‘कश्मीर फाइल्स’ के विवेक अग्निहोत्री काे क्यों देनी पड़ रही है सफाई ?

संदीप ठाकुर

विवादास्पद फिल्म कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री काे सफाई
देनी पड़ रही है कि उनकी फिल्म फिक्शन नहीं बल्कि रियल स्टोरी पर आधारित
है। उनका कहना है कि जिस तरह से घाटी में हिंदुओं का कत्लेआम हुआ वह
जेनोसाइट नहीं ताे और क्या था ? दरअसल यह सफाई उन्हें इस लिए देनी पड़
रही है क्योंकि इंटरनेशनल मीडिया में इस फिल्म काे लेकर लगातार लिखा जा
रहा है कि फिल्म की कहानी एकतरफा और फिक्शन है। फिल्म में जो दिखाया गया
है वह हकीकत नहीं है। फिल्म के निर्माता निर्देशक ने फिल्म बनाने में
फिल्मी लिबर्टी का बखूबी फायदा उठाया है। इतना ही नहीं इंटरनेशनल मीडिया
ताे यहां तक लिख रहा है कि यह फिल्म भारत के एक खास विचारधारा के लाेगाें
ने अपनी ही विचारधारा वाले से बनवाई है ताकि इसका राजनीतिक फायदा उठाया
जा सके और वही हो भी रहा है। ताज्जुब की बात यह है कि संवाददाता सम्मेलन
में मेन स्ट्रीम मीडिया की उपस्थिति नगण्य थी।

इंटरनेशनल मीडिया से विवेक अग्निहोत्री इतना परेशान हैं कि आज उन्हें
पांच सितारा होटल ” ली मेरिडियन” में संवाददाता सम्मेलन बुलाना पड़ा।
पांच सितारा में कांफ्रेंस क्यों बुलानी पड़ी उसकी भी एक
कहानी है जो विवेक ने मीडिया से सामने बखान किया। विवेक अग्निहोत्री ने
कहा कि अपनी बात कहने के लिए उन्होंने ‘फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब’
(एफसीसी) में बुकिंग कराई थी। लेकिन अंतिम समय में संवाददाता सम्मेलन की
अनुमति क्लब ने देने से मना कर दिया। फिर उन्हाेंने ‘प्रेस क्लब ऑफ
इंडिया’ (पीसीआई) काे अप्रोच किया। लेकिन वहां से भी अनुमति नहीं मिली ।
विवेक ने आरोप लगाया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रखवाली करने वालों
ने उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगा दी। उधर पी सीआई का कहना है
कि किसी भी व्यक्ति या संगठन के लिए किसी कार्यक्रम का आयोजन करने की एक
तय प्रक्रिया है। क्लब, केवल अग्रिम बुकिंग कराने पर ही संवाददाता
सम्मेलन की अनुमति देता है और यह बुकिंग, क्लब के किसी सदस्य के माध्यम
से ही कराई जा सकती है। विवेक अग्निहोत्री की 5 मई काे काेई अग्रिम
बुकिंग नहीं थी।
मंच पर विवेक के अलावा फिल्म की प्रोड्यूसर पल्लवी जोशी, ‘ग्लोबल कश्मीरी
पंडित डायसपोरा’ के अंतरराष्ट्रीय समन्वयक उत्पल काैल सहित अन्य लोग
मौजूद थे। सबने एक स्वर में यह वकालत की कि कश्मीर फाइल्स फिल्म में जो
दिखाया गया है वह बिल्कुल सच है। इस सच पर मुहर लगाने के लिए फिल्म
निर्माता व निर्देशक ने जिस कश्मीरी पंडित काे बुलाया था उसने भी मंच पर
रोना गाना करते हुए अपनी आपबीती सुनाई।

विवेक अग्निहोत्री की तिलमिलाहट की वजह इंटरनेशनल मीडिया में इस फिल्म
काे इस्लामोफोबिक बताना है। बकाैल विवेक अग्निहोत्री न्यूयॉर्क
टाइम्स,ब्लूम वर्ग,अल जजीरा जैसे मीडिया हाउस में इस फिल्म के बारे में
ऐसा ही लिखा गया है। साथ ही पश्चिम के अन्य मीडिया संस्थान ने भी फिल्म
काे सच्चाई से दूर बताया है। विवेक ने कहा कि यह फिल्म इस्लामोफोबिक
नहीं बल्कि टेरर फोबिक है। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल मीडिया फिल्म काे
लेकर दुष्प्रचार कर रहा है। फिल्म में जो दिखाया गया है वह रिसर्च बेस्ड
है। जबकि इंटरनेशनल मीडिया का मानना है कि पिल्म रिसर्च बेस्ड नहीं बल्कि
घटना बेस्ड है। दो तीन घटनाओं काे लेकर फिल्म बना दी गई है। विवेक
अग्निहोत्री ने इसे लेकर संवाददाता सम्मेलन में नाराजगी जाहिर की।