बजट पर केन्द्रीय वित्त मन्त्रालय में प्रतिवर्ष हलवा रस्म क्यों?

गोपेंद्र नाथ भट्ट

नई दिल्ली : केन्द्रीय वित्त मन्त्रालय में पिछलें कई दशकों से आम बजट से पहले “हलवा सेरेमनी” की परंपराचली आ रही है। यह सेरेमनी बजट के दस्तावेज तैयार होने के बाद आयोजित होती है। राष्ट्रीय राजधानी केकेन्द्र स्थल इण्डिया गेट विजय चौक संसद भवन और राष्ट्रपति भवन से सटे नार्थ ब्लॉक, जहां वित्त मंत्रालय है, के नीचे बेसमेंट में बजट प्रेस है। उसी प्रेस में हलवा सेरेमनी होती है। हलवा बनने के बाद बजट की छपाई शुरूहोती है। जिस दिन हलवा बना, उसके बाद बजट छापने वाले कर्मचारी और अधिकारी वहीं रहते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आते ही कागज़ की बचत के लिए बजट के डिजिटलीकरण को प्रोत्साहित किया है।फिर पिछले वर्ष कोरोना महामारी से जुड़े प्रोटोकॉल के चलते बजट का दस्तावेजीकरण भी नहीं हुआ था औरइसे डिजिटल रूप से पेश किया गया था। ऐसे में हलवा सेरेमनी का आयोजन नहीं हो पाया। हालांकि, इसकेस्थान पर मिठाई बांटी गई थी।

एक फरवरी को होगा आम बजट पेश

इस बार केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट पेश करेंगी। अगले साल होने वालेआम चुनावों से पहले यह मोदी सरकार का आखिरी बजट होगा। ऐसे में इस बजट को लेकर आम अवाम कोकाफी उम्मीदें हैं। बजट की जब भी बात होती है, तो हलवा सेरेमनी का खयाल जरूर आता है। इस बार हलवासेरेमनी मनाई गई । इस मौके पर केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और राज्य मंत्री डॉ भागवत किशनरावकराड और वित्त मन्त्रालय के वरिष्ठ अधिकारी गण भी मौजूद थे।

बजट सार्वजनिक होने तक ऑफ़िस में ही रहते हैं सभी कर्मचारी

हलवा सेरेमनी का आयोजन बजट की तैयारी पूरी होने के बाद और इसको पेश करने से पहले होता है। इसकेलिए सचिवालय के नॉर्थ ब्लॉक में एक बड़ी कढ़ाही में हलवा बनाया जाता है। इस सेरेमनी में वित्त मंत्री औरवित्त मंत्रालय के सभी अधिकारी शामिल होते हैं। सभी के बीच कढ़ाई में से हलवा बांटा जाता है। हलवा सेरेमनीके बाद वित्त मंत्रालय के 100 से अधिक कर्मचारी करीब 10 दिन तक नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में ही रहते हैं।उनको मोबाइल रखने की और फोन पर किसी से भी बात करने की अनुमति नही होती । वे वित्त मंत्री के संसद मेंबजट भाषण प्रस्तुत करने के बाद ही नार्थ ब्लॉक से बाहर निकलते हैं। ऐसा इसलिए होता है, जिससे बजट सेजुड़ी कोई भी जानकारी लीक ना होने पाए।

हलवा खिलाकर मुंह मीठा कराने की परम्परा

वित्त मंत्रालय के कर्मचारी कई दिनों से बजट बनाने के काम में लगे होते हैं। बजट बनने पर उनकी मेहनत कोसराहा जाता है। इसके लिए उनका हलवा खिलाकर उनका मुंह मीठा किया जाता है। वैसे भी भारतीय परंपरा मेंकोई भी अच्छा काम पूर्ण होने पर अथवा किसी शुभ काम से पहले मीठा खाना अच्छा माना जाता है।