रविवार दिल्ली नेटवर्क
हमीरपुर : हमीरपुर के निवादा गांव में दशकों पुरानी परंम्परा को कायम रखते हुए घूंघट वाली महिलाओं ने दंगल में प्रतिभाग किया और कुश्ती के पूरे दांवपेंच दिखाए।
गांव निवासी 85 वर्षीय राधेश्याम तिवारी ने बताया कि अंग्रेजी शासन काल में जब अंग्रेज सिपाहियों का तांडव होता था तो पुरुष छिप जाते थे तब महिलाएं लोहा लिया करती थीं। तब से यह परम्परा लगातार चली आ रही है। दंगल में पुरूषों के प्रवेश वर्जित रहता है। उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन के तीसरे दिन दंगल का आयोजन किया जाता है, जहां कई गांव की महिलाएं बड़ी संख्या में प्रतिभाग करती हैं।