हरियाणा और केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कौन-सी पार्टी पहनेंगी विजयी ताज?

Which party will wear the victorious crown in Haryana and Union Territory Jammu and Kashmir Assembly?

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

उत्तर भारत के दो प्रदेशों हरियाणा और केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 90-90 विधान सभा सीटों के चुनाव परिणाम मंगलवार को मतगणना के बाद घोषित कर दिये जाएंगे। हरियाणा में 1031 और जम्मू-कश्मीर में 873 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम मशीनों से बाहर आएगा।

कांग्रेस पार्टी दावा कर रही है कि वो हरियाणा में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी जबकि जम्मू-कश्मीर में वह और नेशनल कॉन्फ्रेंस मिलकर सरकार बनाने के लिए जरूरी सीटें जीत जाएंगे। कांग्रेस पार्टी के इस दावे के ठीक उलट बीजेपी का कहना है कि वो लगातार तीसरी बार हरियाणा की सत्ता में वापसी करेगी और जम्मू-कश्मीर में उसके बिना कोई सरकार नहीं बन पाएगी।

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 90 सीटों के लिए तीन चरणों में 18 और 25 सितंबर एवं 1 अक्टूबर को वोट डाले गए थे। इसके बाद हरियाणा में विधानसभा की सभी 90 सीटों पर एक साथ पांच अक्टूबर को वोटिंग हुई थी। वोटिंग खत्म होने के बाद शनिवार शाम जारी किए गए एग्जिट पोल्स में हरियाणा में कांग्रेस पार्टी की जीत की संभावना जताई गई थी जबकि जम्मू-कश्मीर को लेकर गठबन्धन सरकार को लेकर अलग-अलग दावे किए गए थे।

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा के चुनाव हुए हैं। इस बार कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन में चुनाव लड़ा।वहीं, भाजपा और महबूबा मुफ्ती की पार्टी पी डी पी ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा,जबकि हरियाणा की बात करें तो यहां कांग्रेस, भाजपा और आप पार्टी ने अकेले दम पर चुनाव लड़ा तथा आईएलएनडी ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया था, जबकि, जेजेपी यूपी के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी के साथ चुनाव में उतरी ।

मंगलवार 8 अक्टूबर को वोटों की काउंटिंग शुरू होने के साथ ही नतीजों केआर रुझान आने लगेंगे।वोटों की गिनती सुबह 8 बजे शुरू होंगी। पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होगी. इसके बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के डाले गए वोटों की गिनती होगी। सुबह 9 बजे से शुरुआती रुझान सामने आने लगेंगे।हालांकि, फाइनल नतीजे दोपहर बाद ही साफ होंगे।

जम्मू-कश्मीर में चुनाव के नतीजों से 2019 में आर्टिकल 370 को निरस्त किये जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में 2014 के बाद से पहली बार विधानसभा चुनाव हुए है तथा पहली निर्वाचित सरकार के गठन का रास्ता साफ होगा।वहीं, हरियाणा में बीजेपी की हैट्रिक लगेगी अथवा नहीं यह देखना वाली बात होंगी। जबकि एग्जिट पोल के अनुमान से उत्साहित विपक्षी दल कांग्रेस 10 साल बाद पुनः सत्ता में वापसी की आस लगाए बैठी है।

जम्मू-कश्मीर के 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनावी मुकाबले में कुल 873 उम्मीदवार ने अपनी किस्मत आजमाई।इस बार कुल 63.45प्रतिशत वोटिंग हुई।ये 2014 के विधानसभा चुनाव में दर्ज 65.52 प्रतिशत से कम है।

जम्मू-कश्मीर के प्रमुख उम्मीदवारों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला दो सीटों बडगाम और गंदेरबल से चुनाव लड़ा हैं। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन हंदवाड़ा और कुपवाड़ा सीटों से चुनाव में हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा बटमालू से ताल ठोक रहे हैं,जबकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना नौशेरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।शनिवार को आए एग्जिट पोल में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को बढ़त हासिल होती दिखाई गई है. क्षेत्रीय पार्टियों को भी कुछ सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।वहीं, एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक, बीजेपी के 2014 के विधानसभा चुनावों में जीती गई 25 सीटों की संख्या में थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है,जबकि 10 साल पहले हुए चुनावों में 28 सीटें जीतने वाली पीडीपी को इस बार 10 से भी कम सीटें मिलने का अनुमान है।नतीजों से एक दिन पहले ही राजनीति भी गरमा गई है।नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनाने के लिए महबूबा मुफ्ती की पार्टी का समर्थन लेने पर विचार करने को तैयार है। फारूक अब्दुल्ला ने खुद को मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर बताया।उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए, ताकि नई सरकार के पास लोगों की समस्याओं का समाधान करने की शक्ति हो।

इधर हरियाणा की बात करें, तो यहां की सभी 90 सीटों पर 1 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी. लोकसभा चुनावों के बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच पहला बड़ा सीधा मुकाबला है। हरियाणा की 90 सीट पर 464 निर्दलीय और 101 महिलाओं समेत कुल 1,031 उम्मीदवार मैदान में हैं. राज्य में कुल 67.90 प्रतिशत वोटिंग हुई थी।

चुनावी मुकाबले में उतरे प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (लाडवा), विपक्ष के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा (गढ़ी सांपला-किलोई), आईएनएल डी के अभय चौटाला (ऐलनाबाद), जेजेपी के दुष्यंत चौटाला (उचाना कलां), भाजपा के अनिल विज (अंबाला कैंट), कैप्टन अभिमन्यु (नारनौंद), ओ पी धनखड़ (बादली), आप के अनुराग ढांडा (कलायत) और कांग्रेस की विनेश फोगाट (जुलाना) हैं।तोशाम सीट से पूर्व सांसद और भाजपा की नेता श्रुति चौधरी और अनिरुद्ध चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों चचेरे भाई-बहन हैं।

एग्जिट पोल के नतीजों को खारिज करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दावा किया है कि उनकी पार्टी भाजपा 8 अक्टूबर को पूर्ण बहुमत के साथ तीसरी बार सरकार बनाएगी।उन्होंने कहा कि जब 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे, तो कांग्रेस इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को दोष देगी।दूसरी ओर, कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूर्ण बहुमत मिलने का विश्वास जताया है. हुड्डा को कांग्रेस के जीतने पर मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है। आईएनएलडी और बी एस पी गठबंधन ने भी दावा किया है कि नतीजे घोषित होने के बाद वह अगली सरकार बनाएगा, जबकि जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने विश्वास जताया है कि उनके गठबंधन को जीत मिलेगी। हरियाणा में अपने बलबूते चुनाव लड़ने वाली आप के प्रमुख अरविंद केजरीवाल किंगमेकर होने का दावा करते हैं।उन्होंने कहा कि AAP के समर्थन के बिना हरियाणा में कोई सरकार नहीं बन सकती.

जम्मू कश्मीर के पिछले चुनाव 2014 में 87 विधानसभा सीटों वाले चुनाव में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी को 28 सीटें मिली थी, भाजपा को 25 सीटें मिली थी,तो वहीं नेशनल कांफ्रेंस को 15, इंडियन नेशनल कांग्रेस को 12, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया को एक, जम्मू कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट को एक, जम्मू कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस को दो और निर्दलीय तीन उम्मीदवार जीते थे।

साल 2019 में हरियाणा के चुनाव में विधानसभा की 90 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने सबसे ज्यादा सीटें हासिल की और जननायक जनता पार्टी और सात निर्दलीय विधायकों के साथ चुनाव के बाद गठबंधन सरकार बनाई थी तथा भाजपा से मनोहर लाल खट्टर और जननायक जनता पार्टी से दुष्यंत चौटाला ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

अब देखना है उत्तर भारत के इन दो प्रदेशों हरियाणा और केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कौन से पार्टी विजयी ताज पहनेंगी और पार्टी विजयी रथ पर बैठेगी और चुनाव परिणाम एग्जिट पोल के अनुरूप आयेंगे अथवा जनता की मुहर और किन्ही दलों को सरकार बनाने की ओर उन्मुख करेगी?