दाजी (कमलेश पटेल) “ध्यान गुरू” के साथ बातचीत –
कमलेश पटेल, जिन्हें सब प्यार से दाजी के नाम से जानते हैं, ‘हार्टफुलनेस’ के चौथे ग्लोबल टीचर हैं। ‘हार्टफुलनेस’ आज की व्यस्त जीवन शैली के अनुरूप heart-focused meditation practices का एक आसान तरीका है। यह मेडिटेशन वैज्ञानिक ढंग से योग साधनाओं के सार को समझने में सहायता करता है जिससे व्यक्ति अपनी भावनाओं को काबू करने और अपनी चेतना (consciousness) को उच्चतम संभव स्तर तक ले जाने में सक्षम बनता है।
कम्यूनिकेशन प्रोफेशनल माधुरी शुक्ला को दिए अपने इंटरव्यू में वह बताते हैं कि आज के भाग-दौड़ और व्यस्त जीवन में मेडिटेशन (ध्यान) क्यों सबके लिए आवश्यक है और इसे कैसे किया जाना चाहिए।
हार्टफुलनेस मेडिटेशन क्या है और इसकी शुरुआत कैसे हुई? क्या यह किसी धर्म या आध्यात्मिक अभ्यास से संबंधित है?
- जब हम अपनी भावनाओं के बीच सामंजस्य बिठाने और हमारे मन में आने वाली प्रेरणाओ को समझने की कोशिश करते हैं तो हम बेहतर सोच सकते हैं जैसे हम कहते हैं कि दिल की आवाज़ सुन सकते हैं। हार्टफुलनेस मेडिटेशन के ज़रिए हम एनालिटिकल थिकिंग से आगे बढ़ते हुए अपनी भावनाओं, अंतर्ज्ञान और चेतना को जगाकर ख़ुद को गहराई से समझ पाते हैं। यह धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है। कोई भी व्यक्ति इसे कर सकता है।
आप हार्टफुलनेस मेडिटेशन कैसे शुरू करते हैं?
- आप नीचे लिखे गए किसी भी तरीके से ध्यान शुरू कर सकते हैं। आपका फैसला जो भी हो, यह एक सुखद यात्रा की शुरुआत होगी:- हार्टफुलनेस ट्रेनर के साथ वन-ऑन-वन बेसिस पर जुड़ें: https://heartfulness.org/en/connect-with-us/
लोगों के बाद पहले से बहुत से ध्यान और वेलनेस प्रोग्राम हैं तो ऐसे में किसी व्यक्ति को हार्टफुलनेस मेडिटेशन को ही क्यों चुनना चाहिए?
- हार्टफुलनेस मेडिटेशन की नींव हृदय में होती है जो आपकी भावनाओं से जुड़ा होता है। योगिक ट्रांसमिशन, या प्राणहुति की सहायता से ध्यान करना ही हार्टफुलनेस का सबसे अनूठा पहलू है जो इसे बाकियों से अलग करता है। यह पूरा प्रशिक्षण हार्टफुलनेस गाइड या प्रशिक्षकों द्वारा प्रदान किया जाता है। हृदय पर ध्यान केंद्रित करने से इमोशनल इंटेलिजेंस, सेंसिटीविटी और इट्यूशन में सुधार होता है।
हार्टफुलनेस का एक और अहम पहलू है कायाकल्प तकनीक (rejuvenation technique) जिसे क्लीनिंग कहा जाता है। इस प्रक्रिया से व्यक्ति के दिल में उसके अतीत से जुड़ा भावनात्मक बोझ होता है उसे दूर किया जाता है। हार्टफुलनेस क्लीनिंग असंतोष, बेचैनी, चिंता, क्रोध, भय, भ्रम और नकारात्मकता जैसी भावनाओं को दूर करती है जिससे आपको हल्का, तरोताज़ा, ऊर्जावान और संतुष्टी की भावना का अनुभव होता है।
हार्टफुलनेस का सबसे बड़ा लाभ ये है कि इसे करने से आपकी चेतना का विस्तार होता है और अद्भुत व्यक्तिगत परिवर्तन होते हैं।
किसी को अगर हार्टफुलनेस के प्रभाव को महसूस करना है तो कम से कम कितने समय तक ध्यान का अभ्यास करने की आवश्यकता है?
- कुछ लोगों के लिए तो पहला मेडिटेशन सेशन ही गेमचेंजर होता है। वे लोग तुरंत ही ध्यान का असर महसूस करते हैं। वे पहले और बाद के अनुभव में अंतर बताने में सक्षम होते हैं लेकिन निश्चित रूप से हर किसी के लिए ध्यान अपने तरीके और अपने समय से काम करता है। लेकिन हर किसी को कम से कम 6 से 12 हफ्ते के लिए इसे नियमित रूप से करने पर अपने अंदर और बाहर के वातावरण में फर्क लगने लगेगा। उदाहरण के लिए जब आप जिम में कुछ महीनों तक नियमित कसरत करते हैं उसके बाद ही शरीर में बदलाव आते हैं। ठीक वैसा ही दिल और दिमाग के साथ भी होता है। हार्टफुलनेस एक लाइफलॉन्ग प्रक्रिया है। आप जितना इसे करेंगे उतना ही अनुभव प्राप्त होगा।
आज की व्यस्त जीवनशैली में, हम ध्यान करने के लिए समय कैसे निकाल सकते हैं?
- जब हम ये सोचते हैं कि हमारे पास ध्यान के लिए वक्त नहीं है, दरअसल वही समय होता है जब हमें ज़्यादा से ज़्यादा ध्यान करने की ज़रूरत होती है। क्या आप इसका तर्क समझ पा रहे हैं? टाइम-मैनेजमेंट करने के लिए मेडिटेशन से बेहतर कुछ भी नहीं है। यह हमारी भावनाओं को नियंत्रित करने में मदद करता है।
क्या हार्टफुलनेस सीखने या अभ्यास करने के लिए किसी फीस या डोनेशन की ज़रूरत है?
- कुदरत में सभी अच्छी चीजें भरपूर मात्रा में हैं और वो भी मुफ्त में। क्या हम स्वच्छ हवा, पानी और प्यार के लिए कोई फीस देते हैं? नहीं ना, ऐसे ही शांति पाने का सबसे अच्छा तरीका है मेडिटेशन यानि ध्यान। यह मुफ्त है ।
क्या यह सरकार या किसी अंतरराष्ट्रीय निकाय द्वारा मान्यता प्राप्त है?
- छात्रों के बीच ध्यान के अभ्यास को बढ़ावा देने के लिए हार्टफुलनेस ने AICTE के सहयोग से कुछ नए तरीकों पर काम किया है। भारत की कई राज्य सरकारों और मंत्रालयों ने छात्रों के लिए स्कूलों और कॉलेजों में मेडिटेशन को बढ़ावा देने के लिए हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट के साथ समझौता किया है। हार्टफुलनेस, संयुक्त राष्ट्र सूचना केंद्र (United Nations Information Center ) के सहयोग से हर साल भारत और भूटान में हार्टफुलनेस निबंध प्रतियोगिता का आयोजन करता है। यह हमारी सालों से चली आ रही प्रथाओं में से एक है। हार्टफुलनेस योग के सभी कार्यक्रम भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा सर्टिफाइड हैं।
क्या हार्टफुलनेस का अभ्यास करने के लिए हमें अपनी जीवनशैली बदलने की आवश्यकता है?
- हार्टफुलनेस का अभ्यास करने के लिए हमें अपनी जीवनशैली बदलने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है। हार्टफुलनेस से हम अपनी भावनाओं पर कंट्रोल कर सकते हैं जिससे अपने हर काम को बेहतरी से कर पाते हैं। इससे हम अपनी व्यक्तिगत और प्रोफेशनल दोनों तरह की ज़िंदगी में बेहतर निर्णय कर पाते हैं। यह हमारे जीवन में ऐसी ऊर्जा का संचार करता है जिसकी हमें सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।
क्या हार्टफुलनेस बीमारियों का इलाज भी करता है? यदि हां, तो ये कौन-कौन सी है?
- यदि आपको कोई मेडिकल बीमारी है तो कृपया किसी पेशेवर चिकित्सा विशेषज्ञ या डॉक्टर से मिलें। हाल ही में हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए शोध और कार्य ने साबित कर दिया है कि हार्टफुलनेस मेडिटेशन, बर्नआउट को कम करता है और इसकी टेक्नीक आपको ख़ुशी, शांति और कल्याण की भावना से भर देती है।
किसे कान्हा शांति वनम् जाना चाहिए और क्यों?
- जब आप कान्हा शांति वनम् की यात्रा करेंगे तो आपको इसका उत्तर स्वयं मिल जाएगा कि आप वहां क्यों आए हैं।
हां, लेकिन यात्रा करने में आपकी मदद करने के लिए मैं आपको कुछ पूछना चाहूंगा:-
क्या आप दुनिया के सबसे बड़े ध्यान केंद्र में जाकर “ध्यान” करना चाहते हैं?
क्या आप ‘ग्रीन कान्हा’ और ‘फॉरेस्ट बाई हार्टफुलनेस’ जो धरती पर एक हरे भरे स्वर्ग की यात्रा करने जैसा है, उसकी यात्रा करना चाहेंगे?
हैदराबाद जैसे हलचल भरे शहर में रेनफॉरेस्ट का अनुभव करना कैसा रहेगा?
यदि आपने किसी भी प्रश्न के लिए हां कहा है तो अभी अपना बैग पैक करें!
“कान्हा शांति वनम्” – जहाँ पौधों की कई स्वदेशी और लुप्तप्राय प्रजातियों का घर है। मैं बहुत सी चीजों के बारे में नहीं बताना चाहता क्योंकि मैं चाहता हूं आप स्वयं आकर इसका अनुभव करें। कान्हा में आपका स्वागत है, यहां ध्यान करें और अपने अनुभव दूसरों से साझा करें।