इंद्र वशिष्ठ
“डरा कर लोगों को वो जीता है जिसकी हड्डियों में पानी भरा होता है। मर्द बनने का इतना शौक है, तो कुत्तों का सहारा लेना छोड़ दे कातिया।” फिल्म घातक में सन्नी देओल का यह डायलॉग लॉरेंस बिश्नोई आदि पर फिट बैठता है.क्योंकि ये ही तो लोगों को डरा कर जी रहे हैं.
सिस्टम नंगा-
लॉरेंस बिश्नोई ने हाल ही में जेल से एबीपी न्यूज़ चैनल को दो बार इंटरव्यू देकर जेल अफसरों/सिस्टम को नंगा कर दिया. जेल और पुलिस के कुछ भ्रष्ट अफसरों के कारण ही लॉरेंस बिश्नोई जैसे कायर बदमाशों का आतंक का राज फल फूल रहा हैं. बदमाशों से सांठगांठ रखने वाले जेल/पुलिस अफसरों को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया जाना चाहिए. ईमानदार अफसरों को लॉरेंस बिश्नोई जैसे बदमाशों को उनकी औकात दिखा देनी चाहिए. सच्चाई यह है कि पुलिस अगर ठान ले तो, लॉरेंस बिश्नोई जैसे बदमाश जान की भीख मांगते नज़र आएंगे. पैसे के लिए अपराध कर रहे लॉरेंस जैसे बदमाश कायर और भिखारी से भी गए बीते हैं. फिल्म स्टार सलमान खान की हत्या की धमकी देने के पीछे लॉरेंस बिश्नोई का मकसद प्रचार पाना ही है. क्योंकि जितना प्रचार होगा, उतना ही वह लोगों को डरा कर पैसा वसूल पाएंगे. ऐसा करके वह अपने बिश्नोई समाज का हीरो बनना और उनका समर्थन/सहानुभूति भी चाहता है.
बिश्नोई समाज चुप क्यों है ?
बिश्नोई समाज को इस देशद्रोही अपराधी की निंदा करनी चाहिए. आतंकी और अपराधिक वारदात करके बिश्नोई समाज पर कलंक लगाने वाले लॉरेंस का तो बिश्नोई समाज को सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए. बिश्नोई समाज के धार्मिक/ सामाजिक/ राजनैतिक नेताओं द्वारा अपराधी लॉरेंस बिश्नोई के ख़िलाफ़ कुछ नहीं बोलना, एक तरह से उसे मूक समर्थन देना ही माना जाएगा. दूसरी ओर मान लो, अगर लॉरेंस बिश्नोई कहीं पुलिस एनकाउंटर में मारा गया, तो तब यही समाज उसके समर्थन में खुल कर आने से भी नहीं हिचकेगा. बदमाशों का हीरो की तरह महिमामंडन करने के कारण ही बदमाशों को उनके समाज के लड़के अपना हीरो मानने लगे हैं.
बिश्नोई समाज का ठेकेदार नहीं है लॉरेंस-
क्या बिश्नोई समाज एक गुंडे को अपने समाज का ठेकेदार/ प्रतिनिधि मान सकता है ? वैसे एक गुंडा इस समाज का प्रतिनिधित्व करने के लायक तो बिल्कुल ही नहीं है. सलमान खान द्वारा काले हिरण के शिकार से अगर बिश्नोई समाज की भावनाओं को वाकई ठेस पहुंची है तो उस समाज के सम्मानित धार्मिक और सामाजिक व्यक्तियों को आगे आकर अपने विचार रखने चाहिए. बिश्नोई समाज इसके लिए एक गुंडे पर तो शायद बिल्कुल निर्भर नहीं होगा. बिश्नोई समाज को गुंडे लॉरेंस से साफ़ कहना चाहिए कि, सलमान खान से माफ़ी मंगवाने के लिए बिश्नोई समाज एक गुंडे का सहारा नहीं लेगा. वह समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के नाम पर हत्या की धमकी देना बंद करे.कोई भी सभ्य समाज किसी की हत्या करने की बात नहीं कह सकता.
सलमान डर से माफ़ी न मांगे-
सलमान खान को भी एक गुंडे के डर के कारण माफी बिल्कुल नहीं मांगनी चाहिए. बिश्नोई समाज के सम्मानित लोग अगर चाहें, तो ही माफी मांगनी चाहिए. वैसे जीव हत्या के लिए सलमान खान को बहुत पहले खुद ही माफी मांग लेनी चाहिए थी.
जान बचाने को गिड़गिड़ाया-
दूसरों की निर्ममता से हत्या करने वाले जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई, काला जठेडी को भी पुलिस द्वारा फर्जी मुठभेड़ में मार दिए जाने का डर सताने लगा है.जान बचाने के लिए अदालत में गुहार लगाई थी कि उन्हें हथकड़ी और बेडियों में जकड़ दिया जाए. बदमाशों को डर है कि पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर और अदालत में पेश करने ले जाते समय उसका फर्जी एनकाउंटर कर देगी और कह देगी, कि उसने भागने की कोशिश की थी. हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़े होने के कारण पुलिस ऐसा नहीं कर पाएगी. अदालत में पेशी के समय दुश्मन गिरोह उनकी हत्या न कर दे, इसलिए बदमाश चाहते हैं कि वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से ही अदालत में सुनवाई हो.
दोगलापन-
लॉरेंस बिश्नोई ने इंटरव्यू में कहा कि सलमान खान की पुलिस सुरक्षा हट जाए, तो हम उसकी हत्या कर देंगे.
दूसरी ओर अपनी जान बचाने के लिए लॉरेंस अदालत में गिड़गिड़ाता है. इससे पता चलता है कि दोगले चरित्र का लॉरेंस बिश्नोई कायर है.
हवालात को बनाया मयखाना-
साल 2021 में दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के हवालात में बदमाशों ने दारू पार्टी की और उसका वीडियो भी वायरल कर पूरी दुनिया के सामने दिल्ली पुलिस को नंगा कर दिया. लेकिन इस मामले में सिर्फ़ एक सब-इंस्पेक्टर रोहित को निलंबित कर खानापूर्ति कर दी गई. आतंकियों से निपटने वाले सेल के हवालात में बदमाश पार्टी कर सकते हैं तो बाकी थानों/ जेलों में क्या हालात होंगे यह अंदाजा लगाया जा सकता है. भ्रष्ट पुलिसकर्मियों की ऐसी सांठगांठ के कारण ही बदमाश बेखौफ हो जाते हैं वरना पुलिस अफसर अगर ईमानदार हो तो बदमाशों का मूत निकल जाता है.
लॉरेंस बिश्नोई गिरोह-
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल और खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठनों से जुड़े कुख्यात बदमाश लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार समेत 14 आरोपियों के ख़िलाफ़ अदालत में चार्जशीट दाखिल की है. लॉरेंस बिश्नोई, जगदीप सिंह उर्फ जग्गू भगवानपुरिया, सतविंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बरार, सचिन थापन उर्फ सचिन बिश्नोई, अनमोल बिश्नोई उर्फ भानू, विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बरार, संदीप झांझरिया उर्फ काला जठेडी, वीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ काला राणा, जोगेंद्र सिंह, राजेश कुमार उर्फ राजू मोटा, राजकुमार उर्फ राजू बसोडी, अनिल उर्फ छिपी, नरेश यादव उर्फ सेठ और शहबाज़ अंसारी उर्फ शहबाज़ के ख़िलाफ़ 24 मार्च को अदालत में चार्ज शीट दाखिल की गई है.
जेल से सक्रिय-
एनआईए के अनुसार साल 2015 से जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई जेल से ही कनाडा में मौजूद अपने साथी गोल्डी बरार के साथ मिलकर टेरर क्राइम सिंडिकेट चला रहा है.
आतंकियों से गठजोड़-
इनके पाकिस्तानी साजिशकर्ताओं, कनाडा, नेपाल और अन्य देशों में मौजूद खालिस्तान समर्थक आतंकी संगठनों से संबंध/ गठजोड़ हैं.एनआईए ने अपनी चार्जशीट में अपराधियों और मादक पदार्थ तस्करों के खालिस्तानी समर्थक आतंकी संगठनों से गठजोड़ का पर्दाफाश किया है.
(लेखक इंद्र वशिष्ठ दिल्ली में 1990 से पत्रकारिता कर रहे हैं। दैनिक भास्कर में विशेष संवाददाता और सांध्य टाइम्स (टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप) में वरिष्ठ संवाददाता रहे हैं।)