- एफआईएच महिला प्रो लीग में खेलने से हमारा खेल बेहतर हुआ
- विश्व कप से 2024 के ओलंपिक के लिए भी लय पाने का मौका मिलेगा
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : भारत के पास गुरजीत कौर, दीपग्रेस एक्का, निकी प्रधान और उदिता के रूप में शुक्रवार से नीदरलैंड और स्पेन में शुरू हो रहे 15वें एफआईएच महिला हॉकी विश्व कप के लिए बतौर डिफेंडर किले की बेहद मजबूत प्रहरी हैं।। गुरजीत कौर देश के सरहदी सूबे पंजाब के अमृसर के मियांदी कला गांव से आती हैं तो उदिता हरियाणा की हैं। भारत की उपकप्तान दीपग्रेस एक्का ओडिशा के आदिवासी अंचल से हैं तो निकी प्रधान झारखंड से हैं। संयोग से ये चारों डिफेंडर ओलंपिक, महिला हॉकी विश्व कप ,एशियाई खेलों, एशिया कप और एफआईएच महिला हॉकी प्रो लीग जैसे बड़े मंच पर भारत की नुमाइंदगी कर चुकी हैं। ये सभी महिला हॉकी विश्व कप में इस बार भारत की पदक जीतने की हसरत को पूरी करने को बेताब हैं। भारत की टीम महिला विश्व कप में इंग्लैंड, चीन और न्यूजीलैंड के साथ पूल बी में है। भारत अपना अभियान इंग्लैंड के खिलाफ शुक्रवार को मैच खेल कर करेगा। महिला हॉकी विश्व कप का पहला मैच शुक्रवार को पूल सी में संयुक्त मेजबान स्पेन और कनाडा के बीच पूल सी में खेला जाएगा।
देश के सरहदी सूबे पंजाब के अमृतसर के मियांदी कला गांव से आकर अंतर्राष्ट्रीय हॉकी में पहचान बन चुकी 26 बरस की गुरजीत कौर को भारत के किले की चौकसी करना खूब आता है। टोक्यो ओलंपिक में गुरजीत के पेनल्टी कॉर्नर पर गोल से भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हरा सेमीफाइनल में जगह बनाई। गुरजीत ने टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए सेमीफाइनल में अर्जेंटीना से हारने के बावजूद गोल किया और कांसे के लिए बेहद करीबी मुकाबले में ब्रिटेन से हारने से पहले उन्होंने दो गोल कर दिखाया चुनौती जितनी मुश्किल होती है उनका खेल भी उतना ही निखरता है। 2018 में भारत को पिछले महिला विश्व कप के क्वॉर्टर फाइनल में पहुंचाने में और 2018 में एशियाई खेलों में रजत जिताने वाली टीम की वह सदस्या गुरजीत कौर ने कहा, ‘ किसी भी हॉकी खिलाड़ी के लिए ओलंपिक की तरह विश्व कप भी बहुत बड़ा टूर्नामेंट है। इनमें भारत की नुमाइंदगी करना किसी भी खिलाड़ी के बेहद फख्र और सम्मान की बात है। हमारी टीम टोक्यो ओलंपिक में बेहद करीब से पदक जीतने से चूक गई थी और विश्व कप में पदक जीत कर इसकी भरपाई कर सकती हैं। इस महिला विश्व कप की तैयारी के क्रम में हमने काफी अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले। हम पहली बार प्रो लीग में खेली और इसमें खेलने हमारा खेल बेहतर हुआ और हमारा विश्वास भी बढ़ा। हम सभी महिला विश्व कप में पदक जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। इस विश्व कप से हमें 2024 के पेरिस ओलंपिक के लिए भी लय पाने का मौका मिलेगाा। यह मेरा लगाातर दूसरा विश्व कप होगा। इसमें मैं इस बार हर क्षण लुत्फ उठाना चाहती हूं। हम सभी इसमें शिरकत करने को लेकर रोमांचित हैं। नीदरलैंड में हॉकी एक प्रमुख खेल है।
महिला हॉकी विश्व कप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को बेताब: दीप ग्रेस
28 बरस की डिफेंडर दीप ग्रेस एक्का 2013 में जूनियर विश्व कप में कांसा जीतने वाली भारतीय टीम की अहम सदस्य रही है। वह लगातार दो 2016 में रियो और बीते बरस टोक्यो ओलंपिक में भारत की नुमाइंदगी कर चुकी है। दीप 2016 में एशियन चैंपियंस ट्रॉफी और 2017 में महिला एशिया कप में स्वर्ण पदक ,2018 में एशियाई खेलों और एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में रजत पदक विजेता और 2021-22 में पहली बार एफआईएच महिला हॉकी प्रो लीग में तीसरे स्थान पर रहने वाली भारतीय टीम की अहम सदस्या रही। दीपग्रेस ने कहा, ‘टोक्यो ओलंपिक के बाद हमारी टीम में सभी खेल और बेहतर हुआ है। हर किसी को महिला विश्व कप में बढिय़ा प्रदर्शन का भरोसा है। हम इस विश्व कप में अपना सर्वश्रेष्ठï प्रदर्शन का भारत का गौरव बढ़ाने को बेताब हैं।
विश्व कप में भारत को जीत दिलाने को बेताब: निकी
28 बरस की निकी प्रधान झारखंड की हैं और वह दो ओलंपिक -2016 में रियो और बीते बरस टोक्यो में अपने प्रदेश की नुमाइंदगी करने वाली पहली हॉ$की खिलाड़ी है। वह 2018 में एशियाई खेलों और एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम की अहम सदस्य रही। निकी ने भारत को हाल ही में एफआईएच महिला हॉकी प्रो लीग में तीसरा स्थान दिलाने में अहम भमिका निभाई। निकी कहती हैं, ‘ महिला हॉकी विश्व कप जैसे बड़े मंच पर भारत की नुमाइंदगी करना गौरव की बात है। मैं महिला हॉकी विश्व कप में अपनी भूमिका निभा इसमें भारत को जीत दिलाने को बेताब हूं। हम विश्व कप में अपना सर्वश्रेष्ठ देने को कृतसंकल्प हैं।
हम किसी भी तरह की चुनौती से निपटने को तैयार: उदिता
24 बरस की उदिता हरियाणा की है। वह भारत की 2018 में एशियाई खेलों में रजत पदक और 1018 के महिला विश्व कप के क्वॉर्टर फाइनल में पहूंचने वाली टीम , बीते बरस टोक्यो ओलंपक में चौथे स्थान आ एफआईएच प्रो लीग में तीसरे स्थान पर रही भारतीय हॉकी टीम का अहम हिस्सा रही। उदिता कहती हैं, ‘मैं भारत की लगातार दूसरी बार महिला हॉकी विश्व कप में नुमाइंदगी का मौका मिलने से खुश हूं। मैं 2018 में जब पहली बार लंदन में महिला विश्व कप में खेली तब मैं टीम काफी नई थी। इस बार टीम में मेरा रोल कुछ अलग होगा और टीम के लिए अहम योगदान करने को बेताब हूं। पिछले कुछ बरसों से हमारी टीम काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है।हमें खुद पर भरोसा करने की जरूरत है। हम किसी भी तरह की चुनौती से निपटने को तैयार हैं।