- भारत ने चीन को फाइनल में १-० से हरा कर एशिया में अपनी श्रेष्ठता बरकरार रखी
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : ड्रैग फ्लिकर जुगराज सिंह के अपने कप्तान हरमनप्रीत सिंह के बाएं से बेहतरीन फर्राटे लगा डी में बढ़ाई गेंद पर चौथे व आखिरी क्वॉर्टर के अधबीच दागे इकलौते मैदानी गोल की बदौलत पेरिस ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता भारत ने पहली बार फाइनल में पहुंचने वाले मेजबान चीन को पुरुष एशियन चैंपियन हॉकी टूर्नामेंट के फाइनल में मंगलवार को १-० से हरा लगातार दूसरी और कुल पांचवी बार खिताब जीत एशिया में अपनी श्रेष्ठता बरकरार रखी। भारत की फाइनल की जीत नायक बड़े मैच के बड़े खिलाड़ी दुनिया के बेहतरीन ड्रैग फ्लिकर कप्तान हरमनप्रीत सिंह रहे। दबाव में धैर्य दिखाकर हरमनप्रीत सिंह ने हॉकी की कलाकारी दिखा बाएं से डी में घुस कर दाएं खड़े जुगराज सिंह को दिया और उन्होंने ५१ वें मिनट में चीन की ज्दीवारच् वीहाओ वांग को छका फाइनल का इकलौता और निर्णायक गोल दागा। फाइनल में मैन ऑफ दच् मैच भले ही चीन के स्ट्राइकर लित भारनलियांग को मिला लेकिन इसके हकदार तो भारत के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ही थे।
खेल खत्म होने से चार मिनट पहले चीन ने अपने गोलरक्षक गोलरक्षक वीहाओ वांग को बाहर बुला सभी ११ खिलाड़ियों को हमले पर लगा लिया लेकिन भारत के गोलरक्षक सूरज करकेरा ने धैर्य दिखाकर चीन को गोल कर बराबरी हासिल कर सेमीफाइनल की तरह फाइनल को भी शूटआउट में खिंचने की उम्मीद पर पारी फेर दिया। भारत ने इस टूर्नामेंट में अपना अभियान चीन को लीग मैच में ३ -० से हरा कर करने के साथ समापन फाइनल सहित सभी अजेय रह अपने सभी सात मैच जीत खिताब बरकरार रख कर किया।
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता टीम के स्ट्राइकर सुखजीत सिंह व अभिषेक नैन व अरिजित हुंदल ने शुरू खासतौर पर मध्यपंक्ति में सदाबहार मनप्रीत सिंह, नीलकांत शर्मा और उपकप्तान विवेक सागर प्रसाद द्वारा आगे बढ़ाई गेंद पर लहरों की तरह शुरू के दो क्वॉर्टर में हमले बोले लेकिन चीन के गोलरक्षक चीन के गोलरक्षक वीहाओ वांग ने रोक कर बेकार किया उसे भारत के खिलाफ टी वी अंपायर के मैदानी अंपायर के मनप्रीत सिंह को चीन के गोलरक्षक वांग द्वारा खतरनाक ढंग से गिराने पर दिए पेनल्टी स्ट्रोक पर फ्री हिट दिए जाने घटिया फैसले का भरपूर लाभ मिला। चीन को फाइनल में ज्भेंटच् में मिले दो पेनल्टी कॉर्नर सहित पांच पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन दोनों भारतीय गोलरक्षक कृष्ण बहादुर पाठक और सूरज करकेरा के साथ सभी को रोक कर बेकार किया। भारत को मिले चार पेनल्टी कॉर्नर में कप्तान हरमनप्रीत सिंह और जुगराज सिंह ने दो लिए लेकिन इनमें तीन को चीन के गोलरक्षक वांग ने रोका लेकिन दूसरे पर हरमनप्रीत सिंह का फ्लिक लक्ष्य चूक गया। भारत के स्ट्राइकर सुखजीत सिंह को नीलकांत शर्मा के तीन बढ़िया पासो पर डी के भीतर चीन के गोलरक्षक ने वीहाओ वांग ने रोक कर बेकार किया। साथ भारत के कप्तान ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह के दो पेनल्टी कॉर्नर को भी चीन के गोलरक्षक वीहाओ वांग ने शुरू के दो क्वॉर्टर में रोका ही। किस्मत भी चीन के साथ रही और मनप्रीत को गोलरक्षक वांग द्वारा गिरानभारत को मैच के २८ वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन तीसरे अंपायर ने मैदानी अंपायर का फैसला पलट दिया।
मनप्रीत सिंह के दाएं से बढ़िया पास पर सुखजीत सिंह ने डी में गेंद संभाली लेकिन चीन के खिलाड़ी ने गेंद को अपने गोल से बाहर कर दिया। भारत को नौवें मिनट में दो पेनल्टी कॉर्नर मिले लेकिन पहले को रशर ने रोका लेकिन इसके तुरंत बाद मिले दूसरे पर उनका फ्लिक दाएं से गोलस्तंभ से बाहर निकल गया। नीलकांत शर्मा के १२ वें मिनट में दाएं से क्रॉस पर सुखजीत सिंह के शॉट को चीन के गोलरक्षक वांग ने रोक भारत को बढ़त लेने से रोक दिया। सुखजीत अगले ही मिनट जर्मनप्रीत के पास पर डी में गेंद को गोल में डालने से चूके। जर्मनप्रीत ने अंपायर की सीटी के बाद भी गेंद को ले बढ़े और अंपायर ने चीन को पहला पेनल्टी कॉर्नर दिया लेकिन भारत के गोलरक्षक कृष्ण बहादुर पाठक ने गेंद को रोक अपनी टीम पर आया खतरा टाल दिया। मोहम्मद रहील को मैच के १७वें मिनट में रफ टैकल पर ग्रीन कार्ड दिखा दो मिनट के लिए बाहर भेजा गया। मनप्रीत सिंह बाएं ये गेंद को लेकर निकले लेकिन चीन के गोलरक्षक ने गोता लगा उन्हें गिराया इस पर अंपायर ने पेनल्टी स्ट्रोक दिया लेकिन तीसरे अंपायर पाकिस्तान के इस फैसले को पलट कर केवल फ्री हिट दी।
चीन को ३८ वें मिनट में मैच का दूसरा पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन गोलरक्षक पाठक ने गेंद को रोक अपनी टीम पर आया खतरा टाल दिया। चीन ने ४० वें मिनट में लगतार दो पेनल्टी कॉर्नर दिए। तीसरे अंपायर पाकि्स्तान के रसूल न एक बार फिर बराबर चीन के पक्ष में फैसले दिए। कप्तान हरमनप्रीत सिंह चौथे व आखिरी क्वॉर्टर के छठे मिनट में बाएं तीन चीनी खिलाड़ियों को छका गेंद को डी में पहुंचे और इसे ठीक डी के उपर खड़े जुगराज सिंह ने पलक झपकते ही गोल में डाल कर १-० से आगे कर दिया। भारत ने अपनी इस बढ़त को आखिरी तक कायम रख खिताब जीत लिया।
पाक ने द.दक्षिण कोरिया को हरा तीसरा स्थान पाया : स्ट्राइकर हन्नान शाहिद और ड्रैग फ्लिकर सूफयान खान के दो-दो तथा रोमन के एक गोल की बदौलत पाकिस्तान ने पिछड़ने के बाद दक्षिण कोरिया को ५-२ से हरा कर तीसरा स्थान पाया। पराजित दक्षिण कोरिया की ओर से कप्तान जुंगजुन ली और ड्रैग फ्लिकर जिहुन यांग ने एक-एक गोल किया। पाकिस्तान की टीम सेमीफाइनल में मेजबान चीन से पिछड़ने के बाद निर्धारित समय में स्कोर एक एक से बराबर रहने के बाद शूटआउट में ०-२ से हार गई थी। वहीं दक्षिण कोरिया की टीम सेमीफाइनल में भारत से १-४से हार गई थी। पाकिस्तान को मिले सात पेनल्टी कॉर्नर में सूफयान खान ने दो और दक्षिण कोरिया को मिले इकलौते पेनल्टी कॉर्नर को जिहुन यांग ने गोल में बदला। इस टूर्नामेंट से ठीक पहले डच उस्ताद रोलैंट ओल्टमैन के हटने के बाद पूर्व ओलंपियन ताहिर जमां के चीफ कोच की बागडोर संभालने के बाद उनके मार्गदर्शन में पाकिस्तान की शाहिद अन्नान, रोमन, रहमान अब्दुल और अहमद नदीम से सज्जित पाकिस्तान की अग्रिम पंक्ति ने बराबर हमलों का तांता बांधा लेकिन खेल के रूख के उलट कप्तान जुंगजुन ली ने दूसरे क्वॉर्टर में गोल कर दक्षिण कोरिया को १-० से आगे कर दिया। हन्नान शाहिद ने तीसरे क्वॉर्टर में बेहतरीन मैदानी गोल कर पाकिस्तान को एक -एक की बराबरी दिला दी। ड्रैग फ्लिकर सूफयान खान ने पेनल्टी कॉर्नर को गोल में दल कर पाकिस्तान को २-१ से आगे कर दिया। ड्रैग फ्लिकर जिहुन यांग ने पेनल्टी कॉर्नर में गोल कर दक्षिण कोरिया को दो -दो की बराबरी दिला दी। चौथे और आखिरी क्वॉर्टर में हन्नान शाहिद और सूफयान खान ने अपना अपना मैच का दूसरा गोल कर पाकिस्तान को ५-२ से मैच जिता दिया।