हमारे लिए एशियाई खेलों में स्वर्ण जीत सीधे 2024 के ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई करने का मौका: सविता

  • पहला लक्ष्य मैच दर मैच जीत फाइनल में पहुंचना
  • इस बार एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने के लिए पहले से कहीं ज्यादा प्रतिबद्ध

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : कप्तान और दुनिया की बेहतरीन गोलरक्षक में से एक सविता की अगुआई में भारत की महिला हॉकी टीम को हांगजू (चीन) एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने का पूरा विश्वास है। भारतीय महिला हॉकी टीम दक्षिण कोरिया, मलयेशिया, हांगकांग और सिंगापुर केसाथ पूल ए में है। पूल बी मे जापान, मेजबान चीन, थाईलैंड । कजाकिस्तान व इंडोनेशिया की टीमें है। दोनों पूल से दो-दो शीर्ष टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेगी। भारतीय महिला हॉकी टीम अपनी बढिय़ा फॉर्म जारी रखकर हांगजू एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीत कर सीधे 2024 के पेरिस ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई करने को बेताब है। सविता की अगुआई में नेशंस कप जीतने से भारतीय महिला हॉकी टीम के हौसले बुलंद हैं और एशियाई खेलों में किसी भी टीम की चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। भारतीय महिला हॉकी टीम हांगजू एशियाई खेलों में अपने अभियान का आगाज सिंगापुर के खिलाफ बुधवार को पूल ए मैच से करेगी। 2014 के बाद से भारतीय टीम सिंगापुर से तीन बार भिड़ी है और हर बार जीती है और उसने 2022 के महिला एशिया कप में उसे शिकस्त दी थी।

भारत की कप्तान सविता ने कहा, ‘ हमारे लिए लंबे इंतजार के बाद इस बार एशियाई खेलों में स्वर्ण जीत सीधे 2024 के पेरिस ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई करने का बढिय़ा मौका है। हमने इसी के मुताबिक तैयारी की है। हमारा पहला लक्ष्य मैच दर मैच जीत फाइनल में पहुंचना है। हम इस बार एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के लिए पहले से कहीं ज्यादा प्रतिबद्ध है। हमारी हर खिलाड़ी जानती है कि एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने से हमारी भारतीय टीम सीधे अगले साल पेरिस में होने वाले ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई कर लेगी। हमारे यही सबसे अच्छी स्थिति है। हम एशियाई खेलों में स्वर्ण जीत अपना ध्यान एफआईएच प्रो लीग और उसके बाद पेरिस ओलंपिक 2024 पर लगा सकते हैं।’

वहीं भारतीय महिला हॉकी टीम की चीफ कोच यॉकी शॉपमैन ने कहा, ‘हमारी टीम सिंगापुर के खिलाफ बुुधवार को पहले मैच के लिए जेहनी तौर पर बढिय़ा स्थिति में है। हमने अपनी खामियों को दुरुस्त कर एशियाई खेलों के लिए बढिय़ा तैयारी की है। हमारी योजना दमदार आगाज कर सबसे पहले अंक तालिका में शीर्ष पर रहना है।

भारत ने अब तक एक स्वर्ण व दो रजत सहित जीते हैं छह पदक
सूरज लता देवी की अगुआई में नई दिल्ली में 1982 में जब पहली बार महिला हॉकी को एशियाई खेलों में शामिल किया गया तो तब भारत ने अपने सभी पांचों मैच जीत स्वर्ण जीता था। भारतीय महिला हॉकी टीम 1982 में पहली बार इसे एशियाई खेलों में शामिल करने पर स्वर्ण तथा1998 में बैंकॉक में प्रीतम सिवाच की अगुआई में दक्षिण कोरिया से फाइनल में 1-2 से फिर 2018 रानी रामपाल की अगुआई में जकार्ता मृं जापान से फाइनल में 1-2 से हार रजत पदक सहित इन खेलों (1986, 2006, 2016) में तीन कांस्य सहित कुल छह पदक जीत चुकी है। चार बार 1990, 1994, 2002, 2010) में चौथे स्थान पर रहा।

भारत की एशियाई खेलों के लिए18 सदस्यीय महिला हॉकी टीम
गोलरक्षक : सविता (कप्तान), बिच्छू देवी।
रक्षापंक्ति : इशिका चौधरी, दीप ग्रेस एक्का, निकी प्रधान, उदिता, सुशीला चानू,।
मध्यपंक्ति : नेहा गोयल, निशा वारसी, मोनिका, नवनीत कौर, सलीमा टेटे, सोनिका।
अग्रिम पंक्ति :वंदना कटारिया, ललरेमसियामी, दीपिका,संगीता कुमार, वैष्णवी फाल्के।

भारत की महिला हॉकी टीम के मैचों के कार्यक्रम एवं समय
27 सितंबर: भारत वि. सिंगापुर सुबह पौने सवा दस बजे से।
29 सितंबर : भारत वि. मलयेशिया , शाम चार बजे से।।
1 अक्टूबर : भारत वि. द. कोरिया, दोपहर डेढ़ बजे से।
3 अक्टूबर: भारत वि. हांगकांग , सुबह पौने आठ बजे से।
(सुबह पौने आठ बजे से)।
5 अक्टूबर : दोनों सेमीफाइनल व नौवें -दसवें स्थान के मैच।
(सुबह 11 बजे से)।
7 अक्टूबर : फाइनल। सातवें-आठवें, पांचवें-छठे तथा तीसरे-चौथे स्थान के मैच (सुबह पौने आठ बजेे से)।