क्यों गलत है सुष्मिता का प्यार?

सोनम लववंशी

हिंदी सिनेमा का एक गीत है- हमें तुमसे प्यार कितना, ये हम नहीं जानते, मगर जी नहीं सकते, तुम्हारे बिना…! अब सुष्मिता सेन और ललित मोदी के बीच प्यार कितना है वो तो वही जानें, लेकिन इन दोनों ने अपने प्यार का इजहार क्या किया! समाज के एक तबके के पेट में जलन होनी शुरू हो गई। वैसे देखा जाए तो प्यार एक खूबसूरत शब्द है। जिसके मायने सबके लिए अलग-अलग हो सकते हैं। बशर्तें कि उसको लेकर किसी के मन में हेय दृष्टि नहीं होनी चाहिए। कहते भी हैं कि प्यार उम्र देखकर नहीं होता। वह तो सिर्फ़ हो जाता है। शायद ऐसा ही कुछ ललित मोदी और मिस यूनिवर्स रही सुष्मिता सेन के बीच भी हुआ और दोनों ने बीते दिनों अपने प्यार का इज़हार किया। साथ ही साथ मालदीव और सार्डिनिया से डेटिंग की तस्वीरें भी ललित मोदी ने शेयर की। अब खुद ललित मोदी ने ट्वीट किया इसलिए इसे गॉसिप तो नहीं कहा जा सकता। ये अलग बात है कि ललित मोदी ने तीन शादियां की है तो वहीं सुष्मिता अब तक मिस से मिसेज़ नहीं बन पाई है। दोनों के प्यार के चर्चे फिल्मी गलियारों में गूंज रहें हैं। देखा जाए तो ललित मोदी करोड़ों के घोटाले में भगोड़े पहले ही घोषित किए जा चुके है। तो वहीं सुष्मिता सेन ने भी अपने प्रेम प्रसंग को लेकर खूब चर्चा बटोरी है। अब जब दोनों साथ है तो इस बात का ढिंढोरा तो पीटना ही था सो उन्होंने नया शिगूफा छोड़ दिया। वैसे माया नगरी के लोगों की माया भी अजीब है। चर्चा में बने रहने का कोई मौका नहीं छोड़ते फिर चाहे वो प्रेम प्रसंग हो या फिर अलगाव!

ललित मोदी और सुष्मिता सेन की जोड़ी कई मायनों में बेमेल लग सकती है, लेकिन प्यार की परिभाषा में बेमेल जैसा कोई शब्द जगह नहीं पाता है। ललित मोदी 59 साल के है तो वहीं सुष्मिता 47 साल की है। तो क्या 12 साल छोटी सुष्मिता ललित की मिसेज़ बनेगी? अब यह सबसे बड़ा सवाल है? इसके अलावा भी सवाल कई हैं। जिनमे से कुछ के जवाब सुष्मिता ने स्वयं दिए है। सुष्मिता ने अपने इंस्टाग्राम पर एक फ़ोटो शेयर करते हुए लिखा है कि वह अपने हैप्पी प्लेस में है। न शादी हुई और न रिंग पहनी है। साथ ही यह भी कहा कि वह बिना किसी शर्त वाले प्यार में बंधी है। बहुत हो गई सफाई…! अब काम और जिंदगी की तरफ लौटने की बारी है। इतना ही नहीं उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि मेरी खुशियों का हिस्सा बनने के लिए शुक्रिया और जो हिस्सा नहीं बने उनको भी शुक्रिया! इसका आपसे कोई लेना देना नहीं है। ऐसे में अब सुष्मिता का अगला कदम क्या होगा यह तो वक़्त ही बताएगा। लेकिन जो भी हो इस जोड़ी ने चर्चा तो खूब बटोरी है।

सुष्मिता सेन और ललित मोदी के प्यार को भले ही समाज पैसों की माया, हुस्न का आकर्षण या फिर एक तरह का कॉन्ट्रैक्ट लव कहकर मजाक बना रहा है, लेकिन ये सच है कि कोई जीवन के इस मोड़ पर अपने रिश्ते को इतनी दमदारी से सार्वजनिक कर रहा है, तो उन दोनों के बीच बेशक़ प्रेम अवश्य होगा। देखा जाए तो जीवन के हर मोड़ पर भावनात्मक पार्टनर की जरूरत सबको होती है। ऐसे में अगर सुष्मिता और ललित मोदी साथ जुड़ते है तो इसमें गलत क्या है? ललित मोदी को लेकर चाहे जितने विवाद हो लेकिन क्या उनके प्यार का मज़ाक बनाना सही है? जब आप किसी के प्यार का सम्मान नहीं कर सकते तो अपमान या इसके मजाक का भी कोई हक नही है। पर दुनिया का उसूल है न खुद चैन से जीती है और न दूसरों को चैन से जीने देती है। सुष्मिता और ललित मोदी का प्यार परवान चढ़ता है या फिर महज एक किस्सा बनकर रह जाता है। यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा। वैसे भी ये मायानगरी है यहां कोई बात ज्यादा समय तक नहीं छुपती। अब ये महज चर्चा में बने रहने का स्टंट था या प्यार। ये बात वही दोनो जाने। लेकिन सोशल मीडिया में प्यार को लेकर तरह-तरह की बातें करने का मौका लोगों को मिल गया। यह अलग बात है। वैसे किसी की निजी जिंदगी में ताक-झांक करने का हक किसी दूसरे को नहीं हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर अब ऐसे कारनामे धड़ल्ले से हो रहें हैं। लोग ऐसे में दूसरे की निजता और मान को ही हानि नहीं पहुँचाते, बल्कि भावनाओं को भी रौंदने का काम करते हैं। जैसा कि ललित मोदी और सुष्मिता सेन के मामले में देखने को मिल रहा है। दोनों अपने प्यार को कहां तक ले जाते? आगामी भविष्य में उसे कहाँ देखना चाहते यह उनका निजी मसला है, लेकिन लोग बेवज़ह लगे हुए हैं। कोई पैसे से जोड़कर सबकुछ देख रहा। कोई उम्र के फासले को आगे रख दोनो के रिश्ते पर सवाल खड़ा कर रहा। ऐसे में सोशल मीडिया से जुड़े लोगों को सलाह यही है कि व्यर्थ का समय मत लगाइए किसी के निजी मसले में। सबको आज की दुनिया में अपना अच्छा-बुरा समझ आता है और प्यार तो भावनाओं से जुड़ी एक पहेली है। फिर उसे पैसे या अन्य किसी चीज़े से तौलकर बौना साबित करना उचित नहीं।