केदारनाथ में बार-बार क्याें क्रैश होते हैं हेलीकॉप्टर ?

संदीप ठाकुर

केदारनाथ धाम में दर्शन करने के बाद हेलीकॉप्टर से लौट रहे पायलट सहित 7
यात्रियों की दुर्घटना में माैत हाे गई। खराब मौसम की वजह से गरुड़
चट्टी के पास हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। धमाके के साथ हेलीकॉप्टर में आग
लग गई और वह पहाड़ पर गिरकर टुकड़े-टुकड़े में बिखर गया। हेलिकॉप्टर
क्रैश की यह कोई पहली घटना नहीं है। केदारनाथ में पहले भी हेलिकॉप्टर
क्रैश हो चुका है। उड़ान में समस्या लगातार आती रही है लेकिन इसे किसी ने
गंभीरता से नहीं लिया। दुर्घटना का शिकार हुआ हेलिकॉप्टर आर्यन कंपनी से
जुड़ा हुआ था। ऑडिट रिपोर्ट में भी हेलीकॉप्टर की उड़ान में गड़बड़ी का
उल्लेख है लेकिन प्रशासन और उत्तराखंड सरकार दाेनाें लापरवाही है। आज का
हेलिकॉप्टर क्रैश इसी लापरवाही का नतीजा है। अब भी कुछ नहीं हाेना। जांच
समिति गठित हाेगी। जांच रिपोर्ट आएगी और नतीजा फिर ढाक के तीन पात।
फिलहाल अस्थायी तौर पर हेली सेवा रोक दी गई है।

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) के सीईओ सी. रविशंकर
ने मुताबिक क्रैश के मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं। उन्होंने
बताया कि घने कोहरे के बीच हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी थी। खराब मौसम की वजह
से यह हादसा हुआ। हेलीकॉप्टर में आग लग गई। पूरे हादसे की जांच की जा रही
है। जांच के बाद डीजीसीए और केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक कुछ महीने पहले ही ऑडिट में इस बात का खुलासा हुआ था
कि उड़ान में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। दरअसल, 31 मई
को एक मामला सामने आया था, जब हेलिकॉप्टर की हार्ड लैंडिंग कराई गई थी।
उस वक्त अप्रिय घटना होते-होते बची थी। इसके बाद नागरिक उड्डयन
महानिदेशालय की तरफ से ऑडिट कराया गया था। जून के पहले सप्ताह में स्पॉट
चेकिंग के बाद फिर 13 से 16 जून के बीच ऑडिट हुआ था।
इस ऑडिट में यह पाया गया था कि ऑपरेटर्स ने टेक्निकल लॉग बुक में फ्लाइंग
रेकॉर्ड्स को उचित तरीके से मेंटेन नहीं किया है। उन्हें सुरक्षा नियमों
के उल्लंघन का दोषी पाया गया था। इसके बाद अगस्त महीने में पांच
हेलीकॉप्टर संचालकों पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। डीजीसीए ने
साथ ही दो ऑपरेटर्स को भी निलंबित कर दिया था।

केदारनाथ में पहले भी कई बार हेलिकॉप्टर हादसे हो चुके हैं। यहां सबसे
बड़ा हादसा 25 जून 2013 को हुआ था, जब केदारनाथ में आई त्रासदी के बाद
सेना का एक एमआई-17 हेलिकॉप्टर राहत और बचाव के काम में लगा था। इसी
दौरान खराब मौसम और कोहरे के बीच गौरीकुंड और रामबाड़ा के बीच घनी
पहाड़ियों में क्रैश हो गया। इस घटना में पायलट सहित 20 जवान शहीद हो गए
थे। ऐसे ही 2010 में केदारनाथ धाम में एक प्राइवेट हेलिकॉप्टर के पंखे से
कटकर एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो गई। 21 जून 2013 को एक प्राइवेट
हेलिकॉप्टर गरुड़चट्टी के पास पहाड़ी से टकराकर क्रैश हो गया था। इस क्रैश
के बाद 24 जुलाई को केदार घाटी में एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। इसमें
एक को-पायलट और एक इंजिनियर की मौत हो गई थी। अप्रैल 2018 को सेना का
एमआई-17 बिजली के तार से उलझकर क्रैश हो गया। 23 सितंबर 2019 को केदारनाथ
में हेलीपैड पर यूटी एयर हेली कंपनी का हेलीकॉप्टर टेक ऑफ करते हुए क्रैश
हो गया था।