गोपेन्द्र नाथ भट्ट
पश्चिम राजस्थान में तेल और गैस के अकूत भंडारों की उपलब्धता रेगिस्तान प्रधान राजस्थान के लिए एक शुभ संकेत है। बाड़मेर जैसलमेर के बाद अब बीकानेर और आसपास के मीलों लम्बे इलाकों में तेल और गैस के भारी भंडार मिलने की उम्मीद जताई जा रही है और ओएनजीसी इस दिशा में खोज के काम को आगे बढ़ा रहा है। यदि उम्मीदों और अनुमानों के अनुसार तेल और गैस के भंडार मिलते है तो राजस्थान एशिया में दुबई की तरह राज करेगा। जैसे दुबई में तेल मिलने से वहां के विकास को नई ऊंचाई मिली, उसी प्रकार बीकानेर क्षेत्र में भी यदि तेल और गैस मिलता है तो इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास के नए आयाम स्थापित हो सकेंगे।
बीकानेर में औद्योगिक विकास भी तेजी से बढ़ रहा है। इस क्षेत्र में सोलर ऊर्जा में 40 हजार करोड़ का निवेश किया जा चुका है।20 फरवरी 2024 तक चले सर्वे में बीकानेर नागौर बेसिन के 2118 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में तेल और गैस होने की साक्ष्य मिले हैं। इस सर्वे पर अब तक 48 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इस सर्वे के आधार पर अब नाल में दो स्थानों पर तथा कोलायत के सालासर गांव में एक स्थान पर ड्रिलिंग का काम प्रारंभ किया गया है। इस कार्य के लिए अनुमानित 49 करोड़ रुपए से अधिक की राशि व्यय होगी। यहां ड्रिलिंग कर तेल और गैस की गुणवत्ता, भंडार और नमूने लिए जाएंगे।यहां लिथियम, हीलियम और हाइड्रोजन होने के साक्ष्य भी मिले हैं। साथ ही यहां भूगर्भ में पानी की खोज के संबंध में भी कार्य किया जा रहा है। इससे औद्योगिक विकास परिदृश्य में सकारात्मक बदलाव होगा। इस क्षेत्र में सिरेमिक का कच्चा माल बहुतायात से उपलब्ध है। वर्तमान में यहां से कच्चा माल देश के अन्य स्थानों पर भेजा जाता है। यहां तेल और गैस मिलने के बाद बीकानेर सेरेमिक हब बन सकेगा।
केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नाल के समीप ओएनजीसी द्वारा ड्रिलिंग प्राकृतिक गैस वेल स्पड की शुरुआत के अवसर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि विकसित भारत के लिए हर क्षेत्र का विकास होना आवश्यक है। भूगर्भ में नई खोज होना बीकानेर के लिए सौभाग्य की बात है। ओएनजीसी की निदेशक (एक्सप्लोरेशन) सुषमा रावत ने बताया कि ओएनजीसी द्वारा इस क्षेत्र और क्षेत्र वासियों के लिए स्किल डेवलपमेंट सेंटर, मेडिकल हेल्थ तथा ई विद्या के माध्यम से सीएसआर एक्टिविटीज भी की जाएगी। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के साथ ड्रिलिंग इत्यादि के संबंध में संवाद कर कौशल विकास की दिशा में विशेष कार्य करवाए जाएंगे।
पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जोधपुर के मध्य पचपदरा में बन रही 72 हजार करोड़ रु की तेल रिफाइनरी और पेट्रो कांपलेक्स के साथ ही नए तेल और गैस भंडार राजस्थान के समृद्धि के द्वार खोल देगा इसमें कोई संदेह नहीं है । देखना है भारत और राजस्थान सरकार किस तेजी से खोज के इन कार्यों को सिरे पर चढ़ा कर रेगिस्तान में समृद्धि के द्वार खोलेगी?