क्या सिडनी कप्तान टेस्ट रोहित शर्मा का आखिरी टेस्ट होगा?

Will the Sydney Test be Rohit Sharma's last Test as captain?

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत अपने घर में मेहमान न्यूजीलैंड से तीन टेस्ट की सीरीज 0-3 से हारने के xhb उनकी गैरमौजूदगी में जसप्रीत बुमराह की कप्तानी में पर्थ में मेजबान ऑस्ट्रेलिया से पहला टेस्ट 295 रन से जीतने के बाद अगले तीन में दो हार कर बॉर्डर गावसकर ट्रॉफी में 1-2 से पिछड़ने सहित पिछले छह में पांच टेस्ट हार चुका है। रोहित खुद बल्ले से बुरी तरह नाकाम रहे हैं और मात्र एक अर्द्धशतक ही जड़ पाए हैं। ऐसे मे रोहित शर्मा के सीरीज के पांचवें और आखिरी क्रिकेट में खेलने और एकादश में जगह को लेकर ही सवालिया निशान लग गया है। बड़ा सवाल यह है कि कप्तान रोहित शर्मा को भारत सिडनी मे यदि एकादश में शामिल करता है और ऑस्ट्रेलिया से इसमें भी हार जाता है और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप(डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में नहीं पहुंचता है तो क्या यह उनके करियर का आखिरी टेस्ट होगा? रोहित टी 20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को बीते बरस पहेल ही अलविदा कह चुके हैं।

रोहित जिस तरह बल्ले से जूझ रहे हैं उसके लिए सीनियर राष्ट्रीय क्रिकेट चयन समिति के लिए उन्हे क्रिकेट के सबसे अहम फॉर्मेट टेस्ट में अपना बल्ला टांग अलविदा कहने के लिए खासा सहज हो सकता है। क्रिकेट की रोचक अनिश्चितताओं की यह कहानी है कि रोहित शर्मा अपनी कप्तानी में बीते बरस के अधबीच 2024 में भारत को वन डे विश्व कप हीरो बन कर उभरे थे लेकिन बाद के छह महीनों में उनकी बल्लेबाजी फॉर्म क्या गड़बडाई कि उनके टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने की पटकथा लिखने की चर्चा शुरू हो गई है। भारत के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान और सुरिंदर खन्ना ने साफ साफ कहा भी है कि रोहित शर्मा कप्तान नहीं होते तो उनकी मौजूदा ढीली फॉर्म के चलते भारत की एकादश में जगह नहीं बनती है। यह भी हकीकत है कि खासतौर पर विदेश में रवींद्र जडेजा की मौजूदगी में बतौर स्पिनर उनकी बेहतर बल्लेबाजी और फील्डंग के कारण उन्हें तवज्जो दिए जाने पर दीवार पर लिखी इबारत को पढ़ कर तीसरे टेस्ट के बाद ऑफ स्पिन ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने भारत के लिए अतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में तीनों फॉर्मेट को अलविदा कह दिया। क्या रोहित भी अश्विन से प्रेरणा ले उनकी राह पर आगे बढ़ टेस्ट में अपना बल्ला टांगने की सोचेंगे

रोहित की फॉर्म के आधार पर उनकी सीरीज के सिडनी के आखिरी टेस्ट में भारत की एकादश में जगह कई नहीं बनती है और केवल कप्तान होने के नाते ही वह इसमें खेल सकते है। 2024 में 26 टेस्ट पारियों में कुल मिला कर उनकी औसत बमुश्किल 25 की रही है। भारत की अपनी कप्तानी में पिछली दस पारियों में रोहित की औसत बमुश्किल लगभग 12 रही और इनमें वह भारत में न्यूजीलैंड के खिलाफ मात्र एक अर्द्धशतक जड़ पाए और ऑस्ट्रेलिया मौजूदा दौरे पर पांच पारियों में वह महज एक बार दस रन तक पहुंच पाए है। विदेश में रोहित ने अब तक मौजूदा ऑस्ट्रेलिया के दौरे तक इनमे आठ टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की मात्र दो जीते, चार हारे और दो ड्रॉ कराए और इनमें उन्होंने इकलौता शतक ओवल में इंग्लैंड के खिलाफ जड़ा है।

एडिलेड में अपनी कप्तानी में लगातार पांचवां टेस्ट हार कर उन्होंने सचिन तेंडुलकर के बतौर कप्तान लगातार पांच टेस्ट हारने के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। दरअसल रोहित शर्मा की वन डे विश्व कप की तरह टेस्ट में केवल द दनादन के अदाज में प्रहार करने की शैली ही उनकी इस नाकामी का सबब बनी है। यशसवी जायसवाल अेर केएल राहु़ की सलामी जो़डी की बबेहतरीन बबल्लेबाजी से पर्थ में भारत की पहले टेस्ट में बड़ी जीत के बाद उनका अगले दो टेस्ट में मध्यक्रम खेलने के बाद वह मेलबर्न मे फिर यशस्वी के साथ पारी शुरू करने आए लेकिन यहां भी ढाक के वही तीन पात , वहीं नाकामी मिली। भारत के हेड कोच गौतम गंभीर ने टीम में सभी को चेताने और यह कहने की चर्चा की टीम की रणनीति के मुताबिक खेलो या फिर बाहर का रास्ता देखने के लिए तैयार रहो के बीच रोहित शर्मा को अपनी और भारत की लाज बचानी है तो सिडनी में पांचवां टेस्ट जीत सीरीज दो-दो की बराबरी पर समाप्त कराने की चुनौती होगी। गौतम गभीर ने खिलाड़ियों को अपने मन की करने की बजाय टीम की जरूरत और उसके हित के मुताबिक खेलने की ताकीद की है। । सिडनी टेस्ट में में यह देखना दिलचस्प होगा कि टीम इंडिया के धुरंधर उस्ताद गंभीर की हिदायत पर कबिज रहते हैं फिर अपनी मन की करना जारी रखेंगे ?