वेबपाेर्टल प्रबंधकों ने कहां से पैसा लिया, इससे पत्रकाराें का क्या लेना देना

संदीप ठाकुर

  • प्रवर्तन निदेशालय ने मीडिया दिग्गज राघव बहल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का
    मामला दर्ज किया।
  • प्रवर्तन निदेशालय ने पत्रकार राणा अयूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का
    मामला दर्ज किया।
  • प्रवर्तन निदेशालय ने पत्रकार सिद्दीकी कप्पन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का
    मामला दर्ज कर किया गिरफ्तार,जमानत पर रिहा।
  • प्रवर्तन निदेशालय ने पत्रकार उपेंद्र राय के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का
    मामला किया दर्ज,गिरफ्तार, रिहा।
  • प्रवर्तन निदेशालय ने स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा पर किया मनी
    लॉन्ड्रिंग का मामला किया दर्ज,गिरफ्तार, रिहा।
  • प्रवर्तन निदेशालय ने न्यूज क्लिक की फंडिंग को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का
    केस दर्ज,छापामारी,गिरफ्तारी।

ऐसे और भी बहुत उदाहरण मिल जाएंगे लेकिन फिलहाल NewsClick का मामला
चर्चा में है। डिजिटल न्यूज पोर्टल NewsClick के कर्ताधर्ता और पोर्टल के
साथ प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़े कई पत्रकारों के ठिकानों पर
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने छापेमारी की है । ये छापेमारी चीन से मिल
रही फंडिंग के सिलसिले में हुई । बताया जाता है कि दिल्ली पुलिस की ये
छापेमारी सेंट्रल एजेंसी से मिले इनपुट के आधार पर की गई है। सवाल यह है
कि वेबसाइट के प्रबंधकों ने कहां से पैसा लिया, उसकी जानकारी किसी
पत्रकार या सब-एडिटर या टेक्निकल कर्मचारी को कैसे हो सकती है? बात
कर्मचारियों तक नहीं रही। बल्कि वेबसाइट पर लिखने वाले फ्रीलांसरों तक को
नहीं बख्शा गया। खुद दिल्ली पुलिस ने बताया है कि उसने 46 व्यक्तियों से
पूछताछ की और उनमें से कई को आगे भी इसके लिए तैयार रहने को कहा गया है।
क्या यह न्याय की उचित प्रक्रिया है ? उधर गत 4 अक्टूबर को पत्रकारों के
विभिन्न संगठनों की ओर से एक संयुक्त पत्र भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई
चंद्रचूड़ को लिखा गया है।इस पत्र में कहा गया है कि मीडिया के खिलाफ
सरकार की दमनकारी कार्रवाइयां हद से ज्यादा बढ़ गई हैं। अपील की गई है कि
वह मीडिया के खिलाफ जांच एजेंसियों के बढ़ते दमनकारी उपयोग को समाप्त
करने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करे।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को जिन पत्रकार संगठनों ने यह साझा
पत्र लिखा है उसमें डिजीपब न्यूज इंडिया फाउंडेशन, इंडियन वूमेन प्रेस
कॉर्प्स, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली फाउंडेशन फॉर मीडिया
प्रोफेशनल्स, नेटवर्क ऑफ वीमेन इन मीडिया, चंडीगढ़ प्रेस क्लब, नेशनल
अलायंस ऑफ़ जर्नलिस्ट्स, दिल्ली यूनियन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स, केरल यूनियन ऑफ
वर्किंग जर्नलिस्ट्स, बृहन्मुंबई यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, फ्री स्पीच
कलेक्टिव, मुंबई, मुंबई प्रेस क्लब,अरुणाचल प्रदेश यूनियन ऑफ वर्किंग
जर्नलिस्ट प्रेस एसोसिएशन ऑफ इंडिया, गुवाहाटी प्रेस क्लब शामिल है।इसमें
कहा गया है कि तीन अक्टूबर, 2023 को, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने
पत्रकारों, संपादकों, लेखकों समेत 46 पेशेवरों के घरों पर छापा मारा है।
ये लोग किसी न किसी तरह से ऑनलाइन समाचार पोर्टल, न्यूज़क्लिक से जुड़े
हुए थे। छापेमारी में गैरकानूनी गतिविधियों की विभिन्न धाराओं के तहत दो
लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पत्रकारों पर यूएपीए लगाना विशेष रूप से
भयावह है। पत्रकारिता पर ‘आतंकवाद’ का मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।
मीडियाकर्मियाें के इस पत्र पर मीडिया जगत काे देश की सर्वाेच्च अदालत की
टिप्पणी का इंतजार है।