
ओम प्रकाश उनियाल
देहरादून : राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ उत्तराखण्ड की गांधी रोड परिषद कार्यलय में बैठक आहूत की गयी। जिसमें नियमितीकरण में हो रही देरी व सार्वजनिक निगमों के निजीकरण (मालदारी) व्यवस्था को लागू करने पर आक्रोश व्यक्त किया गया तथा आंदोलन की चेतावनी दी गयी।
बैठक में महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश पन्त ने कहा कि दैनिक वेतन कार्मिकों के नियमितीकरण हेतु एक वर्ष पूर्ण होने के पश्चात शासन द्वारा आदेश निर्गत नहीं किये गये। विभाग द्वारा बार-बार आश्वासन दिए जाने के बाबजूद भी कार्यवाही ठण्डे बस्ते में डाली गयी है ।
वन निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष टी एस बिष्ट ने वन विकास निगम में आऊटसोर्स पर कराए जा रहे कार्यों को निजी (मालदारों) को दिए जाने पर प्रबन्धन द्वारा किए गए आदेशों पर चिन्ता व्यक्त की गयी। उन्होंने कहा कि वन निगम प्रबन्धन द्वारा किए गये आदेशों से 800 आउटसोर्स पर कार्य करने वाले कार्मिकों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ गयी है ।
विजय खाली द्वारा पेयजल निगम में पेयजल सम्बन्धी कार्यों को बाहरी एजेन्सीज को दिए जाने की बात रखी गयी ।
प्रान्तीय कार्यकारणी सचिव श्याम सिंह नेगी ने कहा कि परिवहन निगम में राष्ट्रीय राजमार्गों पर निजी संचालकों को दिया जाना वन विकास निगम में मालदारी व्यवस्था, पेयजल योजनाओं के दूसरी संस्थाओं को दिया जाना निजीकरण किये जाने के संकेत हैं जिसका विरोध किया जाना चाहिए। महासंंघ जिसके लिये बड़े आन्दोलन को तैयार है।
बैठक में यह तय किया गया कि विधान सभा सत्र के दौरान 19 फरवरी को विधायक निवास गेट पर थाली बजाकर माननीय विधायकों को जगाते हुये ज्ञापन दिये जाएगें। जिसमें समस्याओं को रखा जायेगा। 20 फरवरी को मंत्री निवास के गेट यमुना कालोनी में ज्ञापन दिया जाएगा। इसके अलावा महासंघ के प्रान्तीय कार्यकारणी के चुनाव 9मार्च को गांधी रोड परिषद कार्यलय में सम्पन करायें जाएगें ।
बैठक में कार्यवाहक महासचिव श्याम सिंह नेगी, महासचिव बी एस रावत, विजया खाली, मनमोहन चौधरी, मेजपाल, शिशुपाल रावत, दिनेश सती, अरविन्द नेगी, टी एस बिष्ट, दिवाकर शाही, जीबा नन्द, संदीप मल्होत्रा, बृजमोहन जुयाल ,राकेश पेटवाल, बी एस रावत, अनिव भट्ट, मुकेश नैथानी आदि उपस्थित रहे।