत में चुनावों के लिए मेरी पुरानी तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें मुझे भारतीय दिखा रहे हैं। यह पागलपन क्या है? मैं कभी भारत नहीं गई हूं। यह अविश्वसनीय है।” गोया ब्राज़ील तक भारतीय चुनाव आयोग की धांधली के डंके बजते सुने जा सकते हैं। इसी तरह एक महिला का चित्र ऐसा भी था जिसे लगाकर 223 बार दो अलग बूथों पर मतदान कराया गया। 5 नवंबर को दिल्ली में “H Files” के प्रस्तुत करने के बाद राहुल गाँधी बिहार की अपनी सभी चुनावी जनसभाओं में केंद्रीय चुनाव आयोग और मोदी सरकार पर कथित वोट चोरी का सार्वजनिक रूप से आरोप लगा रहे हैं। और जनता की ओर से ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ के नारे लगाये जा रहे हैं। वे हरियाणा की भाजपा सरकार को चोरी की सरकार बता रहे हैं। वे Gen Z का भी वोट चोरी के प्रति सचेत रहने का आह्वान कर रहे हैं। राहुल गाँधी के अनुसार ‘’ सच तो ये है कि नरेंद्र मोदी जी, अमित शाह जी और चुनाव आयोग, ये तीनों मिलकर संविधान पर हमला कर रहे हैं। संविधान कहता है ‘वन मैन, वन वोट’ । हरियाणा में यह सिद्धांत नहीं था। वहां ‘वन मैन, मल्टिपल वोट्स’ हुआ”। उन्होंने कहा, ‘’वे लोग बिहार में भी यही करने जा रहे हैं। यह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा और गुजरात में भी हो चुका है। ’’ इस रहस्योद्घाटन के बाद दिल्ली से भी कुछ ऐसे ख़ास लोगों के नाम उजागर हो रहे हैं जिनके पास दिल्ली का भी मतदाता पहचान पात्र है और बिहार का भी।

अब लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गाँधी के इस तरह के अति गंभीर व गहरे आरोपों का जवाब यदि केंद्रीय चुनाव आयोग बिंदुवार तरीक़े से देने के बजाये केवल उन्हें झुठलाने की कोशिश करे या इन आरोपों को बेबुनियाद कहकर उल्टे राहुल गांधी से ही अपने आरोपों संबंधी हलफ़नामा दाख़िल करने को कहे तो इससे चुनाव आयोग की साख पर सवाल उठना तो लाज़िमी है ? या केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का यह कहना कि हरियाणा में कांग्रेस आपसी फूट के कारण हारी और राहुल अपनी नाकामी को छुपाने के लिए झूठे दावे कर रहे हैं या हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा राहुल के दावों दावों को ख़ारिज कर देना निश्चित रूप से राहुल के आरोपों का जवाब नहीं है। आज यदि देश में बिना घर के पते के आधार कार्ड नहीं बन सकता तो मकान नंबर के बिना मतदाता पहचान पत्र कैसे ? यह कौन बतायेगा या इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा कि एक ही व्यक्ति की फ़ोटो का उपयोग अनेक जगहों पर कैसे किया गया ? एक ही मकान में 100 ,50 या 20-20 मतदाताओं के फ़र्ज़ी नाम कैसे शामिल किये गये जबकि इन फ़र्ज़ी नामों के लोग वहाँ रहते ही नहीं? राहुल का यह भी बेहद गंभीर आरोप है कि चुनाव आयोग ने डुप्लीकेट नाम पता व फ़ोटो हटाने का सॉफ़्टवेयर होने के बावजूद इस सॉफ़्टवेयर को बंद कर दिया अन्यथा चुनाव पूर्व ही सारे डुप्लीकेट चेक हो जाते। क्या यह आरोप चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा नहीं करता ?

राहुल का दावा है कि उनके पास और भी कई सबूत हैं और वे इस प्रक्रिया (वोट चोरी का पर्दा फ़ाश) को जारी रखेंगे। सवाल यह है कि आज राहुल को चुनाव आयोग के विरुद्ध इतने संगीन आरोप क्यों लगाने पड़ रहे हैं जिससे पूरे विश्व में न केवल चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा मिट्टी में मिल गयी है बल्कि यह सवाल भी खड़ा हो गया है दिल्ली से लेकर विभिन्न राज्यों की सरकारें वास्तव में वही सरकारें हैं जिन्हें जनता द्वारा लंबी लंबी क़तारों में घंटों खड़े होकर चुना गया है या फिर उनकी निर्वाचित सरकार चोरी कर ली गयी है ? निश्चित रूप से देश का प्रत्येक व्यक्ति जिसे लोकतंत्र व इसकी चुनाव व्यवस्था पर विश्वास है कि वह राहुल के सभी आरोपों के जवाब बिंदुवार चाहता है न कि वह इधर इधर के बहानेबाज़ी वाले जवाब सुनना चाहता है। यदि राहुल के आरोप ग़लत और बेबुनियाद हैं तो चुनाव आयोग उनके विरुद्ध क़ानूनी कार्रवाई क्यों नहीं करता ? देश को राहुल के गंभीर सवालों के गंभीर जवाब चाहिये ।