गिरीश पंकज
चुनाव के समय विभिन्न राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र जारी करते हैं। यह दरअसल लोक लुभावना घोषणा पत्र होते हैं, जिन्हें पढ़कर समझदार नागरिक अपनी मानसिकता बनता है कि आखिर किसे वोट देना है। हालांकि लोकतंत्र में अनुभव यह भी आया है कि ज्यादातर घोषणाएं सत्ता में आने के बाद लागू नहीं होतीं। उन्हें लंबित ही रखा जाता है। तारीख पर तारीख दी जाती है और वे घोषणाएं लागू नहीं होती। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने हाथ में गंगाजल लेकर कसम खाई थी कि हम शराब बंदी लागू करेंगे, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया । यह जनता के साथ एक तरह का छल है। इस पर ऐसी कुछ व्यवस्था बननी चाहिए कि सत्ताधीश दल अगर अपनी घोषणाओं को लागू नहीं करता, तो उसके अध्यक्ष या मुखिया को कानूनी तौर पर दंडित किया जाए।
बहरहाल आगामी आम चुनाव को लेकर दो बड़े राष्ट्रीय दलों ने अपने-अपने घोषणा पत्र जारी कर दिए हैं ।उनको मैं देख रहा था। एक सप्ताह पहले कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र न्याय पत्र के रूप में जारी किया, तो संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर के जन्मदिन पर भारतीय जनता पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया है। उसे संकल्प पत्र कहा है। दोनों दलों के घोषणा पत्रों को देखने के बाद मेरा अपना निष्कर्ष है कि भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र ज्यादा व्यावहारिक और राष्ट्रहित में लिए जाने वाले अनेक महत्वपूर्ण निर्णयों से भरा पड़ा है, जबकि कांग्रेस का घोषणा पत्र राष्ट्र की चिंता करने के बजाय वोट बैंक को कैसे साधा जाए, इस उद्देश्य में अधिक नजर आता है। और कुछ घोषणाएं ऐसी हैं जो केवल हवा- हवाई है कि हम ऐसा करेंगे वैसा करेंगे। जैसे कांग्रेस ने कहा, भूमिहीन को जमीन दी जाएगी ।राष्ट्रव्यापी आर्थिक सामाजिक जाति गणना होगी। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के आरक्षित सभी खाली पड़े पद एक वर्ष के भीतर भरे जाएंगे। और व्यापक परामर्श के बाद समलैंगिक समुदाय के जोड़ों कानूनी मान्यता देने के लिए कानून बनाएगी। ये सारे चालाक वादे हैं। जो पूरे न भी हों तो यह कहा जाता रहेगा कि हम इसदिशा में काम कर रहे हैं । यह सब लटकाने वाली बातें हैं। युवाओं के लिए भी अनेक वादे हैं कि 30 लाख खाली पदों को भरा जाएगा। नौकरी देने की गारंटी वाला अधिनियम लाया जाएगा । 40 वर्ष से कम उम्र के युवकों को व्यवसाय शुरू करने के लिए फंड उपलब्ध कराया जाएगा। सभी शैक्षणिक ऋण की ब्याज की राशि माफ कर दी जाएगी। सबसे महत्वपूर्ण घोषणा है गरीब महिलाओं को प्रतिवर्ष एक लाख रुपये प्रदान करने वाली महालक्ष्मी योजना। यानी हर गरीब महिला को प्रतिमाह 8333 रुपये प्राप्त होंगे। यह ऐसा जबरदस्त जुमला है जो किसी भी सूरत में संभव नहीं है। लेकिन गरीब महिलाओं को आकर्षित करने के लिए घोषणा कर दी गई है । समझदार महिलाएं समझेंगी कि यह बिल्कुल असंभव है , लेकिन जो बेचारी अनपढ़ हैं, भावनाप्रधान हैं, वे प्रसन्न होकर कांग्रेस की ओर आकर्षित हो सकती हैं। किसानों के लिए भी कम से कम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा दिए जाने की घोषणा की गई है। कर्ज माफी आयोग भी गठन गठित किया जाएगा। न्यूनतम मजदूरी बढ़ाकर 400 रुपये की जाएगी ।यह अच्छी घोषणा है। बशर्तें उसका पालन हो। कांग्रेस ने अल्पसंख्यकों के हित के लिए भी कुछ योजनाएं घोषित की है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने यह घोषणा की है कि पचास प्रतिशत सरकारी नौकरी महिलाओं को देंगे और अग्निवीर योजना तुरंत खत्म करेंगे। कश्मीर की धारा 370 को पुन बहाल करने की बात भी कहीं जा रही है। कांग्रेस अल्पसंख्यक समुदाय के लिए पर्सनल लॉ की गारंटी दे रही है।यह अपने आप में दुर्भाग्यजनक है ।एक देश में एक संविधान होना चाहिए ।एक वर्ग के लिए विशेष कानून लाना सामाजिक वर्ग भेद पैदा करने की मानसिकता ही दर्शाता है। कांग्रेस की इस घोषणा पर भाजपा ने प्रहार करते हुए कहा कि यह तो एक तरफ से मुस्लिमपरस्ती है। उसने यह गलत नहीं कहा। पूरे देश में कोई भी कानून सबके लिए लागू होने चाहिए किसी एक वर्ग विशेष की बात करना सीधे-सीधे उन्हें अपनी ओर आकर्षित करना है।
भाजपा का संकल्प पत्र
भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र में मैं ज्यादातर घोषणाएं देश के उन्नयन को लेकर रखी गई है । जैसे पाँच साल तक गरीबों को मुफ्त राशन मिलता रहेगा। 3 करोड़ लखपति दीदी बनाई जाएँगी । देश में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी । यह एक अपने आप में बहुत बड़ी साहसिक घोषणा है । यह घोषणा दर्शाती है कि भारतीय जनता पार्टी ने कथित वोट बैंक को खुश करने की कोशिश बिल्कुल नहीं की है ।उसे राष्ट्र की चिंता है। एक राष्ट्र में एक चुनाव की घोषणा भी महत्वपूर्ण है। नई ट्रेनों को बढ़ाने की बात कही गई है और बुलेट ट्रेनों का भी विस्तार किया जाएगा। अभी अहमदाबाद से मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन का काम तेजी से चल रहा है । भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प भी भाजपा की सोच को दर्शाता है ।
वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए यह भी कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र में भारत स्थाई सदस्य बने इसका पूरा प्रयास होगा। भाजपा ने कांग्रेस की तरह महिलाओं को एक लाख रुपए सालाना देने की घोषणा नहीं की, वरन यही कहा कि किसानों को जो ₹6000 वार्षिक मिलते थे, वे जारी रहेंगे। फसल बीमा योजना को और मजबूत बनाया जाएगा। इन पंक्तियों के लेखक ने एक नागरिक होने के नाते महसूस किया कि भारतीय जनता पार्टी की घोषणाएं देश को आर्थिक दृष्टि से मजबूत करने की मानसिकता को दर्शाती हैं ।हालांकि दोनों दलों की घोषणाओं पर देश के आम मतदाताओं को गम्भीरतापूर्वक विचार करना है। यह देखना ज़रूरी है कि कौन सा दल सही मायने में उनके हित के बारे में सोच रहा है और कौन-कौन सी घोषणा ईमानदारी के साथ लागू होंगी। ऐसा नीरक्षीर विवेचन करके ही मतदाता वोट करेगा तो लोकतंत्र मजबूत होगा।