जापान से सेमीफाइनल में हमें चुनौती मिलेगी, पर हम अपने अंदाज में खेलेंगे: हरेन्द्र सिंह

We will face challenge from Japan in the semi-finals, but we will play in our own style: Harendra Singh

  • हम अपनी प्रतिद्वंद्वी जापान की ताकत और कमजोरी से वाकिफ हैं
  • बुद्ध की नगरी में डी में उन्हीं की तरह धैर्य धर शांत रह गोल करने की जरुरत है
  • दीपिका सहरावत नेचुरल खिलाड़ी हैं और उनका भविष्य बेहतर है

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : चीफ कोच हरेन्द्र सिंह को इस बात की खुशी है कि भारतीय टीम राजगीर में खेली जा रही बिहार महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी 2024, राजगीर में अजेय रह अपने जापान को अपने आखिरी पूल मैच में हरा कर शीर्ष पर रह सेमीफाइनल में स्थान बनाने में कामयाब रही है। भारत के चीफ हॉकी कोच हरेन्द्र सिंह ने अपनी टीम के जापान के खिलाफ राजगीर में दूसरे सेमीफाइनल की पूर्व संध्या पर कहा, ‘हम अपनी प्रतिद्वंद्वी जापान की ताकत और कमजोरी से वाकिफ है उसके खिलाफ सेमीफाइनल में टफ रहेगा। पूल मैच से सेमीफाइनल एक अलग होता है। हमारी लड़कियां इस बात से वाकिफ हैं कि जापान से सेमीफाइनल में हमें चुनौती मिलेगी लेकिन हम अपने अंदाज में खेलेंगे।। हमें यह जानने की कोशिश करनी होगी कि हम कहां गोल करने के मौके बना सके हैं। हमें अपने अंदाज में खेलना होगा। यह सभी नए शैली से खेलने और 2026 के मध्य में अगस्त में विश्व कप और 2028 के लॉस एंजेल्स ओलंपिक और उससे पहले मद्देनजर डी के भीतर अपनी निशानेबाजी बेहतर करने की प्रकिया का हिस्सा है। अच्छी बात यह है कि हमारी टीम बढ़िया खेल रही है और हम जापान के खिलाफ सेमीफाइनल में अपनी यही लय बनाए रखेंगे। हमारे लिए महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी अपनी ताकत को आंकने का टूर्नामेंट है। हमारी लड़कियां हमारी योजना के मुताबिक खेल रही हैं और उन्हें कुछ वक्त देने की जरूरत है। हमारी लड़कियों में और बेहतर नतीजा देने की क्षमता है। हमारी लड़कियों ने आक्रामक हॉकी और बेहतरीन रक्षण का नमूना पेश किया। हमारी लड़कियां प्रतिद्वंद्वी की डी में घुस कर हमले बोल रही हैं और उन्होंने वाकई कुछ बेहद खूबसूरत गोल किए हैं। बावजूद इसके हमें अपनी निशानेबाजी और बेहतर करने की है। हमारी योजना महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में हर मैच में कम से कम तीन गोल करने की थी और इसमें हम अब तक बहुत हद तक काम रहें हैं। जहां तक हमारे अब तक मैचों में दूसरे हाफ में बेहतर प्रदर्शन करने की बात है तो यह रणनीति की बात है। जब प्लान ए कामयाब नहीं होता है तो तो प्लान बी पर अमल करना होता है तो क्योंकि हर प्रतिद्वंद्वी टीम भी हमारी ताकत और कमजोरी का आकलन करके अपनी रणनीति बनाती है। एक अहम बात यह है आप हमारी लड़कियां पहले से कहीं ज्यादा फिट है और जब आप फिट होते हैं तो कम थकते हैं और मैदान पर बेहतर फैसले लेते हैं। हमारी फिटनेस और रिसीविंग पहले से बेहतर है और हमारी टीम सही रास्ते पर है। हमारी खिलाड़ी बेसलाइन के बहुत करीब जा रही हैं और प्रतिद्वंद्वी टीम की गोलरक्षक उसके पैड के सामने शॉट ले गोल करने की कोशिश उसे बेवजह हीरो बना रहे हैं और हमें इसके लिए बेहतर रणनीति से हमला बोलने की जरूरत है।

हमारी लड़कियों को जापान के खिलाफ सेमीफाइनल में अपनी निशानेबाजी बेहतर करने की जरूरत होगी। हमें बुद्ध की नगरी में डी में उन्हीं की तरह धैर्य धर शांत रह कर गोल करने की जरुरत है न कि उड़ते घोड़े की तरह हड़बड़ी की। बतौर ड्रैग फ्लिकर अब तक दीपिका सहरावत बेशक सबसे कामयाब रही है लेकिन उनके साथ मनीषा चौहान ने भी जो भी मौके मिले उन्हें भुनाया। दीपिका और मनीषा प्रोसेस के मुताबिक सही आगे बढ़ रहे हैं। जब हमने 14 मई को शुरू को जहां शुरुआत की उससे हम आज जहां हम काफी आगे पहुंच चुके हैं। सेमीफाइनल में हमारी टीम की जापान के खिलाफ अग्नि परीक्षा होगी और उससे पार पाने के लिए हमारी खिलाड़ियों को डी के भीतर सही फैसला लेना होगा। बतौर ड्रैग फ्लिकर दीपिका और मनीषा 18 से 21 फीसदी पेनल्टी कॉर्नर को गोल कर रही है और इसके लिए हमारे सहयोगी एडिसन ने भारतीय महिला टीम के साथ बहुत मेहनत की है और उन्होंने इन दोनों के कंधे और हाथों की ताकत को बढ़ाने पर बहुत जोर दिया। जब दीपिका 28 से 32 फीसदी पेनल्टी कॉर्नर पर ड्रैग फ्लिक से गोल करने लगेंगी और हमारी गोल करने की क्षमता और बेहतर हो जाएगी। दीपिका और मनीषा की बाबत अच्छी बात यह है ये दोनों ही भारतीय टीम के लिए ज्यादा से ज्यादा मैदान पर टीम को उपलब्ध रहती है।’

भारत के चीफ कोच हरेन्द्र सिंह ने कहा, ‘अच्छी बात यह है कि मौजूदा महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान दीपिका, सलीमा, नवनीत, संगीता और गोलरक्षक सविता का जब दर्शक नाम लेकर उनका हौसला बढ़ाते है तो ऐसा अहसास होता है कि बिहार ने अपनी इन ‘सभी बेटियों को ही मानो ‘गोद’ ले लिया है। मैं हालांकि किसी भी एक खिलाड़ी की बाबत चर्चा से बचता हूं लेकिन दीपिका सहरावत ने जिस तरह मैदान पर अपना हॉकी कौशल दिखाया और डी के भीतर सोच दिखाई है यह इस बात का सुबूत है कि उनका खेल निरंतर बेहतर हुआ और यहां राजगीर में उनके दमदार प्रदर्शन से उनका आत्मविश्वास बहुत बढ़ा है। दीपिका के पास बढ़िया बैकहेंड, फॉरहैंड और स्लैप शॉट है और खुद को बेहतरीन खिलाड़ी साबित किया है। दीपिका नेचुरल खिलाड़ी है और उनका भविष्य बेहतर है और इस टूर्नामेंट ने उनमें एक नया विश्वास भर दिया है। सबसे अच्छी बात यह है कि हम गोल करने के लिए किसी एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं है। दीपिका के साथ संगीता कुमारी, ललरेमसियामी औा नवनीत कौर सभी गोल कर रही है। जब आपकी खिला़डियों पर सही कौशल होता है तो वह आप सही वक्त पर शानदार गोल करती है। सलीमा का चीन के खिलाफ दागा गया इसी का नमूना था।

जापान के खिलाफ सेमीफाइनल में कोशिश मौकों को भुनाने की होगी : सलीमा
भारत की कप्तान सलीमा टेटे ने कहा, ‘हमारी मौजूदा महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में कामयाबी का सबब यह है कि हम सभी एक दूसरे के खेल का लुत्फ उठा रही है। हमारी टीम की खिलाड़ियों का तालमेल गजब का है और इसीलिए हम बराबर गोल करने में सफल रही हैं। जापान के खिलाफ अहम सेमीफाइनल में भी हमारी कोशिश एक इकाई के रूप में बढ़िया प्रदर्शन कर गोल के ज्यादा से ज्यादा मौकों को भुनाने की होगी। हमें अपनी तैयारियां पर भरोसा है हमें सेमीफाइनल में बढ़िया प्रदर्शन का भरोसा है।’