राजस्थान के बजट में प्रदेशवासियों को इस बार क्या नए उपहार मिलेंगे?

What new gifts will the people of the state get this time in the Rajasthan budget?

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

राजस्थान विधानसभा में आगामी 19 फरवरी को भजन लाल सरकार अपना दूसरा पूर्ण कालीन बजट रखेगी। मुख्यमंत्री भजनलाल लाल शर्मा ने बजट पूर्व राज्य के हर वर्ग और तबके के लोगों विशेष कर उद्योग और व्यावसायिक संस्थाओं के साथ चर्चा कर उनके सुझाव लिए हैं। राज्य की उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दिया कुमारी इन दिनों बजट को अन्तिम रूप देने में अपना सारा ध्यान केंद्रित किए हुए है। प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा पूरी शिद्दत के साथ इस कार्य के जुटे हुए है।

राजस्थान भौगोलिक दृष्टि से देश का सबसे बड़ा प्रदेश है और पश्चिम राजस्थान सहित राज्य का एक बड़ा क्षेत्रफल रेगिस्तान और अर्द्ध रेगिस्तान भरा क्षेत्र है। प्रदेश के मध्य से गुजरने वाली अरावली पर्वत श्रृंखलाएं विश्व की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखलाएं है। खान और खनिज संपदाओं से परिपूर्ण राजस्थान अपने समृद्ध इतिहास और प्राचीन विरासतों के कारण विश्व के पर्यटन मानचित्र पर अपना विशिष्ठ स्थान रखता हैं। पत्थर उद्योग,मार्बल, ग्रेनाइट ,जिंक,जस्ता, तांबा, लाइम स्टोन के अलावा कृषि, फल, फूल, सब्जियों ,डेयरी,पशुपालन आदि विभिन्न क्षेत्र राजस्थान की आर्थिक व्यवस्था के मूल आधार हैं। किसी जमाने में हर दूसरे वर्ष सूखा और अकाल से पीड़ित रहने वाले राजस्थान में इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना के आगमन के साथ मरुस्थलीय इलाकों का कायाकल्प हुआ हैं। साथ ही पश्चिमी राजस्थान में मिले कच्चे तेल, गैस और पानी के अकूत भंडार भी प्रदेश की इकोनॉमी के लिए वरदान साबित होने वाले हैं। यहां बन रही तेल रिफाइनरी और पेट्रो कॉम्प्लेक्स राजस्थान की अर्थ व्यवस्था को ऊंचाईयों की ओर ले जाने वाले हैं। पेट्रो कॉम्प्लेक्स बनने के कारण कई नए उद्योग धंधे विकसित होने के साथ ही हजारों लोगों को रोजगार के साधन मिलने वाले हैं। ऐसे में राजस्थान सरकार अपने बजट में किस प्रकार की नीतियों को लागू करेंगी यह देखने वाली बात होंगी।

पश्चिमी राजस्थान प्रदेश के विकास की एक नई इबारत लिखने वाला है। जोधपुर से जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर तक एक बड़े इलाके में सौर ऊर्जा की असीम संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार अपने बजट में सौर ऊर्जा संयंत्रों और सोलर हब के नए प्रस्तावों को शामिल कर सकती है। इस विशाल इलाके में विंड एनर्जी के लिए पवन चक्कियों के संभावनाओं से जुड़े उद्यमियों को भी प्रोत्साहन देने के बजट प्रस्ताव भी देखने मिल सकते है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक वाहनों और गैर परंपरागत ऊर्जा साधनों के विकास से जुड़ी योजनाओं को भी विशेष प्रोत्साहन दिया जा सकता है। प्रदेश में पानी और बिजली की कमी को दूर करने के लिए राजस्थान सरकार विशेष प्रयास कर रही है। पिछले दिसंबर में हुए राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट में भी निवेश के कई प्रस्ताव राज्य सरकार को मिले हैं।

पश्चिमी राजस्थान की फिजा में आए बदलाव को देखते हुए राजस्थान सरकार ने पूर्वी राजस्थान की जीवन रेखा माने जाने वाली महत्वाकांशी पुनर्संशोधित पीकेसी ईआरसीपी परियोजना को अमलीजामा पहनाने का निश्चय किया है तथा राजस्थान सरकार ने भारत सरकार और मध्य प्रदेश के साथ एम ओ यू कर इसे धरातल पर लाने की दिशा में कदम उठाया है। इसके अलावा राज्य के शेखावाटी अंचल में यमुना का जल लाने के लिए हरियाणा सरकार के साथ एम ओ यू हुआ हैं। इन दोनों परियोजनाओं के संबंध में बजट में नए प्रस्ताव देखने मिल सकते है।

हेरिटेज और पर्यटन के लिए विश्व प्रसिद्ध राजस्थान में पर्यटन विकास को नए आयाम देने के लिए बजट में कई नए प्रस्ताव शामिल किए जा सकते है। प्रदेश में इस वर्ष रिकॉर्ड संख्या में देशी विदेशी पर्यटकों का आगमन हुआ है तथा आगामी मार्च में जयपुर के होने वाले आईफा अवार्ड समारोह में कई करोड़ रु का निवेश होने की उम्मीद है। प्रदेश में इको ट्यूरिज्म, मेडिकल ट्यूरिज्म और आध्यात्मिक ट्यूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं तथा प्रदेश के विभिन्न नगरों में फिल्म स्टूडियों की स्थापना के साथ ही फिल्म शूटिंग आदि गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी बजट में कई नवाचारों को शामिल किया है सकता है।

राजस्थान अपने समृद्ध इतिहास के साथ साथ अपनी कला,संस्कृति, हस्तशिल्प और हथ करघा के लिए भी सारी दुनिया में जाना जाता हैं। प्रदेश के हुनरमंद कारीगरों ने देश विदेश में कई मन्दिर और ऐतिहासिक भवन बनाए हैं। अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण में भी राजस्थान के पत्थर शिलाओं और कारीगरों का भारी योगदान रहा हैं। ऐसे में प्रदेश में इमारती पत्थर उद्योग के बारे में भी नए प्रस्ताव देखे जा सकते है।

इसके अलावा शिक्षा,स्वास्थ्य,सड़क,सिंचाई , स्वच्छता,पर्यावरण,वन और सहकारिता,उद्योग, ट्रेड और व्यापार,आधारभूत संरचना विकास आदि विभिन्न क्षेत्रों में भी नए प्रस्ताव देखने को मिल सकते हैं। प्रदेश के बजट का आकार कैसा होगा यह केन्द्र से मिलने वाली हिस्सा अंश राशि पर निर्भर करता है । संयोग से राजस्थान को आम बजट में किए गए प्रावधानों के अनुसार पिछले दशकों की तुलना में केन्द्र से अधिक राशि मिली है। इसी प्रकार रेल बजट में भी 9660 करोड़ रु की अधिक राशि मिली है।

वैसे इन दिनों घाटे के बजट पेश नहीं करने और अधिक कर प्रावधान लागू करने का प्रावधान नहीं है और ज्यादातर लोक लुभावन बजट ही पेश किए जाते है। इसे देखते हुए उम्मीद है कि राजस्थान में इस बार के बजट में भी प्रदेश वासियों को कई नए तोहफे मिलने की उम्मीद है। प्रदेशवासियों को राजस्थानी के राजभाषा के रूप में मान्यता मिलने की भी आशा है। देखना है राजस्थान के बजट में उपमुख्यमंत्री दियाकुमारी प्रदेश को क्या क्या नए उपहार देने वाली है?