
- हमारे नौजवान खिलाड़ी अपने खेल को बुलंदियों पर ले जाना चाहते हैं
- हम सीनियर क्रिकेटर अपने इन प्रतिभासम्पन्न नौजवान साथियों के साथ अपना अनुभव बांट कर खुश
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : दुनिया के धुरंधर बल्लेबाज चेज मास्टर विराट कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ शतक और सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 84 रन की बेहतरीन पारी खेल कर दुबई में भारत को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जिताने में अहम योगदान कर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर औसत प्रदर्शन वहां उसके हाथों पांच क्रिकेट टेस्ट मैचों की बॉर्डर गावसकर ट्रॉफी में 1-3 की हार की कसक को मिटा कर अपने आलाचकों का मुंह बंद दिया है। भारत के दुबई में रविवार को फाइनल में न्यूजीलैंड को चार विकेट से हरा अजेय रह आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी खिताब जीतने पर विराट कोहली ने कहा, ‘हम ऑस्ट्रेलिया में मुश्किल टेस्ट सीरीज में हार के बाद बड़ा टूर्नामेंट जीत कर वापसी करना चाहते थे। दुबई में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीत हम ऐसा करने में कामयाब रहे। चैंपियंस ट्रॉफी में बेहतरीन साथी नौजवान भारतीय क्रिकेटरों के साथ खेलना वाकई एक बेहतरीन अनुभव रहा। जब आप टीम छोड़ते हैं, तो आप उसे एक बेहतर स्थान पर छोड़ना चाहते हैं। मेरा मानना है कि हमारे पास एक ऐसी भारतीय टीम है जो अगले आठ बरस तक दुनिया से मुकाबला करने के लिए तैयार है। शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर और हार्दिक पांडया ने बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया । वहीं केएल राहुल ने मैच को बढ़िया ढंग से फिनिश किया है। सच कहूं हमारी भारतीय टीम बहुत प्रतिभासम्पन्न है। हमारे नौजवान खिलाड़ी अपने खेल को बुलंदियों पर ले जाना चाहते हैं। हम सीनियर क्रिकेटर बस अपने इन प्रतिभासम्पन्न नौजवान साथियों के साथ अपना अनुभव बांट कर खुश हैं और यही हमारी इस भारतीय टीम को बहुत मजबूत बनाता है। अब दबाव के बीच पूरी शिद्दत से अपनी टीम को खिताब जिताने के लिए ही क्रिकेट खेलते हैं। रविवार को सम्पन्न चैंपियंस ट्रॉफी में हमारी पूरी टीम, हर किसी ने जरूरत के वक्त आगे एक साथ आकर खिताब जिताने में योगदान किया। हमारी चैंपियंस ट्रॉफी की जीत में हर किसी ने असरदार प्रदर्शन किया। हम सभी वाकई एक गजब की इस भारतीय टीम का हिस्सा हैं। हमारी टीम ने हर किसी ने अभ्यास में जितना पसीना बहाया उसी का सिला हमें खिताब के रूप में मिला।’
न्यूजीलैंड की टीम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सबसे चुस्त फील्डिंग करने वाली टीम है :विराट
भारत से कड़े संघर्ष के बाद चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में हारने वाली न्यूजीलैंड टीम की विराट कोहली ने दिल खोल कर तारीफ की। विराट ने कहा, ‘ हम यह देख कर हैरान होते हैं कि बरसों से न्यूजीलैंड अपने पास सीमित क्रिकेटरों के साथ क्या कर सकते हैं, और उनकी प्रतिभा को पूरी शिद्दत से वे कैसे निखार सकते हैं। हम जब भी बड़े मैचों में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलते हैं तो पाते वे एक तय योजना के साथ आते हैं। न्यूजीलैंड की तरह दुनिया की कोई भी अन्य टीम अपनी योजना को अमली जामा नहीं पहना सकती है। न्यूजीलैंड का हर क्षेत्ररक्षक जानता है कि उनका गेंदबाज कहां गेंदबाजी करेगा और वे इसी के मुताबिक गेद पर झपटते हैं। न्यूजीलैंड टीम की इस बात के लिए सराहना करनी होगी कि उसकी टीम बीते पिछले कुछ टूर्नामेंट में लगातार सधा हुआ प्रदर्शन करने वाली टीम है।न्यूजीलैंड की टीम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सबसे चुस्त फील्डिंग करने वाली टीम है। न्यूजीलैंड की टीम ने अपनी प्रतिभा का सर्वश्रेष्ठ इस्तेमाल किया है। यह देख कर अफसोस हुआ कि मेरे बहुत अच्छे दोस्त केन विलियमसन चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में हारने वाली न्यूजीलैंड टीम का हिस्सा ह। मै कई बार उस भारतीय टीम का हिस्सा रहा जो कि न्यूजीलैंड से हारी और वह जीतने वाली न्यूजीलैंड टीम का हिस्सा रहे।’
खुश हूं कि मैं धैर्य बना भारत को फाइनल जिता ट्रॉफी जिताने में कामयाब रहा :केएल राहुल
केएल राहुल ने कहा, ‘मुझे पूरा भरोसा था कि हम न्यूजीलैंड द्वारा फाइनल में जीत के लिए रखे गए लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। मेरे बाद भी हमारे पास और भी बल्लेबाज थे। हम सभी जानते हैं कि चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल जैसे बड़े मैचों में अहम है अपना धैर्य बनाए रखना। ऐसे में धैर्य बनाए रखना आसान नहीं होता। मैं खुश हूं कि मैं धैर्य बना भारत को फाइनल जिता ट्रॉफी जिताने में कामयाब रहा। मुझे लगता है कि मैने भारत के चैंपियंस ट्रॉफी में पांच में से तीन मैचों में लगभग ऐसी ही स्थिति में बल्लेबाजी की और पाकिस्तान के खिलाफ मैच में मेरे बल्लेबाजी करने का नंबर ही नहीं आया। मैचों ने मुझे मैदान पर अच्छा बिताने का पर्याप्त वक्त मिला। इससे मुझे फाइनल जैसे बड़े मंच के लिए तैयार होने का वक्त मिल गया है। बेशक इसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। मैं सच कहूं महज कौशल है। हम सभी ने बचपन में ऐसे ही क्रिकेट खेली है। हमें बहुत बड़ी चुनैतियां झेलनी पड़ती है। जब हाथ में बल्ला थामते हैं और जब पेशेवर क्रिकेटर बनने की ठानते हैं तो हमें दबाव झेलना पड़ता है।बीसीसीआई हमें अपना कौशल दिखाने का मौका और मंच मुहैया करा कर बराबर खुद पर दबाव डालने और बेहतर होने का मौका देता है।
रोहित को दनादन अंदाज में बल्लेबाजी करते देखना अद्भुत : शुभमन
भारत के उपकप्तान शुभमन गिल ने कहा, ‘ अदुभत अहसास हुआ। मैंने बैठकर रोहित की बल्लेबाजी का लुत्फ उठाया। रोहित भाई ने मुझसे कहा कि स्कोर बोर्ड पर रनों का अंतर में कितना भी क्यों न हो, लक्ष्य आखिर तक बल्लेबाज़ी करनी है। हम 2023 में वन डे विश्व कप के फाइनल में हम ऑस्ट्रेलिया से हार खिताब जीतने से गए थे। लगातार आठ वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैच जीतकर खुश हैं। रोहित को दनादन अंदाज में बल्लेबाजी करते देखना अद्भुत है। वह हमें बराबर अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए कहते है ।
न्यूजीलैंड लगातार बहुत प्रदर्शन करने वाली और और योजनाओं को सही ढंग से अमली जामा पहनान में यकीन करने वाली टीम है। हम जानते हैं कि वे अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं। उन्होंने रविवार रात बराबर यह दिखाया।मैं जब बच्चा था तो विराट भाई को टीवी पर खेलते देखता था और अब फिर उन्हें खुद दूसरे छोर से शिद्दत से खेलते देखना एक शानदार अहसास है। विराट हमेशा मैदान पर और उसके बाहर भी क्रिकेट के लिए अपना सब कुछ झोंकने को कहते हैं। वह जैसा कहते हैं वैसा मैदान पर करते भी है और यह वाकई एक गजब का अहसास है।‘
चैंपियंस ट्रॉफी में खेलने का मौका सपने का सच होना : वरुण
वरुण चक्रवर्ती ने कहा, ‘मुझे अचानक ही भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल किया गया लेकिन मैंने इसकी उम्मीद नहीं की थी। भारत के लिए चैंपियंस ट्रॉफी में खेलने का मौका मिलना सपने का सच होना है। हमें सही लेंग्थ पर गेंदबाजी करनी थी।
केएल राहुल ने सही वक्त पर जोखिम उठाया :हार्दिक
हार्दिक पांडया ने कहा, ‘ आईसीसी टूर्नामेंट जीतना हमेशा शानदार होता है। मुझे 2017 याद है कि हम तब जीतने से चूक गए थे। इस बार चैंपियंस ट्रॉफी जीत कर बहुत खुश हूं। केएल राहुल बहुत धैर्य बहुत समझबूझ से खेले और सही वक्त पर जोखिम उठाया। केएल राहुल बेहद प्रतिभासम्पन्न हैं और उनकी तरह कोई भी गेंद को कोई दूसरा टाइम नहीं कर सकता।’
मुझे दबाव में खेलना पसंद है : श्रेयस
श्रेयस अय्यर ने कहा, ‘बेहद रोमांचित हूं। यह मेरी पहली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी थी। ड्रेसिंग रूम में हर किसी को देख कर मैं अभिभूत था। मुझे दबाव में खेलना पसंद है और मैं इसका आनंद उठाता हूं। मैं भले ही बहुत बड़ी नहीं खेल पाया लेकिन खुशी इस बात की है कि मैं जीत में भारत की जीत में योगदान कर पाया। यह मेरी खुशकिस्मती है और यह बना रहे।