भारत की निगाहें अब अंतिम टी-20 भी जीत सीरीज अपने नाम कर
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : अनुभवी ओपनर स्मृति मंधाना के बेहतरीन अद्र्बशतक तथा ऑफ स्पिन ऑलराउंडर स्नेह राणा(3/24) के बुने स्पिन के जाल की बदौलत भारत की महिला क्रिकेट टीम में डर्बी में मेजबान इंग्लैंड को दूसरे टी-20 मैच में मंगलवार को आधी रात बाद आठ विकेट से करारी शिकस्त दे तीन मैचों की सीरीज में एक-एक की बराबरी पा ली। भारत ने गेंद और बल्ले से बेहतरीन प्रदर्शन करने के साथ मंगलवार रात चुस्त क्षेत्ररक्षण की भी बानगी प्रस्तुत कर जीत के साथ पहले टी-20 मैच में इंग्लैंड से मिली नौ विकेट की हार का हिसाब चुकता कर दिया। भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने शनिवार को पहले टी-20 मैच में अपनी हार के बाद कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा था उनकी टीम को गीले मैदान पर खेलने पर मजबूर किया गया था। भारत की निगाहें अब ब्रिस्टल में बृहस्पतिवार को मेजबान इंग्लैंड से तीसरा व निर्णायक टी-20 जीत अपने नाम करने की होगी। भारत की गेंदबाजी को इस बात का ध्यान रखना होगा कि मेजबान इंग्लैड के निचले क्रम में फ्रेया कैंप जैसी बल्लेबाज को बड़ी पारी खेलने का मौका न मिले।
इंग्लैंड ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी करते हुए सोफिया डंकेल(5), डैनी वेट (6) और एलिस कैप्सी (4) के रूप में शुरू के तीन ओवर में तीन विकेट मात्र 16 रन गंवाए और फिर ब्रायनी स्मिथ (16) और कप्तान एमी जोंस (17) के भी सस्ते में आउट होने से ं 9.3 ओवर में मात्र 54 रन पर पांच विकेट खो दिए तो उसकी पारी 100 रन के भीतर सिमटती लगी। संकट की इस घड़ी में माइया बुइचर (34 रन, 26 गेंद, चार चौके) और 17 बरस की बाएं हाथ की सीमर फ्रेया कैंप (51*, 37 गेंद, तीन छक्के, तीन चौके) की छठे विकेट के लिए 64 रन की भागीदारी की बदौलत इंग्लैंड ने निर्धारित 20 ओवर में छह विकेट पर 142 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा किया।
बाएं हाथ की स्मृति मंधाना (79*, 53 गेंद, 13 चौके) और कप्तान हरमनप्रीत कौर (2९*, ३२ गेंद, चार चौके) की तीसरे विकेट की 69 रन की असमाप्त भागीदारी की बदौलत भारत ने 16.4 ओवर में दो विकेट पर 146 रन बनाकर मैच जीत लिया। स्मृति ने तेज गेंदबाज फ्रेया डेविस की गेंद पर चौका जड़ कर भारत को यह जीत दिलाई। स्मृति और शैफाली वर्मा(20 रन, 17 गेंद,4 चौके) ने छह ओवर में 55 रन जोड़ कर भारत की जीत की नींव रख दी थी। शैफाली के लेफ्ट आर्म स्पिनर सौफी एक्लस्टोन को ड्राइव करने की कोशिश में उन्हें ही वापस कैच थमाने से यह भागीदारी टूटी । स्मृति और बाद हेमलता(9) ने 20 रन जोड़े थे तभी हेमलता के डेविस की गेंद को ड्राइव करने की कोशिश में गेंद की लाइन चूकने से बोल्ड होने से यह भागीदारी भी टूट गई। अनुभवी स्मृति और कप्तान हरमनप्रीत ने धैर्य और सूझबूझ से खेल भारत को जीत दिला कर ही दम लिया।
भारत के लिए नई गेंद से आगाज तेज गेंदबाज रेणुका सिंह के साथ ऑफ स्पिन ऑलराउंडर दीप्ति शर्मा (1/30) ने कर इंग्लैंड की ओपनर सोफिया डंकले(5) को विकेटकीपर ऋचा घोष के हाथों अपनी पहली ही गेंद पर स्टंप आउट कराया। अगले और अपने दूसरे में ओवर में रेणुका ने डैनी वेट (6) को स्नेहा राणा के हाथों कैच करा पैवेलियन लौटाया और इसी ओवर की अंतिम गेंद पर कैप्सी (4) को भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने सीधे थ्रो से रन आउट कर उसके तीन विकेट 16 रन पर निकाल निकाल दिए।ऑफ स्पिन ऑलराउंडर स्नेह राणा ने अपने शुरू के दो ओवर में पहले ब्रायनी स्मिथ(16) को राधा यादव के हाथों कैच कराया और कप्तान एमी जोंस(17) को बोल्ड कर दसवें ओवर के अधबीर उसके पांच 54 रन पर निकाल उसकी कमर ही तोड़ दी। माइया बुइचर और फ्रेया कैंप ने जवाबी हमला बोलते हुए आठ ओवर में 64 रन जोड़ इंग्लैंड की मैच में वापसी की उम्मीद जगाई लेकिन तभी बुइचर को स्नेह राणा ने विकेटकीपर ऋचा घोष के हाथों स्टंप करा इस भागीदारी को तोड़ा। कैंप और एक्लस्टोन ने 20 गेंदों में 23 रन की असमाप्त भागीदारी कर इंग्लैंड को चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचायाा।
‘कोशिश हड़बड़ी में शॉट न खेलने की रही’
‘सीरीज का पहला मैच हारने के बाद हमें जोरदार वापसी कर सीरीज में बराबरी पाने की जरूरत थी। मेरी कोशिश हड़बड़ी में शॉट न खेलने और मैच को आखिर तक ले जाने की रही। पिच बल्लेबाजी की बढिय़ा थी, मैंने अपनी लय वापस पा ली और मैंने अपने मनमाफिक ढंग से गेंद को टाइम किया। आप बतौर ओपनर अपनी टीम को बढिय़ा आगाज दिलाने के मकसद से ही उतरती हैं। टीम की जीत में योगदान कर खुश हूं। जहां तक शैफाली वर्मा के साथ भागीदारी का ताल्लुक है तो शैफाली की कोशिश गेंदबाजों पर हावी होने की रहती है। मैं अपनी और शैफाली की ताकत को जेहन में रखते हुए हमने इंग्लैंड की अलग-अलग गेंदबाजों के निशाना बनाती है।
-स्मृति मंधाना, मैच की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी
‘स्मृति और मैं जानती हूं कि कब एक रन दौडऩा है, कब चौका लगाना है’
‘बेशक हमने बेहतर खेल का प्रदर्शन किया। मंगलवार को अपनी टीम के खेल से मैं वाकई खुश हंूं। हमने डरहम में पहले मैच की स्थितियों की चर्चा कर उसी के मुताबिक अभ्यास किया। हमारी अपनी बल्लेबाजी के लिए योजना थी और जरूरी इसे अमली जामा पहनाना। हमारी इस जीत का श्रेय हमारी गेंदबाजों और फील्डरों को भी है। हम बेहतर बल्लेबाजी करना चाहती थी। जब मैं और स्मृति पिच पर उतर कर साथ साथ बल्लेबाजी करती हैं तो हममें पारी को आगे बढ़ाने का भरोसा रहता है। स्मृति और मैं जानती हूं कि कब एक रन दौडऩा है और कब चौका लगाना है।
-हरमनप्रीत कौर, भारत की कप्तान