सीता राम शर्मा ” चेतन “
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत के साथ नए मुख्यमंत्रियों का चयन राष्ट्रीय राजनीतिक व्यवस्था के साथ राजनीतिक समीक्षकों, विशेषज्ञों और विचारकों के लिए ना सिर्फ आश्चर्यजनक रहा है बल्कि बदलती भारतीय राजनीतिक व्यवस्था के भविष्य को नई दृष्टि देने वाला भी सिद्ध हुआ है ! निःसंदेह भाजपा विशेषकर इसका उच्च स्तरीय सामुहिक नेतृत्व भारतीय राजनीति को एक नई दिशा देने की इस उत्कृष्ट पहल के लिए बधाई का पात्र है ! कांग्रेस के साथ सभी क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को अपने छद्म और पापी लोकतांत्रिक स्वरुप और कार्यशैली का त्याग कर भाजपा के इस अंदरुनी लोकतंत्र से कुछ नहीं बहुत कुछ सीखने की जरूरत है । हालांकि इस बात या विचार का समर्थन और अनुसरण करना इनके लिए फिलहाल असंभव है, इसलिए इस पर चर्चा फिर कभी, फिलहाल तो विचार इस बात पर होना चाहिए कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की जीत के बाद इन राज्यों में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार इनके पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा राजे सिंधिया और डॉक्टर रमन सिंह का निकट या आगामी भविष्य में पद या दायित्व क्या होगा ? गौरतलब है कि ये तीनों पूर्व मुख्यमंत्री भी अपने राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में विजयी विधायक हैं । तो क्या ये अब आगामी पांच साल तक महज वरिष्ठ विधायक बनकर अपनी सरकार के मार्गदर्शक बने रहेंगे या फिर ये आगामी लोकसभा चुनाव लड़कर या राज्य सभा के माध्यम से केंद्रीय सत्ता में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका में होंगे ? या फिर क्या ये सभी, या इनमें से कुछ अपने ही राज्य में राज्यपाल बनकर अपनी सरकार को बेहतर तरीके से चलाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे ? दल और संगठन के स्तर पर भविष्य की भाजपाई नीति और रणनीति क्या होगी, इस पर अभी कुछ भी कहना अतिशयोक्तिपूर्ण होगा पर यह तो निश्चित है कि भविष्य की भाजपा वर्तमान से कहीं ज्यादा परिष्कृत, सशक्त, सक्षम और सफल भाजपा होगी । यह भी निश्चित है कि निकट भविष्य में ही भाजपाई सामूहिक नेतृत्व दलगत और सत्ता के स्तर पर कुछ ऐसे आश्चर्यजनक, अविश्वसनीय और प्रासंगिक बदलाव लाए, जो दूसरों के लिए चिंतन मात्र के लिए वैचारिक स्तर पर भी आज संभव नहीं है ।
जीवन एकाकी हो या सामाजिक, राजनीतिक और राष्ट्रीय, आत्म परिष्कार की निरंतरता उसे उत्कृष्ट बनाती चली जाती है और यदि खुद को परिष्कृत करने की शुरुआत उच्चतम स्तर पर हो तो उसका विस्तार ज्यादा सरल, स्वाभाविक, सशक्त और सफल सिद्ध होता है । मुझे लगता है निकट भविष्य में भाजपाई सर्वोच्च नेतृत्व कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश करेगा । बड़े और आश्चर्यजनक जरुरी बदलाव का ताजा दौर आगे भी हर स्तर पर अत्यधिक रोमांचक होता हुआ उत्कृष्टता के नए बेमिसाल कीर्तिमान रचेगा ! स्पष्ट कर दूं कि उत्कृष्ट बदलाव और ठोस राजनीतिक परिष्कार की ये संभावनाएं मेरे व्यक्तिगत विचार भर हैं, जो मेरे अति आशावादी होने के कारण भर है । संभव है कि ऐसा ना भी हो क्योंकि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पूर्ण राजनीतिक स्वच्छता इतना आसान काम नहीं है और भ्रष्टाचार पर कठोर प्रहार की शक्ति भाजपा में मोदी और योगी जैसे कुछ लोगों से ज्यादा किसी में भी नहीं है । अतः फिलहाल तो वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम पर सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के भूतपूर्व मुख्यमंत्रियों का आगामी पंचवर्षीय कार्यकाल एक वरिष्ठ विधायक की तरह पूरा होता नहीं दिखता । इनकी विधानसभा सीट पर निकट भविष्य में ही पुनः चुनाव का होना संभावित है । रही बात आगामी लोकसभा चुनाव, सरकार और नेतृत्व की, तो उसके लिए फिलहाल जय-जय शिव शंकर ! चमत्कार जारी रहेगा !