अहमदाबाद-बाँसवाड़ा वाया डूंगरपुर रेल लाईन का कार्य पुनःशुरू, सांसद ने जताया आभार

नीति गोपेंद्र भट्ट

नई दिल्ली : बाँसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद कनक मल कटारा ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से नई दिल्ली में भेंट कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनका अहमदाबाद-बाँसवाड़ा वाया डूंगरपुर रेल लाईन का कार्य पुनः शुरू करने की स्वीकृति प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया।

कटारा ने कहा कि आदिवासी बहुल वागड़ क्षेत्र के बाशिन्दे केन्द्र सरकार के इस अहम फ़ैसलें से बहुत खुश है और पीएम मोदी और आपके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय ने 188.85 कि.मी. लम्बी अहमदाबाद-बाँसवाड़ा वाया डूंगरपुर रेल लाईन परियोजना की डी-फ्रीजिंग को मंजूरी प्रदान कर और इसका कार्य पुनःशुरू करने को हरी झण्डी देकर आजादी के अमृत वर्ष में वागड इलाक़े के लोगों विशेष कर बाँसवाड़ा वासियों को एक यादगार उपहार दिया है । रेल्वे बोर्ड जल्द से जल्द परियोजना के लिए संशोधित अनुमान तैयार कर इसे लागू करेगा। डी-फ्रीजिंग की मंजूरी के पश्चात राजस्थान सरकार इस बड़ी लाइन के लिए अधिग्रहित भूमि रेल्वे बोर्ड को सौंपेगा और उसके बाद रेल्वे द्वारा तत्काल संशोधित अनुमान लागत राशि की 50 प्रतिशत सीमा तक राशि व्यय की जायेगी।

इस परियोजना का कार्य फिर से शुरू कराने के लिए बाँसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद कनक मल कटारा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की और लोकसभा में भी इस माँग को कई बार सदन में उठाया तथा बताया कि आदिवासी बहुल बाँसवाड़ा राजस्थान का एक ऐसा जिला है जिसके किसी कोने से आजादी के 75 वर्षों के बाद भी रेल नही गुजरती है।

सांसद कटारा ने केन्द्रीय रेल,संचार, इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौधोगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी कई बार भेंट की । इस पर वैष्णव ने उन्हें आश्वासन दिया था कि भारत सरकार एक विशेष ट्राइबल कोरिडोर बना कर अहमदाबाद-बाँसवाड़ा वाया डूंगरपुर रेल लाईन का कार्य शुरू कराने पर गम्भीरता से विचार कर रही है।

इस ब्रॉड गेज मार्ग पर रेल आवागमन होने से दक्षिणी राजस्थान का वागड़ इलाक़ा गुजरात और मध्य प्रदेश के साथ देश की राजधानी नई दिल्ली और वाणिज्यिक राजधानी मुम्बई सहित देश के अन्य भागों से जुड़ जायेगा तथा इस इलाक़ा से रोज़गार के लिए अन्यत्र आने-जाने वाले श्रमिकों के साथ ही व्यापारियों और उध्यमियों को भी इसका लाभ मिलेगा। साथ ही तीनों प्रदेशों की पर्यटन गतिविधियाँ भी बढ़ेगी और यह रेल लाईन माल ढोने तथा सेना के असले को लाने ले जाने की दृष्टि से देश की वैकल्पिक सुरक्षा लाईन भी साबित होंगी।