ममता के सवाल तो स्वामी मांगे मोदी अमित शाह के इस्तीफे..

When Mamta asked for questions, Swamy demanded resignation of Modi and Amit Shah

गोविन्द ठाकुर

“…बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जो सवाल उठायें हैं कि गृह मंत्री अमित शाह के अत्यधिक राजनीति और चुनावी प्रबंधन में गंभीर सक्रीयता से आंतरिक सुरक्षा को खतरा हुआ… और पहलगाव की घटना घटी…राजनीतिक रुप से यह सवाल खड़ा करता है.. वहीं भाजपा के हासिये पर चल रहे नेता और पूर्व मंत्री सुब्रमन्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को घटना के लिए जिम्मेदार बताया है… और इस्तीफे की मांग की है.. मगर दूसरे विपक्षी दलों ने सरकार के साथ समर्थन प्रकट किया…जो बताता है कि सवाल तो उठेगे ही मगर कुछ समय बाद…”

यह बड़ी हैरानी की बात है कि देश पर इतना बड़ा आतंकवादी हमला हुआ और पाकिस्तान के आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 27 पर्यटकों की हत्या कर दी लेकिन कोई भी पार्टी सरकार से हिसाब नहीं मांग रही है। बेकसूर नागरिकों पर हाल के समय में पहली बार इस तरह का हमला हुआ लेकिन कोई भी पार्टी प्रधानमंत्री या गृह मंत्री का इस्तीफा नहीं मांग रही है।

स्वामी का मोदी-शाह पर सीधा हमला —
कुछ समय पहले तक यानी नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बन जाने के बाद तक भी ऐसी घटनाओं पर सरकार से इस्तीफा मांगने का चलन था। विपक्षी पार्टियां राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहने का आरोप लगा कर सरकार से इस्तीफा मांगती थीं। लेकिन अब इस्तीफा मांगने का चलन बंद हो गया है। ऐसा लग रहा है कि आतंकवाद जैसे मुद्दे पर नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर हमला करने का उलटा असर होता है। लोग उलटे विपक्षी पार्टियों पर टूट पड़ते हैं। इसलिए राजनीतिक दलों ने इस्तीफा मांगना बंद कर दिया है।

लेकिन भाजपा के नेता और पूर्व सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी को इसकी परवाह नहीं है कि लोग उनको क्या कहते हैं। उन्होंने पहलगाम की घटना के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि जवाबी हमले की बजाय पहले मोदी और शाह का इस्तीफा मांगना चाहिए। उन्होंने लिखा कि कई बार इनकी परीक्षा हो चुकी है और पाकिस्तान, चीन, मालदीव, बांग्लादेश हर मामले में दोनों ने सरेंडर किया है।

उन्होंने एक दूसरी पोस्ट में फिर लिखा कि जब तक मोदी अपनी टीम के साथ इस्तीफा नहीं देते हैं, तब तक पाकिस्तान और चीन के भारत विरोध से नहीं लड़ा जा सकता है। उन्होंने यह भी लिखा कि पाकिस्तान, चीन और अमेरिका तीनों के मामले में मोदी ने किसी न किसी तरह से समझौता कर लिया है।

ममता बनर्जी का गंभीर सवाल—
उधर ममता बनर्जी की पार्टी ने इसका राजनीतिक लाभ लेने और भाजपा को कठघरे में खड़ा करने का काम किया। ममता की बात वाड्रा तरह देश के नुकसान पहुंचाने या पाकिस्तान का हाथ मजबूत करने वाली नहीं है, बल्कि भाजपा और उसकी सरकार को कठघरे में खड़ा करने वाली है। ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को निशाना बनाया और कहा कि अमित शाह सारे समय चुनाव प्रबंधन में लगे रहते हैं।

उनका कहना है कि देश की सुरक्षा का जिम्मा संभालने की बजाय वे राजनीति करने और चुनाव प्रबंधन करने में लगे रहते हैं। देश भर की राजनीति संभालने की वजह से उनके पास समय नहीं है कि वे आंतरिक सुरक्षा पर ध्यान दें। यह बहुत हशियारी का दांव है, जिसके जरिए तृणमूल कांग्रेस चुनाव में यह मुद्दा बना सकती है कि भाजपा को देश की सुरक्षा से ज्यादा राजनीति की चिंता रहती है।